कुशीनगर: नेपाल के वाल्मीकि नगर बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी के दबाव से जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र में मंगलवार शाम रेलवे के एक निर्माणाधीन रेल लाइन बांध का 30 मीटर हिस्सा बह गया. नारायणी नदी का पानी टूटे हिस्से से निकलते हुए तेजी से रिहायशी इलाके में फैल रहा है. अपर जिलाधिकारी ने बताया कि इसकी कोई सूचना नही थी. तत्काल क्षेत्रीय एसडीएम को मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया गया है.
देर शाम नेपाल के वाल्मीकि नगर बैराज से 4 लाख 24 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इस कारण कुशीनगर में नारायणी नदी खतरे के निशान को पार कर गई थी. नदी किनारे के निचले इलाके के गांवों में जलभराव तो सोमवार से ही शुरू हो गया था. आज मंगलवार शाम अचानक छितौनी-तमकुहीरोड निर्माणाधीन रेल लाइन के बन्धे का एक हिस्सा पानी के दबाव से बह गया.
कई गांवों में बाढ़ खतरा
नारायणी नदी में बढ़ते जलस्तर का असर साफ दिखा. खड्डा क्षेत्र में छितौनी कस्बे के निकट बिहार प्रांत की सीमा में पड़ने वाले सिरपत नगर गांव के सामने रेलवे के इस बांध का हिस्सा बह जाने से पानी का रुख गांवों की तरफ हो गया.
स्थानीय नागरिक आनन्द कुशवाहा ने बताया कि पानी बहुत तेजी से टूटे हिस्से से निकलकर खेतों में फैल रहा है. अगर यह जारी तो रात भर में नरकहवा, बुलहवा, दरगौली सहित आधा दर्जन गांवों तक पानी पहुंच जाएगा. पानी का दबाव बना रहा तो छितौनी नगर पंचायत का भी काफी हिस्सा जलमग्न हो जाएगा. उन्होंने बताया कि कई घण्टे हो चुके हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अभी तक नही आया है. अपर जिलाधिकारी विंध्यवासिनी राय ने ईटीवी भारत से कहा कि जिले तक ऐसी कोई सूचना नही है, तत्काल क्षेत्रीय एसडीएम को मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया गया है.