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कुशीनगर: नारायणी नदी का जलस्तर बढ़ा, गांवों में घुसा पानी, लोगों में दहशत

कुशीनगर में बाल्मीकि नगर बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण नारायणी नदी का पानी गांवों में घुसने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. पानी लोगों के घरों में घुस गया है. इससे लोगों को आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

गांवों में घुसा पानी
गांवों में घुसा पानी
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Published : Aug 3, 2022, 9:15 AM IST

Updated : Aug 3, 2022, 2:15 PM IST

कुशीनगर: बाल्मीकि नगर बैराज से ज्यादा पानी छोड़े जाने पर नारायणी नदी का पानी नारायणी नदी पार के 6 गांवों में घुसना शुरू कर दिया है. इससे लोगों में दहशत फैल गई है. वहीं, जिलाधिकारी कुशीनगर और पुलिस अधीक्षक कुशीनगर ने कटान हो रहे गांव महादेवा का निरीक्षण कर एसडीएम खड्डा को कम्युनिटी किचन शुरू करने और बाढ़ शरण स्थल तैयार कराने का निर्देश दिया.

बताते चलें कि बाल्मीकि नगर बैराज से मंगलवार शाम पानी का डिस्चार्ज 276000 क्यूसेक होने के कारण रात में नारायणी नदी का पानी किसानों की फसलों को बर्बाद करते हुए मरिचहवा दक्षिण टोला, बसंतपुर, शिवपुर, नारायनपुर, हरिहरपुर, शाहपुर और विंध्याचलपुर गांव में घुस गया. लोगों के घरों में घुटने तक पानी भरा हुआ है. लोगों को खाना बनाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते डीएम.

नारायणपुर गांव में समरजीत, विनोद बीन, शिव बीन, महंत बीन, हीरालाल महतो सहित कई लोगों के घरों में पानी भर गया. शिवपुर में सीताराम, गुलजारी देवी, मुसहर, हीरालाल यादव, जैतून निशा, सुभावती देवी, बुद्धि राम, प्रभु चमार, विनोद सहित कई लोगों के घरों में पानी भरने से परेशानी हो गई है. मरिचहवा में सवरु, छांगुर, लालू, राधेश्याम, हरेंद्र, अमिका, कौशल्या, विनोद सहित कई लोगों के घरों में पानी भर गया. लोगों का कहना था कि यही हमारे भाग्य की नियत है. 3 महीने बरसात के मौसम में हम लोगों को कष्ट तो झेलना ही पड़ता है. नदी फसलों को भी बहा ले जा रही है. लोगों ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं ने सुधि नहीं ली है. एसडीएम भावना सिंह ने ग्राम सचिव, लेखपाल और राजस्व निरीक्षक की टीम को लगाया है.

जिलाधिकारी एसआर लिंगम और पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने नारायणी नदी में बढ़ते डिस्चार्ज की सूचना पर महादेवा गांव में हो रहे कटान स्थल का निरीक्षण किया. दोनों अधिकारियों ने निर्देश दिया कि चौकी के बगल में बाढ़ शरणालय बनाया जाए और कम्युनिटी किचन स्थापित कर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाए. पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि नारायणी नदी पार के लोगों की सुरक्षा के लिए नाव की व्यवस्था करा दी गई है. स्वास्थ्य टीम भी प्रत्येक गांव का निरीक्षण करेगी. प्रशासन हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है.

यह भी पढ़ें: पीलीभीत को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग, जनप्रतिनिधियों ने CM योगी को लिखा पत्र

उपजिलाधिकारी खड्डा भावना सिंह ने बताया कि कम्युनिटी किचन स्थापित कर भोजन की व्यवस्था एवं रख-रखाव के लिए व्यवस्था की जा रही है. नारायणी नदी पार के गांव के लोगों की भोजन व्यवस्था भी कम्युनिटी किचन के माध्यम से कराई जाएगी. इसके लिए कोटेदारों को निर्देशित किया जा चुका है. प्रशासन हर पहलु पर नजर बनाए हुए है. इस मौके पर तहसीलदार खड्डा दिनेश कुमार, बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता एमके सिंह, एसडीओ मनोरंजन कुमार, निरीक्षक लालजी प्रसाद आदि मौजूद रहे.

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कुशीनगर: बाल्मीकि नगर बैराज से ज्यादा पानी छोड़े जाने पर नारायणी नदी का पानी नारायणी नदी पार के 6 गांवों में घुसना शुरू कर दिया है. इससे लोगों में दहशत फैल गई है. वहीं, जिलाधिकारी कुशीनगर और पुलिस अधीक्षक कुशीनगर ने कटान हो रहे गांव महादेवा का निरीक्षण कर एसडीएम खड्डा को कम्युनिटी किचन शुरू करने और बाढ़ शरण स्थल तैयार कराने का निर्देश दिया.

बताते चलें कि बाल्मीकि नगर बैराज से मंगलवार शाम पानी का डिस्चार्ज 276000 क्यूसेक होने के कारण रात में नारायणी नदी का पानी किसानों की फसलों को बर्बाद करते हुए मरिचहवा दक्षिण टोला, बसंतपुर, शिवपुर, नारायनपुर, हरिहरपुर, शाहपुर और विंध्याचलपुर गांव में घुस गया. लोगों के घरों में घुटने तक पानी भरा हुआ है. लोगों को खाना बनाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

जानकारी देते डीएम.

नारायणपुर गांव में समरजीत, विनोद बीन, शिव बीन, महंत बीन, हीरालाल महतो सहित कई लोगों के घरों में पानी भर गया. शिवपुर में सीताराम, गुलजारी देवी, मुसहर, हीरालाल यादव, जैतून निशा, सुभावती देवी, बुद्धि राम, प्रभु चमार, विनोद सहित कई लोगों के घरों में पानी भरने से परेशानी हो गई है. मरिचहवा में सवरु, छांगुर, लालू, राधेश्याम, हरेंद्र, अमिका, कौशल्या, विनोद सहित कई लोगों के घरों में पानी भर गया. लोगों का कहना था कि यही हमारे भाग्य की नियत है. 3 महीने बरसात के मौसम में हम लोगों को कष्ट तो झेलना ही पड़ता है. नदी फसलों को भी बहा ले जा रही है. लोगों ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं ने सुधि नहीं ली है. एसडीएम भावना सिंह ने ग्राम सचिव, लेखपाल और राजस्व निरीक्षक की टीम को लगाया है.

जिलाधिकारी एसआर लिंगम और पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने नारायणी नदी में बढ़ते डिस्चार्ज की सूचना पर महादेवा गांव में हो रहे कटान स्थल का निरीक्षण किया. दोनों अधिकारियों ने निर्देश दिया कि चौकी के बगल में बाढ़ शरणालय बनाया जाए और कम्युनिटी किचन स्थापित कर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाए. पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि नारायणी नदी पार के लोगों की सुरक्षा के लिए नाव की व्यवस्था करा दी गई है. स्वास्थ्य टीम भी प्रत्येक गांव का निरीक्षण करेगी. प्रशासन हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है.

यह भी पढ़ें: पीलीभीत को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग, जनप्रतिनिधियों ने CM योगी को लिखा पत्र

उपजिलाधिकारी खड्डा भावना सिंह ने बताया कि कम्युनिटी किचन स्थापित कर भोजन की व्यवस्था एवं रख-रखाव के लिए व्यवस्था की जा रही है. नारायणी नदी पार के गांव के लोगों की भोजन व्यवस्था भी कम्युनिटी किचन के माध्यम से कराई जाएगी. इसके लिए कोटेदारों को निर्देशित किया जा चुका है. प्रशासन हर पहलु पर नजर बनाए हुए है. इस मौके पर तहसीलदार खड्डा दिनेश कुमार, बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता एमके सिंह, एसडीओ मनोरंजन कुमार, निरीक्षक लालजी प्रसाद आदि मौजूद रहे.

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Last Updated : Aug 3, 2022, 2:15 PM IST
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