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हजारों एकड़ सीलिंग जमीन पर भू-माफियाओं का कब्जा, गरीब परेशान

कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र का रामपुर गोनहा गांव पिछले कई दशकों से सीलिंग और बंजर की हजारों एकड़ जमीनों को लेकर चर्चा में रहा है. ग्रामीणों की सूचना के मुताबिक पडरौना राजघराने, वन विभाग और ग्राम समाज की लगभग 2200 एकड़ जमीन है. इन पर भू-माफिया और दबंग छवि के लोग अब धीरे-धीरे कब्जा कर रहे हैं.

कुशीनगर न्यूज.
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Published : Dec 10, 2020, 3:33 PM IST

कुशीनगरः महराजगंज सीमा पर स्थित खड्डा तहसील के गांव रामपुर गोनहा में सीलिंग के हजारों एकड़ जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे को लेकर चर्चा में है. दो दशक पूर्व सैकड़ों गरीब लोगों को इन जमीनों पर पट्टा भी आवंटित हुआ था, लेकिन न्यायालय के आदेशों की आड़ में दबंग लोगों का कब्जा अभी भी बरकरार है. हकीकत यह है कि सारी जमीनों के सरकारी उपयोग के बजाए इलाके के भू-माफिया और दबंग छवि के लोग इन जमीनों पर कब्जा बनाते जा रहे हैं. क्षेत्रीय एसडीएम का कहना है कि कब्जे से जुड़े मामलों की सूचना प्राप्त हुई है, जांच की जा रही है.

कुशीनगर भू-माफिया.

कैसी है ये जमीन
कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र का रामपुर गोनहा गांव पिछले कई दशकों से सीलिंग और बंजर की हजारों एकड़ जमीनों को लेकर चर्चा में रहा है. ग्रामीणों की सूचना के मुताबिक पडरौना राजघराने, वन विभाग और ग्राम समाज की लगभग 2200 एकड़ जमीन है. ग्रामीण बताते हैं कि कभी भी प्रशासन इन जमीनों के सदुपयोग की कोई योजना नहीं बना सका. इस कारण दबंग छवि के भू-माफियाओं द्वारा लगभग जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा करके रखा गया है. वहीं लोग उस पर खेती का कार्य करते हैं.

111 ग्रामीणों को मिला था पट्टा
सरकारी अभिलेखों की मिली प्रति के अनुसार 15 जून 2008 को रामपुर गोनहा गांव, तप्पा बटेसरा, परगना सिधुआ जोबना, तहसील पडरौना के 111 गरीब लोगों को पट्टा आवंटन का आदेश हुआ था. एक अन्य प्रपत्र के अनुसार जनपद कुशीनगर के सृजन के पूर्व देवरिया जिले के अन्तर्गत आने वाले इस क्षेत्र में भूमि प्रबंधन समिति के निर्णय की गोपनीय प्रति भी ईटीवी भारत को मिली है. जिसमे पट्टेदारों का उल्लेख साफ प्रदर्शित है.

ग्रामीणों ने सुनाई समस्या
गांव में मिले इस्माइल अंसारी ने बताया कि सीलिंग की जमीनों पर बड़े लोगों का ही कब्जा है. आज तक कोई गरीब कब्जा नहीं प्राप्त कर सका है. चकबन्दी हुई और उसके बाद आज तक इस गांव के लोग मुकदमों की पैरवी को लेकर जिला तक दौड़ लगाते फिर रहे हैं. गांव के नौजवान दिलीप कुशवाहा ने बताया कि भू-माफिया और अन्य दबंग लोगों का कब्जा सीलिंग पर बरकरार है, जो कोई इसके खिलाफ आवाज उठाता है. उसको किसी न किसी मामले में फंसाकर थाना चौकी पर बैठवा दिया जाता है. लोग थक हारकर चुप हो जाते हैं.

एसडीएम बोले
एसडीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि गांव चकबन्दी प्रक्रिया के अधीन है. इस कारण सीधे राजस्व विभाग कुछ देख नहीं पा रहा है. उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश के क्रम में कुछ लोग काबिज हैं, इधर अवैध कब्जे की सूचना मिली है. उसकी छानबीन कराई जा रही है.

वर्तमान में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है, लेकिन खड्डा क्षेत्र के रामपुर गोनहा गांव में इसका असर बिल्कुल ही नहीं दिख रहा है. सरकार को चाहिए कि भू-माफियाओं से इन जमीनों को कब्जा मुक्त कराते हुए गरीबों के बीच उन्हें वितरित किया जाए. साथ ही इन जमीनों पर कुछ कल-कारखानों की भी शुरूआत हो चुकी है.

कुशीनगरः महराजगंज सीमा पर स्थित खड्डा तहसील के गांव रामपुर गोनहा में सीलिंग के हजारों एकड़ जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे को लेकर चर्चा में है. दो दशक पूर्व सैकड़ों गरीब लोगों को इन जमीनों पर पट्टा भी आवंटित हुआ था, लेकिन न्यायालय के आदेशों की आड़ में दबंग लोगों का कब्जा अभी भी बरकरार है. हकीकत यह है कि सारी जमीनों के सरकारी उपयोग के बजाए इलाके के भू-माफिया और दबंग छवि के लोग इन जमीनों पर कब्जा बनाते जा रहे हैं. क्षेत्रीय एसडीएम का कहना है कि कब्जे से जुड़े मामलों की सूचना प्राप्त हुई है, जांच की जा रही है.

कुशीनगर भू-माफिया.

कैसी है ये जमीन
कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र का रामपुर गोनहा गांव पिछले कई दशकों से सीलिंग और बंजर की हजारों एकड़ जमीनों को लेकर चर्चा में रहा है. ग्रामीणों की सूचना के मुताबिक पडरौना राजघराने, वन विभाग और ग्राम समाज की लगभग 2200 एकड़ जमीन है. ग्रामीण बताते हैं कि कभी भी प्रशासन इन जमीनों के सदुपयोग की कोई योजना नहीं बना सका. इस कारण दबंग छवि के भू-माफियाओं द्वारा लगभग जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा करके रखा गया है. वहीं लोग उस पर खेती का कार्य करते हैं.

111 ग्रामीणों को मिला था पट्टा
सरकारी अभिलेखों की मिली प्रति के अनुसार 15 जून 2008 को रामपुर गोनहा गांव, तप्पा बटेसरा, परगना सिधुआ जोबना, तहसील पडरौना के 111 गरीब लोगों को पट्टा आवंटन का आदेश हुआ था. एक अन्य प्रपत्र के अनुसार जनपद कुशीनगर के सृजन के पूर्व देवरिया जिले के अन्तर्गत आने वाले इस क्षेत्र में भूमि प्रबंधन समिति के निर्णय की गोपनीय प्रति भी ईटीवी भारत को मिली है. जिसमे पट्टेदारों का उल्लेख साफ प्रदर्शित है.

ग्रामीणों ने सुनाई समस्या
गांव में मिले इस्माइल अंसारी ने बताया कि सीलिंग की जमीनों पर बड़े लोगों का ही कब्जा है. आज तक कोई गरीब कब्जा नहीं प्राप्त कर सका है. चकबन्दी हुई और उसके बाद आज तक इस गांव के लोग मुकदमों की पैरवी को लेकर जिला तक दौड़ लगाते फिर रहे हैं. गांव के नौजवान दिलीप कुशवाहा ने बताया कि भू-माफिया और अन्य दबंग लोगों का कब्जा सीलिंग पर बरकरार है, जो कोई इसके खिलाफ आवाज उठाता है. उसको किसी न किसी मामले में फंसाकर थाना चौकी पर बैठवा दिया जाता है. लोग थक हारकर चुप हो जाते हैं.

एसडीएम बोले
एसडीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि गांव चकबन्दी प्रक्रिया के अधीन है. इस कारण सीधे राजस्व विभाग कुछ देख नहीं पा रहा है. उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश के क्रम में कुछ लोग काबिज हैं, इधर अवैध कब्जे की सूचना मिली है. उसकी छानबीन कराई जा रही है.

वर्तमान में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है, लेकिन खड्डा क्षेत्र के रामपुर गोनहा गांव में इसका असर बिल्कुल ही नहीं दिख रहा है. सरकार को चाहिए कि भू-माफियाओं से इन जमीनों को कब्जा मुक्त कराते हुए गरीबों के बीच उन्हें वितरित किया जाए. साथ ही इन जमीनों पर कुछ कल-कारखानों की भी शुरूआत हो चुकी है.

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