कुशीनगर: जिले के आखिरी छोर पर तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के अहिरौलीदान गांव के किनारे बने बांध पर नारायणी नदी ने बीते दो दिनों में काफी दबाव बना दिया है. बांध के कटान का खतरा पैदा होने से आसपास के ग्रामीणों में जहां दहशत का माहौल बना है, वहीं एसडीएम का कहना है कि हम हर हाल में बांध को बचाएंगे.
नारायणी नदी उफान पर
तमकुहीराज तहसील क्षेत्र और यूपी का सबसे आखिरी गांव अहिरौलीदान के कई टोलों को बीते कुछ सालों में नारायणी नदी ने अपने आगोश में ले लिया है. इस बार फिर नदी ने आबादी की तरफ ही अपना दबाव बना लिया है. गांव के लोगों ने ईटीवी भारत से बात करते हुये कहा कि सरकार इस मामले पर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाती है.
नदी का रुख इस बार काफी खतरनाक है. सरकारी तंत्र को जो काम पहले करना चाहिए था वो अब किया जा रहा है.
-सूर्यदेव सिंह, स्थानीय ग्रामीणबोल्डर को जाल में बाँधकर गिराने से कुछ लाभ होता है लेकिन यहाँ खुले में गिराया जा रहा है. इससे बांध कट सकता है.
-सुदामा यादव, स्थानीय ग्रामीण, अहिरौलीदान
काफी संख्या में मजदूरों को बाढ़ खण्ड में लगा रखा है. निगरानी हो रही है. हर हाल में बांध को बचाने का कार्य होगा.
-अरविन्द कुमार, एसडीएम, तमकुहीराज