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दुष्कर्म के दोषी को सुनाई 20 साल कारावास की सजा, 38 हजार रुपये का अर्थदंड - बलात्कार करने के आरोपी

कौशाम्बी जनपद न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने बुधवार को दुष्कर्म के एक आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है.

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Published : Apr 12, 2023, 7:59 PM IST

कौशाम्बी : कौशाम्बी जनपद न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने नाबालिग के साथ बलात्कार करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही न्यायालय ने दोषी पर 38 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है.


अभियोजन पक्ष के अनुसार, घटना पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के एक गांव की है. जहां 23 दिसम्बर 2017 को पीड़िता किशोरी के पिता ने पश्चिम शरीरा थाना में शिकायती पत्र देते हुए बताया कि गांव का रहने वाला बड़कू उर्फ चंद्रिका प्रसाद उनकी नाबालिग बेटी को बहला फुसला कर भगा ले गया है. वादी ने बताया कि उसने अपनी बेटी की काफी खोजबीन की, लेकिन उसका कहीं भी पता नहीं चला. जिस पर पश्चिम शरीरा पुलिस ने धारा 363, 366 में मुकदमा दर्ज कर पीड़िता की तलाश शुरू कर दी. पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया और उसके बयान के आधार पर विवेचना के दौरान मुकदमे में बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धारा की बढ़ोत्तरी की. पश्चिम शरीरा पुलिस ने अभियुक्त बड़कू उर्फ चंद्रिका प्रसाद के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की.

मामला अपर सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार उपाध्याय के न्यायालय में पेश हुआ. अपर शासकीय अधिवक्ता ने न्यायालय में कुल 6 गवाहों का बयान दर्ज करवाया. गवाहों के बयान सुनने और पत्रावली के अवलोकन करने के बाद बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार उपाध्याय ने आरोपी बड़कू उर्फ चंद्रिका प्रसाद को दोषी करार देते हुए 20 साल कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही न्यायालय ने दोषी पर 38 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है.

यह भी पढ़ें : रेप मामले में गवाह मुकरे तो डीएनए से दोष हुआ साबित, दोषी को 22 साल कारावास

कौशाम्बी : कौशाम्बी जनपद न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने नाबालिग के साथ बलात्कार करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही न्यायालय ने दोषी पर 38 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है.


अभियोजन पक्ष के अनुसार, घटना पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के एक गांव की है. जहां 23 दिसम्बर 2017 को पीड़िता किशोरी के पिता ने पश्चिम शरीरा थाना में शिकायती पत्र देते हुए बताया कि गांव का रहने वाला बड़कू उर्फ चंद्रिका प्रसाद उनकी नाबालिग बेटी को बहला फुसला कर भगा ले गया है. वादी ने बताया कि उसने अपनी बेटी की काफी खोजबीन की, लेकिन उसका कहीं भी पता नहीं चला. जिस पर पश्चिम शरीरा पुलिस ने धारा 363, 366 में मुकदमा दर्ज कर पीड़िता की तलाश शुरू कर दी. पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया और उसके बयान के आधार पर विवेचना के दौरान मुकदमे में बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धारा की बढ़ोत्तरी की. पश्चिम शरीरा पुलिस ने अभियुक्त बड़कू उर्फ चंद्रिका प्रसाद के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की.

मामला अपर सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार उपाध्याय के न्यायालय में पेश हुआ. अपर शासकीय अधिवक्ता ने न्यायालय में कुल 6 गवाहों का बयान दर्ज करवाया. गवाहों के बयान सुनने और पत्रावली के अवलोकन करने के बाद बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार उपाध्याय ने आरोपी बड़कू उर्फ चंद्रिका प्रसाद को दोषी करार देते हुए 20 साल कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही न्यायालय ने दोषी पर 38 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है.

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