कुशीनगर: नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के भूमिहारी पट्टी चखनी गांव में पुलिसकर्मियों ने जमकर तांडव किया. यहां बीडीसी के पति ने पुलिस वालों की अभद्रता की शिकायत की. जो पुलिस वालों को रास नहीं आयी. करीब 30 पुलिस वालों ने उनके घर पर एक साथ धावा बोल दिया. यहां पुलिसवालों के सामने जो भी आया, उसको पीटना शुरू कर दिया. पुलिस की लाठीचार्ज में एक शख्स का हाथ टूटने का आरोप है. पुलिस की इस कार्रवाई में कई लोग घायल हो गये.
नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के नौरंगिया कप्तानगंज मार्ग पर स्थित भूमिहारी पट्टी चौराहे पर वर्तमान ग्राम प्रधान की दुकान के सामने एक मनरेगा मजदूर शंभू अपनी बकाया मजदूरी मांग रहा था. प्रधान के बेटे ने सरकारी कारणों का हवाला देकर उसे टाल दिया. इसके बाद प्रधान के बेटे ने 112 पर कॉल की और पुलिस सहायता मांगी. वहां क्षेत्र पंचायत सदस्य के पति राजेश गुप्ता भी पहुंच गए. तभी 112 नंबर की पुलिस वहां पहुंची और लोगों के साथ गाली-गलौच करने लगी.
राजेश ने इसकी शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम 112 पर की और पुलिस वालों की बदसलूकी के बारे में बताया. वहां से राजेश को कार्रवाई का आश्वासन मिला और पुलिस सहायता भेजने की बात कही गई. इसके बाद राजेश अपने घर आकर पुलिस का इंतजार करने लगा. तभी 112 नंबर पुलिस सहायता की गाड़ी उसके दरवाजे पर आकर रुकी और साथ में 8 से 10 मोटरसाइकिल पर सवार पुलिस वाले पहुंचे. नेबुआ नौरंगिया थाने की पुलिस जीप भी मौके पर पहुंची. किसी को कुछ समझ में आता, इसके पहले ही पुलिस वाले सभी को गाली देने लगे और उन्होंने लाठियां भांजनी शुरू कर दीं.
बीडीसी लक्ष्मीना ने बताया कि उनके पति राजेश को बेवजह पुलिसवालों ने चौराहे पर गालियां दीं. इसकी शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम से उन्होंने की थी. उनके घर पर करीब 30 पुलिस वाले पहुंचे और उनके पति को मारने लगे. उनका मोबाइल छीनने की कोशिश भी की. पुलिस वालों ने राजेश और दूसरे लोगों को बुरी तरह मारा और पिटाई के कारण राजेश बेहोश हो गये.
ग्राम प्रधान ने कहा कि इस मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है. वहीं नेबुआ नौरंगिया ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि शेषनाथ यादव ने पुलिस के इस कार्रवाई की निंदा की और थानाध्यक्ष मिथिलेश राय से बात की.
इस मामले में थानाध्यक्ष नेबुआ नौरंगिया ने अनभिज्ञता जाहिर की. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुशीनगर के पुलिसकर्मी कितने निरंकुश हैं. अगर कोई पुलिसवालों की बदसलूकी की शिकायत करे तो उसका क्या हाल किया जाता है, राजेश गुप्ता उसका एक उदाहरण मात्र हैं.