कुशीनगर: प्रदेश सरकार प्रसव के लिए आई महिलाओं को हर सुविधा और इलाज मुफ्त मुहैय्या कराने के दावे करती हैं, लेकिन कुशीनगर जिला अस्पताल के लेबर रूम में तैनात कर्मचारियों द्वारा मरीजों और उनके परिजनों से सुविधा शुल्क के नाम पर 1000 से 2000 रुपये की अवैध वसूली किए जाने की शिकायत आती थी. इस पर जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो मामला सही पाया गया. खबर प्रकाशित होने के बाद अस्पताल प्रशासन कार्रवाई की है.
बता दें कि जिला अस्पताल में लेबर रूम में अवैध वसूली के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एस.के.वर्मा ने संज्ञान लिया है. वर्मा ने लेबर रूम के कर्माचारियों पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से रूम के स्टाफ को बदलने के आदेश जारी किए हैं. साथ ही बताया कि वहां तैनात दो महिला चिकित्सकों की जिम्मेदारी तय करते हुए पिछले एक हफ्ते में हुए प्रसव का विवरण भी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं. मरीजों से किसी भी प्रकार की वसूली किया जाना गंभीर आरोपों की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि जो भी इसमें लिप्त मिलेगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी.
सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के नाम पर वसूली, जांच के आदेश
क्या था मामला
जिला संयुक्त चिकित्सालय में भ्रष्टाचार की शिकायत हुई थी. आरोप लगाए गए थे कि सरकार के निर्देश हैं कि प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को नियमानुसार सुविधाएं दी जाएं, लेकिन यहां के कर्मचारी और डॉक्टर की मिलीभगत से मरीजों के सरकारी अस्पताल में प्रवेश करते ही उनसे तमाम मदों के नाम पर अवैध वसूली शुरू कर दी जाती थी.
ईटीवी भारत की टीम जब जिला संयुक्त अस्पताल पहुंची तो मरीजों और उनके तीमारदारों ने अवैध वसूली करने वालों की पोल खोल दी. जिला संयुक्त अस्पताल के प्रसव केंद्र से लेकर जच्चा-बच्चा वार्ड तक सब जगह जमकर उगाही किए जाने के आरोप लगे. सरिता वर्मा यहां प्रसव के लिए आयी थीं. वो पडरौना नगर क्षेत्र के दरबार रोड की रहने वाली हैं. उन्होंने बताया कि उनके परिवार के लोग 1 हजार रुपये से अधिक दे चुके हैं.