कौशाम्बी: एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां ओलम्पिक में देश के लिए मेडल लाने वाले खिलाड़ियों के उत्साह वर्धन कर रहे हैं और सभी खिलाड़ियों से बात करके देश के लिए मेडल लाने पर शाबासी दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशाम्बी में शूटिंग में जिला स्तर से लेकर राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओ में मेडल पाने वाली एक बेटी धन के अभाव में प्रैक्टिस तक नहीं कर पा रही है. जिले की जागृति मौर्य ने 2016 से लेकर अब तक कई राज्य स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिताओ में कौशाम्बी का मान बढ़ाया है, लेकिन आज उनकी माली हालत खराब है. इसको लेकर जागृति और उसके परिवार ने सूबे के डिप्टी सीएम से लेकर सांसद व स्थानीय विधायक से कई बार मिलकर मदद की गुहार लगाई है, लेकिन अभी भी उसके हालात जस के तस हैं.
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम के गृह जनपद कौशाम्बी के धुमाई गांव की रहने वाली जागृति मौर्य रायफल शूटिंग में राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में कौशाम्बी का मान बढ़ाना चाह रही हैं, लेकिन उनकी गरीबी इसके आड़े आ रही है.जागृति मौर्य के पिता खेती कर अपने परिवार को पालते हैं. पिता शुभन्नेन कुमार मौर्य ने माली हालत ठीक न होने के बावजूद भी किसी तरह से अपनी बेटी को पढ़ा-लिखा कर आगे बढ़ाया. इतना ही नही उन्होंने जागृति की प्रतिभा देखकर उसके सपनों को हकीकत में बदलने की ठानी. बेटी की प्रतिभा ने भी अपने पिता और अपने इलाके का मान तब बढ़ाया जब जागृति ने एक के बाद एक कई मेडल अपने नाम किए. इतना ही नहीं जागृति ने जब स्टेट लेवल पर गोल्ड मेडल जीता तो पिता का सीना गर्व से और चौड़ा हो गया. गोल्ड मेडल जीतने के बाद जागृति में नेशनल के लिए 2 बार ट्राय किया. 2019 में राष्ट्रीय स्तर पर 10 मीटर रेंज की शूटिंग प्रतियोगिता के लिए जागृति का सेलेक्शन भी हो गया था, लेकिन अब उसकी जीत के बीच में माली हालत रोड़ा डालने लगी, जागृति को झटका तब लगा जब ओपन एयर रायफल न होने की वजह से जागृति को वापस लौटना पड़ा. पिता के मुताबिक, माली हालत ठीक नहीं होने की वजह से वह बिटिया के लिए डिप्टी सीएम और जनप्रतिनिधियों से शूटिंग में इस्तेमाल होने वाली रायफल के लिए फरियाद लगाई है.
जागृति के पिता शुभन्नेन कुमार मौर्य को अपनी माली हालत का मलाल है. वह कहते हैं कि बेटी की काबिलियत और प्रतिभा को पैसों के अभाव में वे आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं. जागृति के पिता ने सिराथू से बीजेपी विधायक शीतला प्रसाद पटेल, बीजेपी सांसद विनोद सोनकर समेत अन्य जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक उन्हें कोई मदद मिलती नहीं दिखाई दे रही है. शुभन्नेन की मानें तो उन्होंने सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से भी मिलकर अपनी बेटी की ट्रेनिंग और ओपन एयर रायफल के लिए फरियाद लगाई थी, लेकिन वहां से भी अभी तक कोई मदद नही मिली.
मीडिया के माध्यम से सूबे के मुखिया से मदद की गुहार
जागृति के पिता को अब मीडिया का सहारा है.उनको उम्मीद है कि मीडिया की पहल से उसकी फरियाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ तक पहुंचे. उन्हें आस है कि सूबे के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम बेटी की मदद करके उसके सपनों पर पंख लगाएंगे, जिससे बेटी देश, प्रदेश और जिले का नाम रोशन करे.
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