कुशीनगर : भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य एवं पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष जयप्रकाश शाही ने जनपदा के पुलिस कप्तान सचिंद्र पटेल और अपर पुलिस अधीक्षक अयोध्या प्रसाद सिंह के ऊपर गोवंशीय मवेशियों और शराब की तस्करी का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने जिले में बालू के अवैध खनन को लेकर जिला खनन अधिकारी और बालू माफियाओं में मिली भगत का आरोप लगया है. इस संबंध में उन्होंने पुलिस महानिदेशक को पत्र भेजकर प्रकरण में जांच कराने और दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश को भेजे गए पत्र में भाजपा नेता जयप्रकाश शाही ने लिखा है कि जनपद के बिहार सीमा से सटे इलाकों से गोवंशीय मवेशियों और शराब की तस्करी हो रही है, जिससे सरकार और पुलिस प्रशासन दोनों की छवि धूमिल हो रही है. पत्र में पुलिस महानिदेशक से इस मामले की जांच करा कर विभागीय कार्रवाई का की मांग की गई है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य जयप्रकाश शाही ने कहा कि, मैं इस जनपद का एक जिम्मेदार नागरिक हूं. विगत कई महीनों से जिले में शराब तस्करी, गो तस्करी और बालू तस्करी की खबरें आ रही हैं. इन मामलों में छोड़े-छोटे गुर्गों को पकड़कर पुलिस विभाग अपनी थपथपा रहा है, लेकिन घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं. उन्होंने कहा कि योगी सरकार प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त बनाने में लगी हुई है. इस सरकार में अपराधियों के खिलाफ सबसे अधिक कार्रवाई हुई. योगी आदित्यनाथ देश के सबसे ईमानदार मुख्यमंत्री हैं. बावजूद इसके कुशीनगर जनपद में तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है. पुलिस अधीक्षक और एएसपी दोनों जिले में कुंडली मारकर बैठे हैं, जिसकी वजह से जिले में अपराध पर लगाम नहीं लग पा रही है. छोटे-मोटे अपराधी पकड़े जाते हैं, लेकिन, बड़े अपराधियों के गिरेबान तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंचते.
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिले में अवैध खनन लगातार जारी है. क्योंकि जिला खनन अधिकारी बालू माफियाओं से मिले हुए हैं. हमारी सरकार प्रदेश को दंगा मुक्त, अपराध मुक्त और तस्करी मुक्त करना चाहती है. लेकिन, यह अधिकारी कुंडली मारकर बैठे हैं. इसलिए हमने अपनी व्यक्तिगत वेदना के आधार पर लिखा है कि हमारी पार्टी की सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रहा है. मैंने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए शासन को एक पत्र लिखा है, अब शासन की भी जिम्मेदारी है कि वह देखे कि प्रदेश के मुखिया योगी जी की मंसा जिले में पूरी हो रही है या नहीं. इसकी जांच होनी चाहिए. अगर मेरे पत्र पर कार्रवाई नहीं होती है तो जरूरत पड़ने पर मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करूंगा.