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फिरौती के लिए कर्ज में डूबे युवक ने खुद का ही किया अपहरण, ऐसे हुआ खुलासा

कुशीनगर में कर्ज में डूबे युवक ने खुद के ही अपहरण की साजिश रच डाली. उसने पर्ची के जरिए अपने ही बैंक खाते में दस लाख रुपये की फिरौती मांगी. पत्नी की तहरीर पर जब पुलिस की तीन टीमें जांच में जुटीं तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया है. आगे पढ़िए खबर विस्तार से...

कुशीनगर में खुद के अपहरण की साजिश रचने वाला मोहन कुशवाहा पकड़ा गया.
कुशीनगर में खुद के अपहरण की साजिश रचने वाला मोहन कुशवाहा पकड़ा गया.
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Published : Sep 19, 2021, 12:59 PM IST

कुशीनगर : पटहेरवा थाना क्षेत्र के रकवा राजा निवासी मोहन कुशवाहा के अपहरण की कहानी आखिर झूठी निकली. पुलिस को जांच में पता चला कि मोहन ने ही खुद का अपहरण किया था. रिश्तेदार के यहां बाइक खड़ी कर चाभी और फिरौती की पर्ची छोड़ी थी. पर्ची में मोहन ने खुद के खाते में दस लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. ऐसा न होने पर जान से मार देने की बात लिखी थी. पत्नी की तहरीर पर पुलिस की तीन टीमें छानबीन में जुटी तो 15 दिन में इस साजिश का खुलासा हो गया. पुलिस ने मोहन को गिरफ्तार कर लिया और उसके बाद जेल भेज दिया गया.


पटहेरवा थानाक्षेत्र के रकवा राजा का रहने वाला मोहन कुशवाहा तीन सितंबर को तमकुहीराज अपने रिश्तेदार हरेन्द्र की दुकान पर चुपके से अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर गायब हो गया. यहां दुकान में रखी रैक पर वह चाभी और एक पर्ची छोड़ गया. पर्ची में दस लाख की फिरौती बैंक खाते में डलवाने और खाते से फिरौती की रकम निकलने के बाद ही मोहन को छोड़ने की बात लिखी थी.

दोस्त से कर्ज लेने आया था, पकड़ गया

पुलिस के अनुसार, मामला संदिग्ध देख छानबीन शुरू की गई तो पता चला कि उसके ऊपर रिश्तेदारों और परिचितों का काफी कर्ज है. मोटरसाइकिल रिश्तेदार के यहां खड़ी कर उसकी चाबी और फिरौती की पर्ची वहीं छोड़ने से भी पुलिस को पूरा मामला समझ में आ गया. पुलिस टीम लगातार छानबीन कर रही थी कि शनिवार को मुखबिर की सूचना और सर्विसलांस टीम की मदद से अपहृत मोहन की सकुशल बरामदगी कर ली गई. पूछताछ में मोहन ने खुद के झूठे अपहरण की पूरी कहानी बताई. उसने बताया कि उसने ऐसा इसलिए किया था ताकि कर्ज न चुकाना पड़े. वह मोबाइल स्विचऑफ कर बस्ती में रह रहा था और पैसे खत्म होने के बाद दोस्त से कर्ज लेने आया था.

यह भी पढ़ेंः कम हो रहा कोरोना का प्रकोप, प्रदेश में मिले 5 संक्रमित मरीज

पुलिस अधीक्षक सचिंद्र पटेल ने बताया कि मोहन किसी काम से घर से निकला था, फिर वह लौटा नहीं, इस पर घरवालों ने पहले गुमशुदगी दर्ज कराई. अगले दिन उसकी मोटरसाइकिल रिश्तेदार के घर से मिली. एक पर्ची भी थी जिसमें फिरौती की मांग की गई थी. एसओजी टीम, स्वाट टीम और थानाप्रभारी के नेतृत्व में अलग-अलग तीन टीमें बनाकर मामले की जांच में लगाया गया. सर्विसलांस की रिपोर्ट में साफ हो गया कि यह स्वरचित अपहरण का केस है. शनिवार को मोहन को सकुशल बरामद कर लिया गया. उसके खिलाफ धारा-192, 420, 406, 386 के तहत मामला पंजीकृत कर लिया गया है. उसे जेल भेजा दिया गया है.

कुशीनगर : पटहेरवा थाना क्षेत्र के रकवा राजा निवासी मोहन कुशवाहा के अपहरण की कहानी आखिर झूठी निकली. पुलिस को जांच में पता चला कि मोहन ने ही खुद का अपहरण किया था. रिश्तेदार के यहां बाइक खड़ी कर चाभी और फिरौती की पर्ची छोड़ी थी. पर्ची में मोहन ने खुद के खाते में दस लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. ऐसा न होने पर जान से मार देने की बात लिखी थी. पत्नी की तहरीर पर पुलिस की तीन टीमें छानबीन में जुटी तो 15 दिन में इस साजिश का खुलासा हो गया. पुलिस ने मोहन को गिरफ्तार कर लिया और उसके बाद जेल भेज दिया गया.


पटहेरवा थानाक्षेत्र के रकवा राजा का रहने वाला मोहन कुशवाहा तीन सितंबर को तमकुहीराज अपने रिश्तेदार हरेन्द्र की दुकान पर चुपके से अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर गायब हो गया. यहां दुकान में रखी रैक पर वह चाभी और एक पर्ची छोड़ गया. पर्ची में दस लाख की फिरौती बैंक खाते में डलवाने और खाते से फिरौती की रकम निकलने के बाद ही मोहन को छोड़ने की बात लिखी थी.

दोस्त से कर्ज लेने आया था, पकड़ गया

पुलिस के अनुसार, मामला संदिग्ध देख छानबीन शुरू की गई तो पता चला कि उसके ऊपर रिश्तेदारों और परिचितों का काफी कर्ज है. मोटरसाइकिल रिश्तेदार के यहां खड़ी कर उसकी चाबी और फिरौती की पर्ची वहीं छोड़ने से भी पुलिस को पूरा मामला समझ में आ गया. पुलिस टीम लगातार छानबीन कर रही थी कि शनिवार को मुखबिर की सूचना और सर्विसलांस टीम की मदद से अपहृत मोहन की सकुशल बरामदगी कर ली गई. पूछताछ में मोहन ने खुद के झूठे अपहरण की पूरी कहानी बताई. उसने बताया कि उसने ऐसा इसलिए किया था ताकि कर्ज न चुकाना पड़े. वह मोबाइल स्विचऑफ कर बस्ती में रह रहा था और पैसे खत्म होने के बाद दोस्त से कर्ज लेने आया था.

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पुलिस अधीक्षक सचिंद्र पटेल ने बताया कि मोहन किसी काम से घर से निकला था, फिर वह लौटा नहीं, इस पर घरवालों ने पहले गुमशुदगी दर्ज कराई. अगले दिन उसकी मोटरसाइकिल रिश्तेदार के घर से मिली. एक पर्ची भी थी जिसमें फिरौती की मांग की गई थी. एसओजी टीम, स्वाट टीम और थानाप्रभारी के नेतृत्व में अलग-अलग तीन टीमें बनाकर मामले की जांच में लगाया गया. सर्विसलांस की रिपोर्ट में साफ हो गया कि यह स्वरचित अपहरण का केस है. शनिवार को मोहन को सकुशल बरामद कर लिया गया. उसके खिलाफ धारा-192, 420, 406, 386 के तहत मामला पंजीकृत कर लिया गया है. उसे जेल भेजा दिया गया है.

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