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आज से शुरू होगा कुशीनगर महोत्सव, हिरण्यवती नदी की आरती से होगा शुभारंभ - Uttar Pradesh news

कुशीनगर महोत्सव की शुरुआत आज से यानी शनिवार को बुद्धकालीन ऐतिहासिक नदी हिरण्यवती की आरती से होगी. सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम में देश के नामचीन गायक कलाकार तो मौजूद रहेंगे ही साथ ही विभिन्न जगहों पर खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा. कार्यक्रम से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

कुशीनगर महोत्सव.
कुशीनगर महोत्सव.
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Published : Nov 6, 2021, 12:38 PM IST

कुशीनगर: 6 नवंबर यानी आज से कुशीनगर महोत्सव का आगाज हिरण्यावती नदी पर आरती व पूजन से शुरू होगा. कुशीनगर स्थित इस नदी का महत्व बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए बहुत ही खास है. इसी नदी के तट पर भगवान बुद्ध की अस्थियां विसर्जित की गई थी. यहां के धार्मिक महत्व को देखते हुए बौद्ध धर्म गुरुओं की अगुवाई में धार्मिक प्रार्थना एवं नदी का पूजन-अर्चन किया जाएगा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा.

दूसरे दिन 7 नवंबर को सेवरही नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित शिवा घाट की महत्ता को देखते हुए नदी के तट पर भगवान शिव की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी. तत्पपश्चात नदी पूजन एवं भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा. क्योंकि वहीं वह स्थान है जिसके बाद बांसी नदी नारायणी नदी में मिल जाती हैं. स्थानीय स्तर पर इस स्थान का पौराणिक और धार्मिक महत्व भी है. इसी दिन तुर्कपट्टी से शिवाघाट तक हुए पुरुष साइकिल रेस का पुरस्कार वितरण किया जाएगा.

बांसी धाम, यह वह स्थान है. जहां पर प्रभु श्री राम विवाह उपरांत जनकपुर से लौटते समय अपने पूरे बारातियों के साथ एक रात्रि के लिए ध्यान विश्राम किया था. पौराणिक मान्यता है कि यहां पर स्नान करने से काशी के स्नान के बराबर पुण्य मिलता है. इसीलिए लोकोक्ति है कि 100 काशी एक बांसी, इस स्थान के महत्व को देखते हुए 8 नवंबर को कुशीनगर महोत्सव के क्रम में प्रभु श्री राम एवं मां जानकी की मूर्ति की स्थापना के साथ बांसी नदी पूजन और भजन संध्या से होगा. नदी का पूजन और आरती बनारस के गंगा घाट पर आरती करने वाले खास पुरोहितों के द्वारा किया जाएगा एवं इस अवसर पर मशहूर गायिका तृप्ति शाक्या के साथ विंध्यवासनी धाम श्रिंगरिया विश्व मोहन मिश्र जी के साथ कथा वाचक विनी किशोरी जी का कथा वाचन भी प्रस्तावित हैं.

बरवा राजापाकड कुशीनगर जनपद के फाजिलनगर विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाला यह गांव आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल पेश करता है. लगभग 20,000 की आबादी वाला यह गांव स्थानीय लोगों के परिश्रम की कहानी बयां कर रहा है. जहां पर मंदिर निर्माण से लगायत स्थानीय तालाब का सुन्दरीकरण बिना किसी सरकारी संसाधन के स्थानीय लोगों ने अपने श्रम से किया है. इसलिए महोत्सव के चौथे दिन पूरे प्रदेश और जनपद को संदेश देने के लिए इस गांव में तैराकी प्रतियोगिता के साथ ही धार्मिक आयोजन को महत्व दिया गया है. जिसके तहत राधा कृष्ण की रासलीला और फूलों की होली का भी आयोजन किया जाएगा.

कुबेरस्थान धार्मिक दृष्टिकोण से कुशीनगर जनपद में पड़ने वाला स्थान अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है. इस स्थल की मान्यता है कि रावण के आतंक से बचने के लिए भगवान कुबेर ने इस स्थान पर भगवान शिव की आराधना की थी और इसी महत्व को देखते हुए यहां पर 9 से 10 नवंबर तक राज्यस्तरीय महिला वॉलीबॉल प्रतियोगिता के साथ 10 नवंबर की शाम शिव जागरण का भी कार्यक्रम रखा गया है.

महोत्सव के छठे दिन प्रवासियों का इलाका लतावा मुरलीधर को महत्व दिया गया है. जिससे ग्रामीण अंचल में भी प्रदेश के आत्मनिर्भर भारत की योजनाओं को आम जन तक पहुंचाया जा सके. क्योंकि इस स्थल से कुछ ही किलोमीटर पर हमें थावे भवानी का प्रसिद्ध स्थल भी है जो गोपालगंज जिले में पड़ता है.

महोत्सव के सातवें दिन कुशीनगर जनपद के तमकुही राज विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाले दनियाडी में होगा. यह दियर का इलाका कहलाता है जो विकास और सामान्य संसाधनों से बहुत दूर है. यहां प्रसिद्ध भजन गायक भरत शर्मा व्यास, संजोली पांडेय के साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, फिल्म अभिनेता व गायक मनोज तिवारी मृदुल व सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय मौजूद रहेंगे.

तुर्कपट्टी जो सूर्य मंदिर के चलते अलग पहचान रखता हैं. सन 1981 में खुदाई के दौरान गुप्तकालीन सूर्य प्रतिमा यहां से प्रकट हुई थी. इसी धार्मिक महत्व को आम जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से 13 और 14 नवंबर को महोत्सव के अंतिम पड़ाव के सभी कार्यक्रमों को यहां पर आयोजित करने का निर्णय हुआ है. जिसमें मशहूर कलाकार रितेश पांडेय व स्नेह उपाध्याय के साथ ही गुलशन कुमार के छोटे भाई दर्शन जी भी रहेंगे.

महिला व पुरुष साइकिल रेस, लड़के और लड़कियों का मैराथन प्रतियोगिता, ग्रामीण क्रिकेट लीग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा. इस महोत्सव के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि धार्मिक महत्व रखने वाली सभी स्थानों को एक धागे में पिरोया जा सके और इसीलिए पडरौना, तमकुही, कुशीनगर, कुबेरस्थान लतवा मुरलीधर, बरवा राजापाकड दनियाडी, फाजिलनगर और तुर्कपट्टी में आयोजन को प्रस्तावित किया गया है.

महोत्सव के दौरान जिला गौरव सम्मान, प्रगतिशील किसान सम्मान, साहित्य सम्मान, राष्ट्र निर्माता सम्मान (स्वतंत्रता सेनानी) एवं उत्तर प्रदेश रत्न सम्मान से भी विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा.


खेल प्रतियोगिता

1. महिला राज्य स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता- 9 से 10 नवंबर, कुबेर स्थान
2. पुरुष राज्य स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता -10 से 11 नवंबर -- लतवा मुरलीधर
3. जिला स्तरीय महिला साइकिल रेस फाजिलनगर से तुर्कपट्टी (13 नवंबर सुबह 8 बजे से)
4. जिला स्तरीय पुरुष साईकिल रेस ( तुर्कपट्टी से शिवाघाट 7 नवंबर सुबह 9 बजे से)
5. जिला स्तरीय तैराकी प्रतियोगिता ( 9 नवंबर सुबह 10 बजे से )
6.जिला स्तरीय महिला मैराथन (किसान डिग्री कॉलेज बनरहा मोड़ से बरवा राजापाकड तक (14 नवंबर सुबह 8 बजे से)
7.जिला स्तरीय पुरुष मैराथन बरवा राजापाकड से तुर्कपट्टी तक ( 14 नवम्बर सुबह 10 बजें से)

इसे भी पढे़ं- कुशीनगर : लोकरंग महोत्सव में पहली बार आए विदेशी कलाकार

कुशीनगर: 6 नवंबर यानी आज से कुशीनगर महोत्सव का आगाज हिरण्यावती नदी पर आरती व पूजन से शुरू होगा. कुशीनगर स्थित इस नदी का महत्व बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए बहुत ही खास है. इसी नदी के तट पर भगवान बुद्ध की अस्थियां विसर्जित की गई थी. यहां के धार्मिक महत्व को देखते हुए बौद्ध धर्म गुरुओं की अगुवाई में धार्मिक प्रार्थना एवं नदी का पूजन-अर्चन किया जाएगा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा.

दूसरे दिन 7 नवंबर को सेवरही नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित शिवा घाट की महत्ता को देखते हुए नदी के तट पर भगवान शिव की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी. तत्पपश्चात नदी पूजन एवं भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा. क्योंकि वहीं वह स्थान है जिसके बाद बांसी नदी नारायणी नदी में मिल जाती हैं. स्थानीय स्तर पर इस स्थान का पौराणिक और धार्मिक महत्व भी है. इसी दिन तुर्कपट्टी से शिवाघाट तक हुए पुरुष साइकिल रेस का पुरस्कार वितरण किया जाएगा.

बांसी धाम, यह वह स्थान है. जहां पर प्रभु श्री राम विवाह उपरांत जनकपुर से लौटते समय अपने पूरे बारातियों के साथ एक रात्रि के लिए ध्यान विश्राम किया था. पौराणिक मान्यता है कि यहां पर स्नान करने से काशी के स्नान के बराबर पुण्य मिलता है. इसीलिए लोकोक्ति है कि 100 काशी एक बांसी, इस स्थान के महत्व को देखते हुए 8 नवंबर को कुशीनगर महोत्सव के क्रम में प्रभु श्री राम एवं मां जानकी की मूर्ति की स्थापना के साथ बांसी नदी पूजन और भजन संध्या से होगा. नदी का पूजन और आरती बनारस के गंगा घाट पर आरती करने वाले खास पुरोहितों के द्वारा किया जाएगा एवं इस अवसर पर मशहूर गायिका तृप्ति शाक्या के साथ विंध्यवासनी धाम श्रिंगरिया विश्व मोहन मिश्र जी के साथ कथा वाचक विनी किशोरी जी का कथा वाचन भी प्रस्तावित हैं.

बरवा राजापाकड कुशीनगर जनपद के फाजिलनगर विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाला यह गांव आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल पेश करता है. लगभग 20,000 की आबादी वाला यह गांव स्थानीय लोगों के परिश्रम की कहानी बयां कर रहा है. जहां पर मंदिर निर्माण से लगायत स्थानीय तालाब का सुन्दरीकरण बिना किसी सरकारी संसाधन के स्थानीय लोगों ने अपने श्रम से किया है. इसलिए महोत्सव के चौथे दिन पूरे प्रदेश और जनपद को संदेश देने के लिए इस गांव में तैराकी प्रतियोगिता के साथ ही धार्मिक आयोजन को महत्व दिया गया है. जिसके तहत राधा कृष्ण की रासलीला और फूलों की होली का भी आयोजन किया जाएगा.

कुबेरस्थान धार्मिक दृष्टिकोण से कुशीनगर जनपद में पड़ने वाला स्थान अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है. इस स्थल की मान्यता है कि रावण के आतंक से बचने के लिए भगवान कुबेर ने इस स्थान पर भगवान शिव की आराधना की थी और इसी महत्व को देखते हुए यहां पर 9 से 10 नवंबर तक राज्यस्तरीय महिला वॉलीबॉल प्रतियोगिता के साथ 10 नवंबर की शाम शिव जागरण का भी कार्यक्रम रखा गया है.

महोत्सव के छठे दिन प्रवासियों का इलाका लतावा मुरलीधर को महत्व दिया गया है. जिससे ग्रामीण अंचल में भी प्रदेश के आत्मनिर्भर भारत की योजनाओं को आम जन तक पहुंचाया जा सके. क्योंकि इस स्थल से कुछ ही किलोमीटर पर हमें थावे भवानी का प्रसिद्ध स्थल भी है जो गोपालगंज जिले में पड़ता है.

महोत्सव के सातवें दिन कुशीनगर जनपद के तमकुही राज विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाले दनियाडी में होगा. यह दियर का इलाका कहलाता है जो विकास और सामान्य संसाधनों से बहुत दूर है. यहां प्रसिद्ध भजन गायक भरत शर्मा व्यास, संजोली पांडेय के साथ विशिष्ट अतिथि के तौर पर दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, फिल्म अभिनेता व गायक मनोज तिवारी मृदुल व सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय मौजूद रहेंगे.

तुर्कपट्टी जो सूर्य मंदिर के चलते अलग पहचान रखता हैं. सन 1981 में खुदाई के दौरान गुप्तकालीन सूर्य प्रतिमा यहां से प्रकट हुई थी. इसी धार्मिक महत्व को आम जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से 13 और 14 नवंबर को महोत्सव के अंतिम पड़ाव के सभी कार्यक्रमों को यहां पर आयोजित करने का निर्णय हुआ है. जिसमें मशहूर कलाकार रितेश पांडेय व स्नेह उपाध्याय के साथ ही गुलशन कुमार के छोटे भाई दर्शन जी भी रहेंगे.

महिला व पुरुष साइकिल रेस, लड़के और लड़कियों का मैराथन प्रतियोगिता, ग्रामीण क्रिकेट लीग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा. इस महोत्सव के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि धार्मिक महत्व रखने वाली सभी स्थानों को एक धागे में पिरोया जा सके और इसीलिए पडरौना, तमकुही, कुशीनगर, कुबेरस्थान लतवा मुरलीधर, बरवा राजापाकड दनियाडी, फाजिलनगर और तुर्कपट्टी में आयोजन को प्रस्तावित किया गया है.

महोत्सव के दौरान जिला गौरव सम्मान, प्रगतिशील किसान सम्मान, साहित्य सम्मान, राष्ट्र निर्माता सम्मान (स्वतंत्रता सेनानी) एवं उत्तर प्रदेश रत्न सम्मान से भी विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा.


खेल प्रतियोगिता

1. महिला राज्य स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता- 9 से 10 नवंबर, कुबेर स्थान
2. पुरुष राज्य स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता -10 से 11 नवंबर -- लतवा मुरलीधर
3. जिला स्तरीय महिला साइकिल रेस फाजिलनगर से तुर्कपट्टी (13 नवंबर सुबह 8 बजे से)
4. जिला स्तरीय पुरुष साईकिल रेस ( तुर्कपट्टी से शिवाघाट 7 नवंबर सुबह 9 बजे से)
5. जिला स्तरीय तैराकी प्रतियोगिता ( 9 नवंबर सुबह 10 बजे से )
6.जिला स्तरीय महिला मैराथन (किसान डिग्री कॉलेज बनरहा मोड़ से बरवा राजापाकड तक (14 नवंबर सुबह 8 बजे से)
7.जिला स्तरीय पुरुष मैराथन बरवा राजापाकड से तुर्कपट्टी तक ( 14 नवम्बर सुबह 10 बजें से)

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