कुशीनगर: एक तरफ भगवान शनि को को न्याय का देवता माना जाता है. वहीं जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र में कुछ ग्रामीण न्याय के देवता शनि के नाम पर भाजपा विधायक द्वारा गरीबों की जमीन कब्जा करने का आरोप लगा रहे हैं. इसी विवादित जमीन पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिमंदिर का भूमि पूजन करने के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं. जिले के खड्डा तहसील के रामपुर गोनहा गांव में भगवान शनि का भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि विधायक ने उनकी जमीन पर कब्जा करके मंदिर का निर्माण करा रहे हैं.
बता दें रामपुर गोनहा गांव के मुसहर परिवार से ताल्लुक रखने वाले कुछ ग्रामीण शनि मंदिर के नाम उनकी जमीन पर कब्जा करने का क्षेत्रीय भाजपा विधायक जटाशंकर त्रिपाठी पर आरोप लगाया था. इसकी खबर ईटीवी भारत में बीते वर्ष के सितंबर माह में ही उठाई थी. जिस पर एसडीएम खड्डा अरविंद कुमार ने मामले को अनभिज्ञता जताते हुए जांच करा कर कार्यवाही कराने की बात की थी. लेकिन अबतक कोई कार्यवाही नहीं हुई. 13 मार्च को इसी जमीन पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रशाद मौर्या द्वारा शनि मन्दिर का भूमि पूजन कर दिया गया.
पट्टे की जमीन पर मंदिर का निर्माण
रामपुर गोनहा गांव की रामावती ने ETV BHARAT को बताया की जिस जमीन पर मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है, वही सभी गरीबों की जमीन है. रामपुर गोनहा गांव के रहने वाले दिलीप कुशवाहा ने कहा कि मंदिर तो एक बहाना है असल में इसके नाम पर 500 एकड़ की भूमि को हथियाना है. क्योंकि जिस जमीन पर विधायक जटाशंकर त्रिपाठी द्वारा मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. वह कागजों में 23 मिल जुमला अंकित जो सीलिंग की जमीन हैं. यह जमीन गांव के गरीब मुशहरों के नाम पट्टे की है. क्षेत्रीय विधायक अपने सत्ता के अहंकार में गरीबों की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. रामपुर गोनहा गांव 40 वर्षों से चकबंदी से वंचित है, जिसके कारण गोरखपुर, महाराजगंज और क्षेत्र के भूमाफिया यहां कब्जा किए हुए हैं और चकबंदी नहीं होने देते.
ये भी पढ़ें-उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या ने सपा बसपा को लेकर कही ये बात
सवालों से बचते नजर आए डिप्टी सीएम
केशव मौर्या से इस बारे में ईटीवी भारत ने पूछा कि जिस मंदिर का आपने भूमिपूजन किया है, उसे ग्रामीण पट्टे की जमीन बता रहे हैं. इस पर केशव मौर्य ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. इसके बाद खुद को उस सवालों से अलग कर लिया. खड्डा तहसील के रामपुर गोनहा गांव चकबंदी से वंचित होने के सवाल पर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का हवाला देकर बचते नजर आये.