कौशांबी: भ्रष्टाचार के खिलाफ बनी सीएम योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति को कौशांबी का बेसिक शिक्षा विभाग ठेंगा दिखा रहा है. सरकारी धन में कमीशनखोरी का वीडियो सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. शिक्षकों का सीधा आरोप है कि मूरतगंज खंड शिक्षा अधिकारी उनका मानसिक उत्पीड़न कर सरकारी धन में 10 प्रतिशत कमीशन ले रहे हैं. कई शिक्षकों ने इस मामले में बीएसए और राज्य शिक्षा मंत्री को पत्र भेजते हुए खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
कौशांबी के बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का यह वायरल वीडियो खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय मूरतगंज का बताया जा रहा है, जहां सात सालों से एक ही ब्लॉक में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी रमेश चंद पटेल पर अध्यापकों ने सरकारी धन में कमीशनखोरी और कई अन्य तरीके से शोषण कर अवैध धन उगाही का आरोप लगाया है. कहा जाता है कि अगर शिक्षकों द्वारा उनकी डिमांड नहीं पूरी की जाती है तो फिर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के बाद बेबुनियाद आरोपों पर सस्पेंड कर दिया जाता है.
खंड शिक्षा अधिकारी रमेश चंद पटेल पर आरोप है वह प्रत्येक शिक्षकों से ज्वाइन शुल्क के रूप में 4 हजार, एक माह का मेडिकल हेतु 5 हजार, सीसीएल प्रतिमाह 6 हजार, मातृत्व अवकाश हेतु 4 हजार, कंपोजिट ग्रांट में कमीशन 10 प्रतिशत, ड्रेस में कमीशन प्रति बच्चा 40 प्रतिशत, यू डाइस प्रपत्र फीडिंग हेतु 300, पे-स्लीप 500 रुपये के दर से निर्धारित किया है. अवैध धन उगाही का काम एबीएसए स्वयं करते हैं.
शिक्षकों का यह भी आरोप है कि भ्रष्टाचार में लिप्त एबीएस रमेश चंद पटेल का स्थानांतरण पूर्व में ही महराजगंज जनपद हो गया था, लेकिन इन्होंने सत्ताधारी एक विधायक से पैरवी करवाकर अपना स्थानांतरण निरस्त करवा लिया था, जिसके बाद से यह शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर उनसे अवैध धन उगाही के अलावा सरकारी धन में भी कमीशनखोरी के लिए मजबूर करते हैं.
कमीशनखोरी का वायरल वीडियो के अलावा कथित ऑडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है यह ऑडियो खंड शिक्षा अधिकारी के चहेते और शिक्षकों के बीच हुए बातचीत का है. वायरल ऑडियो में साफ सुना जा सकता है कि शिक्षकों से सरकारी धन में 10 प्रतिशत कमीशन की डिमांड की जा रही है, जिसमें यह भी कहा जा रहा है कि 5 प्रतिशत बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया जाएगा. एबीएसए के आतंक से परेशान शिक्षकों ने इस मामले की शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी व राज्य शिक्षा मंत्री से करते हुए कार्रवाई की मांग की है.
इस पूरे मामले में बीएसए राजकुमार पंडित ने बताया कि वायरल हो रहा ऑडियो/वीडियो लगभग 10 माह पुराना है. इस सम्बंध में जांच के आदेश दिए गए. जांच के बाद जो तथ्य निकलकर सामने आएंगे उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी.