कुशीनगरः जनपद में बौद्धों की गंगा कही जाने वाली हिरण्यवती नदी के बुद्धा घाट पर सोमवार की शाम देव दीपावली (dev diwali) आयोजित हुई. भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली से होकर गुजरने वाली हिरण्यवती नदी के दीपदान का भव्य आयोजन किया गया. जिसमें 25 हजार दियो की रोशनी बेहद आकर्षक लगी. दीपदान में सनातन, बौद्ध, जैन, सिख आदि मान्यताओं के धर्मगुरु और उनके अनुयाई शामिल हुए.

कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के अवसर पर बुद्ध ने 60 अरहक शिष्यों को उपदेश देकर समाज में अज्ञानता रूपी अंधकार को मिटाने के लिए भेजा. किंवदंतियों के अनुसार 24वें जैन तीर्थंकर महावीर स्वामी को ज्ञान प्राप्त हुआ. इस लिए देव दीपावली सनातन पंथ के सभी अंगों द्वारा मनाया जाता है.

वहीं, बुद्धा घाट पर आयोजित दीप दान के अवसर पर सुबह बौद्ध भिक्षु, सिख ग्रंथि, आचार्यगण विशेष पूजन अर्चन किया. देर शाम महापरिनिर्वाण स्थल से होकर बहने वाली इरावती नदी (बुद्ध की गंगा) के तट पर पहुंच लोगों ने देव दीपावली मनाई. जिसमें लगभग 25 हजार से आधिक दिए जलाए गए. जिससे पूरा तट ही अपना अलग स्वरूप बिखेर रहा था.जिसमें हिन्दू ,बौद्ध,सिख और जैन धर्म के धर्माचार्य एवं उनके अनुवाई हुए दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए.
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