कुशीनगर : जिले की समाजवादी पार्टी में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. पार्टी के अंदर अंतरकलह देखने को मिला रही है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ये अंतरकलह जिले के सातों विधानसभा के अध्यक्ष पद पर नेताओं के नामों की घोषणा होने के बाद शुरू हुई है. पूर्व विधानसभा पडरौना के अध्यक्ष इकबाल अंसारी के फेसबुक पोस्ट से भी ये अंतरकलह साफ झलक रहा है.
सपा नेता ने फेसबुक पोस्ट से जताई नाराजगी
पूर्व में सपा विधानसभा पडरौना के अध्यक्ष रहे इकबाल अंसारी ने अपने फेसबुक पर कुछ दिनों पहले, जिले में चुने सात विधानसभा क्षेत्र में एक भी अल्पसंख्यक वर्ग का नेता नहीं चुने जाने के कारण नाराजगी जाहिर की थी. खुद को बागी लिखने से शुरुआत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष पद पर अल्पसंख्यक न चुने जाने पर समाजवादी पार्टी कुशीनगर के जिलाध्यक्ष डॉ मनोज यादव पर अल्पसंख्यक नेताओं और कार्यकर्ताओं की अपेक्षा करने का आरोप लगाया है. साथ जिलाध्यक्ष पर पार्टी को बदनाम करने व बहकावे में आने की बात कही है. इसके अलावा अंसारी ने पूर्व के दो जिलाध्यक्ष के समय अल्पसंख्यक विधानसभा अध्यक्ष होने और अब एक भी नहीं होने का हवाला देते हुए कारण पूछा है.
सपा जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे निराधार है. वो अल्पसंख्यक वर्ग की अपेक्षा नहीं करते हैं. उनकी पार्टी में जिलासचिव, उपाध्यक्ष के साथ कार्यकरणी समिति में भी अल्पसंख्यक वर्ग के लोग हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक विधानसभा अध्यक्ष की रही बात, तो उसके लिए क्षेत्र के नेताओं की सहमति और सुझाव रहता है. किसी ने कोई अल्पसंख्यक नेता का नाम नहीं दिया. उनका मेरा बहकावे में आने का आरोप गलत है, क्योंकि न तो मैं जिलाध्यक्ष पद का लोभी हूं और न ही नासमझ. यादव ने बताया कि जिलाध्यक्षों की लिस्ट में दो विधानसभा में परिवर्तन हुए हैं, लेकिन उसमें भी कोई अल्पसंख्यक नहीं है. इकबाल अंसारी द्वार किया गया पोस्ट गलत है. जिस पर पार्टी उचित कार्रवाई करेगी.