कौशांबीः जिले में सड़क किनारे 11 जनवरी शीशम का पेड़ काट कर उसे ले जाने से रोकना रीजनल फारेस्ट अफसर को मंहगा पड़ गया. चौकी प्रभारी ने अगले दिन आरएफओ की कार को रोक उसका 8500 रुपये का चालान कर दिया गया. इसके बाद आरएफओ ने मामले की शिकायत वन विभाग के डीएफओ से की. इसके साथ इस घटना की जानकारी डीएम और एसपी को भी दिया. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.
रीजनल फारेस्ट अफसर पप्पू राम ने बताया कि मामला चायल तहसील के मनौरी-सराय अकिल मार्ग का है. यहां सराय अकिल थाने की पुलिस चौकी बेनीराम कटरा चौकी के इंचार्ज दरोगा वीर सिंह ने चायल वन रेंज ऑफिस से मजह 500 मीटर की दूरी पर सड़क मार्ग के किनारे सरकारी बेशकीमती शीशम का पेड़ कटवा लिया. इसके बाद उन्होंने 2 पुलिसकर्मियों और मजदूरों की मदद से कटे हुए पेड़ को ट्रैक्टर पर लाद कर ले जाने लगे.
आरएफओ ने बताया कि इस दौरान किसी ने इसकी सूचना वन विभाग को उनको दी. जिसके बाद वो मौके पर पहुंचे. उन्होंने कार्रवाई करते हुए पेड़ को पुलिस के कब्जे से लेकर रेंज ऑफिस में रखवा लिया और दरोगा के खिलाफ लिखा पढ़ी कर कार्रवाई शुरू कर दी. इस बात से नाराज चौकी इंचार्ज उन्हें देख लेने की धमकी देकर चला गया.
आरएफओं ने बताया कि इसके बाद 12 जनवरी को वह अपने क्षेत्र में भ्रमण से वापस अपने रेंज ऑफिस जा रहे थे. उसी दौरान बेनीराम कटरा चौकी के सामने इंचार्ज वीर सिंह ने उन्हें रोक लिया और यह कहते हुए उनकी कार का 8500 रुपये का चालान कार दिया कि अब मेरी बारी है. आरएफओ का आरोप है कि चालान काटे जाने का विरोध करने और दस्तावेज दिखाने पर भी दरोगा ने उनके साथ बदसुलूकी की. इसकी शिकायत आरएफओ ने शनिवार को डीएम और एसपी मिलकर की है.
वहीं, चौकी इंचार्ज वीर प्रताप सिंह ने बताया कि वाहन चेकिंग के दौरान कार का चालान किया गया है. कार सवार ने कोई कागजात नहीं दिखाए. जिसके चलते उन्हें चालान की कार्रवाई करनी पड़ी. शेष लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद है. इसके अलावा डीएफओ डॉ. राम सिंह यादव ने बताया कि प्रकरण के सम्बन्ध में उनके स्तर से भी बड़े अधिकारियो से जांच के उपरांत कार्रवाई हेतु अनुरोध किया गया है. जांच जारी है.
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