कुशीनगरः दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के पहले सेमेस्टर की परीक्षा की तिथियां घोषित हो गयी हैं. ये परीक्षा 22 जनवरी से शुरू होगी. इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग से ही परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी.
बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कुशीनगर में प्रवेश पत्र लेने के लिए छात्र - छात्राओं की भारी भीड़ उमड़ी. इस महाविद्यालय में लगभग 10 हजार छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे हैं. यहां अधिकांश छात्र-छात्राएं बिना मास्क के नजर आए.
इस संबंध में यहां के प्राचार्य डा. सिद्धार्थ पाण्डेय ने बताया कि सच तो यह है कि यह परीक्षा इस कोरोना काल मे ठीक से करा पाना एक बड़ी चुनौती है. अभी हमारे पास एक हाल में कितने बच्चों पर कितने कक्ष निरीक्षक लगाए जाएं उसका पुराना मानक ही उपलब्ध है.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई नया दिशा निर्देश नहीं जारी किया है. बच्चों में पर्याप्त शारीरिक दूरी बना पाना संम्भव नहीं है. बड़ी परीक्षाओं में दूरी बनाकर परीक्षा कराने पर अतिरिक्त कक्षा, कक्ष और स्टाफ की जरूरत होगी जो पर्याप्त नहीं है.
परीक्षा के दौरान बहुत से छात्र बुखार होने पर पैरासिटामोल खाकर चले आते हैं. ऐसे में थर्मल स्क्रीनिंग कराने का भी कोई लाभ नहीं होगा. प्रदेश में लखनऊ, अवध, सिद्धार्थ सहित कई विश्वविद्यालयों ने परीक्षाएं टाल दीं. यहां भी परीक्षाएं टाल देना ही हितकर होगा. मैं परीक्षा समिति के सदस्यों के साथ परीक्षा की तैयारियों में लगा हुआ हूं.
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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर द्वारा आयोजित मिड टर्म व सेमेस्टर परीक्षा 2022 से संबंधित समस्त तैयारी पूर्ण कर ली गईं हैं. परीक्षा महाविद्यालय में 22 जनवरी से शुरू होकर 18 फरवरी तक चलेगी. यह परीक्षा दो पालियों यानी प्रातः 09:00-11:30 व सायं 01:00- 02:30 के बीच होगी.
समस्त परीक्षार्थियों को परीक्षा प्रारम्भ होने से 1 घंटा पूर्व उपस्थित होना अनिवार्य है. परीक्षा प्रारंभ होने के 30 मिनट के बाद परीक्षा कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. समस्त परीक्षार्थियों को अपने साथ प्रवेश पत्र, कलम, मास्क व सैनिटाइजर लाना अनिवार्य है. सभी परीक्षार्थियों को कोरोना नियम का पालन करना अनिवार्य होगा. 22 जनवरी को प्रथम पाली में 192 व द्वितीय पाली में 596 परीक्षार्थी परीक्षा में भाग लेंगे.
ग्रामीण क्षेत्र के एक महाविद्यालय के छात्र भीम ने बताया कि प्रवेश पत्र में यह स्पष्ट नहीं है कि एक विषय के कितने प्रश्नपत्र देने हैं. इस वजह से भ्रम की स्थिति बनी हुई है. प्रवेश पत्र पर ही हमारे विषयों की समय सारणी छपी हुई है उसमें भी त्रुटियां हैं. जैसे कुछ पाठ्यक्रमों का नाम लिखा है लेकिन उन विषयों की न तो पढ़ाई हुई है और न उसकी पुस्तकें ही बाजार में उपलब्ध हैं.
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