लखीमपुर खीरीः शहर के मिश्राना मोहल्ले के रहने वाले विजय कुमार रस्तोगी की हालत अचानक खराब हो गई. विजय को 'O' निगेटिव ब्लड की जरूरत थी. इस वक्त ब्लड बैंक में भी खून नहीं मिल रह. ब्लड बैंक में काम करने वाले सुशान्त सिंह को ये बात पता लगी तो उन्होंने भगत सिंह निस्वार्थ सेवा समिति चलाने वाले समाजसेवी जसपाल सिंह पाली से सम्पर्क किया.
रोजा खत्म होने पर अलीशा ने दिया खून
इन सबने मिलकर हिदायत नगर में रहने वाली अलीशा खान को खोज निकाला. अलीशा का ब्लड ग्रुप 'o' निगेटिव है. अलीशा से गम्भीर समस्या बताई गई तो अलीशा ने पहले तो रोजा का हवाला दिया फिर उसने इंसानियत के नाते खून देने पर हामी भर दी. अलीशा रोजा खत्म कर ब्लड बैंक आईं और ब्लड डोनेट कीं.
खून मिलने से हालत में सुधार
'o' निगेटिव ब्लड चढ़ने से मिश्राना मोहल्ला निवासी विजय की हालत में सुधार हो गया है. अलीशा के खून देने से एक बार फिर इंसानियत नफरतों पर भारी पड़ गई. अब अलीशा की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है. सोशल मीडिया पर अलीशा की तारीफ और गंगा-जमुनी तहजीब की जीत के श्लोगन लिखे जा रहे हैं. लोगों का कहना है कि असली हिन्दुस्तान तस्वीर यही है.