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कुशीनगर: हॉटस्पॉट बने गांव में फैली अव्यवस्था, ग्रामीणों ने प्रशासन पर लगाया आरोप - coronavirus case in kushinagar

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के हॉटस्पॉट गांव में प्रशासन की लापरवाही सामने आई है. ग्रामीणों का आरोप है कि कोरोना संक्रमित के साथ के अन्य मजदूरों की अभी तक कोई जांच नहीं हुई है. साथ ही गांव को भी आधा अधूरा ही सैनिटाइज किया गया है.

hotspot area.
हॉटस्पॉट बने गांव में प्रशासन की लापरवाही.
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Published : May 21, 2020, 7:54 PM IST

कुशीनगरः जिले में सातवें हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित हुए सखवनिया बुजुर्ग के शिवराजपुर टोले में ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. दरअसल, संक्रमित के साथ के अन्य मजदूरों की अभी तक कोई जांच नहीं हो सकी है. वहीं क्वारंटाइन सेंटर पर एक अदद शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है.

अधिकारियों ने की थी समीक्षा
तीन दिन पूर्व कोरोना संक्रमित मिलने की सूचना पर पूरे प्रशासनिक अमले ने गांव में पड़ताल की थी. सामुदायिक भवन पर अन्य श्रमिकों को अलग-अलग रहने के निर्देश के साथ सभी आने जाने वाले मार्गों को सील किए जाने का निर्देश जारी हुआ था. ग्रामीणों की माने तो गांव के चारों तरफ के रास्तों को तो सील करवा दिया गया, लेकिन सखवनिया एवं माधोपुर से होकर शिवराजपुर को जोड़ने वाली मुख्य सड़क अभी पहले की तरह ही खुली है और आवागमन जारी है.

परिजनों और साथ रहे युवकों की नहीं हुई जांच
गांव के प्राथमिक स्कूल में कोरोना संक्रमित युवक के साथ के मजदूरों एवं घर वालों की जांच अभी तक नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों में भय व्याप्त है. प्रशासन पर संक्रमित क्षेत्र में सैनिटाइजेशन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हुए औपचारिकता निभाने का भी आरोप लग रहा है.

ग्राम प्रधान संजय सिंह ने बताया कि गांव के घरों को सैनिटाइज करने पहुंची टीम ने सिर्फ औपचारिकता निभाते हुए आधा अधूरा ही सैनिटाइजेशन किया, जिसकी सूचना तहसीलदार को दे दी गई है. श्रमिकों के आश्रय गृह बने विद्यालय में शौचालय नहीं होने की बात पर उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग को उसकी व्यवस्था करना है.

कुशीनगरः जिले में सातवें हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित हुए सखवनिया बुजुर्ग के शिवराजपुर टोले में ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. दरअसल, संक्रमित के साथ के अन्य मजदूरों की अभी तक कोई जांच नहीं हो सकी है. वहीं क्वारंटाइन सेंटर पर एक अदद शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है.

अधिकारियों ने की थी समीक्षा
तीन दिन पूर्व कोरोना संक्रमित मिलने की सूचना पर पूरे प्रशासनिक अमले ने गांव में पड़ताल की थी. सामुदायिक भवन पर अन्य श्रमिकों को अलग-अलग रहने के निर्देश के साथ सभी आने जाने वाले मार्गों को सील किए जाने का निर्देश जारी हुआ था. ग्रामीणों की माने तो गांव के चारों तरफ के रास्तों को तो सील करवा दिया गया, लेकिन सखवनिया एवं माधोपुर से होकर शिवराजपुर को जोड़ने वाली मुख्य सड़क अभी पहले की तरह ही खुली है और आवागमन जारी है.

परिजनों और साथ रहे युवकों की नहीं हुई जांच
गांव के प्राथमिक स्कूल में कोरोना संक्रमित युवक के साथ के मजदूरों एवं घर वालों की जांच अभी तक नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों में भय व्याप्त है. प्रशासन पर संक्रमित क्षेत्र में सैनिटाइजेशन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हुए औपचारिकता निभाने का भी आरोप लग रहा है.

ग्राम प्रधान संजय सिंह ने बताया कि गांव के घरों को सैनिटाइज करने पहुंची टीम ने सिर्फ औपचारिकता निभाते हुए आधा अधूरा ही सैनिटाइजेशन किया, जिसकी सूचना तहसीलदार को दे दी गई है. श्रमिकों के आश्रय गृह बने विद्यालय में शौचालय नहीं होने की बात पर उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग को उसकी व्यवस्था करना है.

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