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कुशीनगर: बगैर जमीन के संचालित हो रहे विद्यालय पर उठे सवाल

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Published : Jul 24, 2020, 6:35 PM IST

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय का बड़ा फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया है. जांच में पाया गया है कि विद्यालय के नाम से एक इंच भी जमीन नहीं है. जिला विद्यालय निरीक्षक ने सूचना की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोप सही पाया गया है और रिपोर्ट शासन को भेजी गई है.

कुशीनगर में बिना अपनी जमीन के चल रहा विद्यालय
कुशीनगर में बिना अपनी जमीन के चल रहा विद्यालय

कुशीनगर: जिले के मुख्यालय पडरौना में चार दशक पूर्व स्थापित एक सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय का बड़ा फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया है. शासन से मिले निर्देश के क्रम में हुई जांच में पाया गया है कि विद्यालय के नाम से एक इंच भी जमीन नहीं है. शिकायत के क्रम में राजस्व विभाग की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद शिक्षा से लेकर अन्य कई विभागों में खलबली मच गयी है क्योंकि विद्यालय को कई जनप्रतिनिधियों ने अपनी निधियों से सहयोग भी किया है. जिला विद्यालय निरीक्षक ने सूचना की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोप सही पाया गया है और रिपोर्ट शासन को भेजी गई है.

शासन को भेजी गई थी शिकायत
जानकारी के मुताबिक, पडरौना नगर क्षेत्र में वर्षों पहले स्थापित हनुमान इंटर कॉलेज के भूमि विवाद से सम्बन्धित एक शिकायत शासन को भेजी गई थी. आरोप है कि विद्यालय की अपने नाम से कोई भी जमीन नहीं है इसके बावजूद विद्यालय निर्बाध गति से संचालित हो रहा है. शिक्षा विभाग द्वारा दी गई मान्यता पर सवाल खड़ा करते हुए आरोप में यह भी बताया गया है कि इस विद्यालय को पिछले कुछ वर्षों में कई निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपनी सरकारी निधि से सहयोग भी करते रहे हैं.

नई रजिस्ट्री के बाद बढ़ा बवाल
ईटीवी भारत की पड़ताल में पता चला कि विद्यालय को वर्षों पूर्व मिली मान्यता पर सवाल तब खड़ा हुआ जब विद्यालय प्रांगण के अन्दर के भूखण्ड को प्रबन्धक और प्रधानाचार्य ने अपने नाम से रजिस्ट्री करा ली. प्रबन्धक मनोज शर्मा और प्रिंसिपल शैलेन्द्र दत्त शुक्ल से संयुक्त रूप से बताया कि ऐसा उन्होंने विद्यालय हित को देखते हुए किया है. एक ऑनलाइन शिकायत के क्रम में मार्च महीने में हुई राजस्व विभाग की जांच रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा गया है कि अभिलेखों में विद्यालय के नाम से कोई भूमि अंकित नहीं है. ईटीवी भारत को प्राप्त इस रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि आराजी नम्बर 1433 मी में 67-1/2 डि. पर विद्यालय संचालित हो रहा है. जिसमें 41 डि. भूमि पूर्व प्रबन्धक के नाम से अंकित है.

इस बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक उदय प्रकाश मिश्र ने ईटीवी भारत से विस्तृत बातचीत में बताया कि राजस्व विभाग की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद शासन के निर्देश के क्रम हुई जांच में आरोप सत्य पाया गया है. पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है.

कुशीनगर: जिले के मुख्यालय पडरौना में चार दशक पूर्व स्थापित एक सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय का बड़ा फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया है. शासन से मिले निर्देश के क्रम में हुई जांच में पाया गया है कि विद्यालय के नाम से एक इंच भी जमीन नहीं है. शिकायत के क्रम में राजस्व विभाग की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद शिक्षा से लेकर अन्य कई विभागों में खलबली मच गयी है क्योंकि विद्यालय को कई जनप्रतिनिधियों ने अपनी निधियों से सहयोग भी किया है. जिला विद्यालय निरीक्षक ने सूचना की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोप सही पाया गया है और रिपोर्ट शासन को भेजी गई है.

शासन को भेजी गई थी शिकायत
जानकारी के मुताबिक, पडरौना नगर क्षेत्र में वर्षों पहले स्थापित हनुमान इंटर कॉलेज के भूमि विवाद से सम्बन्धित एक शिकायत शासन को भेजी गई थी. आरोप है कि विद्यालय की अपने नाम से कोई भी जमीन नहीं है इसके बावजूद विद्यालय निर्बाध गति से संचालित हो रहा है. शिक्षा विभाग द्वारा दी गई मान्यता पर सवाल खड़ा करते हुए आरोप में यह भी बताया गया है कि इस विद्यालय को पिछले कुछ वर्षों में कई निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपनी सरकारी निधि से सहयोग भी करते रहे हैं.

नई रजिस्ट्री के बाद बढ़ा बवाल
ईटीवी भारत की पड़ताल में पता चला कि विद्यालय को वर्षों पूर्व मिली मान्यता पर सवाल तब खड़ा हुआ जब विद्यालय प्रांगण के अन्दर के भूखण्ड को प्रबन्धक और प्रधानाचार्य ने अपने नाम से रजिस्ट्री करा ली. प्रबन्धक मनोज शर्मा और प्रिंसिपल शैलेन्द्र दत्त शुक्ल से संयुक्त रूप से बताया कि ऐसा उन्होंने विद्यालय हित को देखते हुए किया है. एक ऑनलाइन शिकायत के क्रम में मार्च महीने में हुई राजस्व विभाग की जांच रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा गया है कि अभिलेखों में विद्यालय के नाम से कोई भूमि अंकित नहीं है. ईटीवी भारत को प्राप्त इस रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि आराजी नम्बर 1433 मी में 67-1/2 डि. पर विद्यालय संचालित हो रहा है. जिसमें 41 डि. भूमि पूर्व प्रबन्धक के नाम से अंकित है.

इस बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक उदय प्रकाश मिश्र ने ईटीवी भारत से विस्तृत बातचीत में बताया कि राजस्व विभाग की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद शासन के निर्देश के क्रम हुई जांच में आरोप सत्य पाया गया है. पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है.

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