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कुशीनगर: सीएमओ समेत 14 अधिकारियों का वेतन रोका गया - कुशीनगर जिलाधिकारी ताजा खबर

कुशीनगर जिले में काम में लापरवाही के कारण 14 अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया है. जिलाधिकारी भूपेन्द्र एस चौधरी ने दो दिन पूर्व आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा की थी. जिसमें कई विभागों के अधिकारियों की ओर से इस कार्य में लापरवाही पाई गई. जिसके बाद जिलाधिकारी ने चिन्हित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है.

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बैठक करते जिलाधिकारी
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Published : Jul 3, 2020, 8:58 PM IST

कुशीनगर: जिले में आम लोगों की समस्याओं का IGRS पोर्टल पर समुचित जवाब समय से नहीं देने पर जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी सहित 14 लोगों का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है. जिलाधिकारी ने इन अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है.

जिलाधिकारी ने की कार्रवाई
जिलाधिकारी भूपेन्द्र एस चौधरी ने दो दिन पूर्व आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा की थी. उसमें पाया गया कि कई विभागों के अधिकारी कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं. सूचना विभाग की ओर से जारी 14 अधिकारियों की इस सूची में पहले नम्बर पर जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी का नाम है. जारी आंकड़ों के मुताबिक लापरवाही बरतने वाले इन विभागों में पहले स्थान पर स्वास्थ्य महकमा ही है. इसलिए सीएमओ सहित चार अधिकारियों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है.

दूसरे स्थान पर पंचायती राज विभाग के तीन अधिकारी हैं और तीसरे स्थान पर बेसिक शिक्षा और बाल पुष्टाहार विभाग है. जिसके दो-दो अधिकारी इस सूची में हैं. इसके अलावा उद्योग विभाग का एक, ग्राम्य विकास विभाग का एक और बैंक के एक अधिकारी का वेतन रोका गया है.

जिलाधिकारी भूपेन्द्र एस चौधरी की इस कार्रवाई के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. जिसके बाद सभी अपने अपने स्तर से IGRS पोर्टल पर सम्बन्धित वादों का निस्तारण कर अपना जवाब दाखिल करने में लगे हुए हैं.

कुशीनगर: जिले में आम लोगों की समस्याओं का IGRS पोर्टल पर समुचित जवाब समय से नहीं देने पर जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी सहित 14 लोगों का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है. जिलाधिकारी ने इन अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है.

जिलाधिकारी ने की कार्रवाई
जिलाधिकारी भूपेन्द्र एस चौधरी ने दो दिन पूर्व आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा की थी. उसमें पाया गया कि कई विभागों के अधिकारी कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं. सूचना विभाग की ओर से जारी 14 अधिकारियों की इस सूची में पहले नम्बर पर जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी का नाम है. जारी आंकड़ों के मुताबिक लापरवाही बरतने वाले इन विभागों में पहले स्थान पर स्वास्थ्य महकमा ही है. इसलिए सीएमओ सहित चार अधिकारियों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है.

दूसरे स्थान पर पंचायती राज विभाग के तीन अधिकारी हैं और तीसरे स्थान पर बेसिक शिक्षा और बाल पुष्टाहार विभाग है. जिसके दो-दो अधिकारी इस सूची में हैं. इसके अलावा उद्योग विभाग का एक, ग्राम्य विकास विभाग का एक और बैंक के एक अधिकारी का वेतन रोका गया है.

जिलाधिकारी भूपेन्द्र एस चौधरी की इस कार्रवाई के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. जिसके बाद सभी अपने अपने स्तर से IGRS पोर्टल पर सम्बन्धित वादों का निस्तारण कर अपना जवाब दाखिल करने में लगे हुए हैं.

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