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कौशांबी: एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल, प्रोजेक्ट मैनेजर ने जेल भेजने की दी धमकी - एम्बुलेंस कर्मियों ने किया हड़ताल

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एंबुलेंस सेवा 108 और 102 की ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे मरीजो को काफी परेशानियां हो रही है. वहीं प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेंद्र दुबे ने उनकी मांगों को कंपनी में भेज दिए हैं, जिससे जल्द से जल्द उनकी मांगे पूरी हो सके.

धरना प्रर्दशन करते एंबुलेंस संचालक
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Published : Sep 23, 2019, 5:12 PM IST

कौशांबी: उत्तर प्रदेश में सरकारी इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा 108 और 102 की ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. जिले में ड्राइवरों ने वाहन को जिला अस्पताल परिषद में खड़ा कर दिया है. जिसके बाद प्रोजेक्ट मैनेजर की तानाशाही देखने को मिली. प्रोजेक्ट मैनेजर एम्बुलेंस कर्मचारियों को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं. एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से कौशांबी जिले के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

धरना प्रर्दशन करते एंबुलेंस संचालक.
हड़ताल पर आए एंबुलेंस कर्मीजिले के एम्बुलेंस कर्मचारियों के मुताबिक उन्हें दो माह से वेतन नहीं मिल रहा है. इसके अलावा नए प्रोजेक्ट के तहत व्यवस्था की जा रही है कि 108 के वाहन कर्मियों को प्रति के ₹100 और 102 को प्रति केस ₹60 दिए जाएंगे इसलिये सभी एमबी 5 कर्मचारियों ने एम्बुलेंस को जिला अस्पताल परिषद में खड़ा कर दिया है. हद तो तब हो गई जब तेज प्रकाश अपने भाई रामप्रकाश का इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचे. तेज प्रकाश के मुताबिक उनके भाई की हालत बहुत गम्भीर थी, डॉक्टरों ने उसे प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था. उन्होंने कई बार एम्बुलेंस में फोन भी किया लेकिन एंबुलेंस की सेवा नहीं मिली.

हड़ताल के कारण खतरे में पड़ी जान

तेज प्रकाश ने कर्ज लेकर किसी तरह अपने भाई को जिला अस्पताल तक पहुंचाया था. अब तेज प्रताप के सामने पैसों की समस्या खड़ी हो गई है. पैसे न होने के कारण वह अपने भाई को प्राइवेट वाहन से इलाज कराने प्रयागराज नहीं ले जा पा रहे हैं. इन सब को देखते हुए प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेंद्र दुबे ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को पहले तो समझाया जब वह नहीं माने तो कर्मियों से अभद्रता करने लगे और कर्मचारियों को गिरफ्तार करवाने के लिए पुलिस को जिला अस्पताल में बुलावा लिया. पुलिस को आता देख एम्बुलेंस कर्मी आक्रोशित हो गए.
इसे भी पढ़ें:- कौशांबी: भीम आर्मी और विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने एसपी ऑफिस का किया घेराव

आक्रोश में आए कर्मचारी
एंबुलेंस कर्मचारी रमेश कुमार के मुताबिक उनके प्रोजेक्ट मैनेजर उन्हें जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं. साथ में गाली-गलौज भी की जा रही है. एंबुलेंस कर्मियों को जेल भेजने के लिए मंझनपुर पुलिस को फोन कर कर जिला अस्पताल परिसर में बुला लिया गया है, जिससे कर्मचारियों में काफी आक्रोश है.अब उनकी मांग है कि जब तक प्रोजेक्ट मैनेजर को यहां से हटाया नहीं जाएगा तब तक एंबुलेंस कर्मी हड़ताल वापस नहीं लेंगे.

मांगों के लिए उठाए गए कदम
जिले के एम्बुलेंस प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेंद्र दुबे के मुताबिक एम्बुलेंस कर्मचारियों के इंक्रीमेंट सैलरी और अन्य मांगों को कंपनी को भेज दिया गया है. एंबुलेंस कर्मचारियों से इतनी ही अपील थी कि यह इमरजेंसी सेवा रोक कर हड़ताल कर रहे हैं उचित नहीं है. इसमें किसी मरीज की जान भी जा सकती है.

कौशांबी: उत्तर प्रदेश में सरकारी इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा 108 और 102 की ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. जिले में ड्राइवरों ने वाहन को जिला अस्पताल परिषद में खड़ा कर दिया है. जिसके बाद प्रोजेक्ट मैनेजर की तानाशाही देखने को मिली. प्रोजेक्ट मैनेजर एम्बुलेंस कर्मचारियों को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं. एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से कौशांबी जिले के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

धरना प्रर्दशन करते एंबुलेंस संचालक.
हड़ताल पर आए एंबुलेंस कर्मीजिले के एम्बुलेंस कर्मचारियों के मुताबिक उन्हें दो माह से वेतन नहीं मिल रहा है. इसके अलावा नए प्रोजेक्ट के तहत व्यवस्था की जा रही है कि 108 के वाहन कर्मियों को प्रति के ₹100 और 102 को प्रति केस ₹60 दिए जाएंगे इसलिये सभी एमबी 5 कर्मचारियों ने एम्बुलेंस को जिला अस्पताल परिषद में खड़ा कर दिया है. हद तो तब हो गई जब तेज प्रकाश अपने भाई रामप्रकाश का इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचे. तेज प्रकाश के मुताबिक उनके भाई की हालत बहुत गम्भीर थी, डॉक्टरों ने उसे प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था. उन्होंने कई बार एम्बुलेंस में फोन भी किया लेकिन एंबुलेंस की सेवा नहीं मिली.

हड़ताल के कारण खतरे में पड़ी जान

तेज प्रकाश ने कर्ज लेकर किसी तरह अपने भाई को जिला अस्पताल तक पहुंचाया था. अब तेज प्रताप के सामने पैसों की समस्या खड़ी हो गई है. पैसे न होने के कारण वह अपने भाई को प्राइवेट वाहन से इलाज कराने प्रयागराज नहीं ले जा पा रहे हैं. इन सब को देखते हुए प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेंद्र दुबे ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को पहले तो समझाया जब वह नहीं माने तो कर्मियों से अभद्रता करने लगे और कर्मचारियों को गिरफ्तार करवाने के लिए पुलिस को जिला अस्पताल में बुलावा लिया. पुलिस को आता देख एम्बुलेंस कर्मी आक्रोशित हो गए.
इसे भी पढ़ें:- कौशांबी: भीम आर्मी और विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने एसपी ऑफिस का किया घेराव

आक्रोश में आए कर्मचारी
एंबुलेंस कर्मचारी रमेश कुमार के मुताबिक उनके प्रोजेक्ट मैनेजर उन्हें जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं. साथ में गाली-गलौज भी की जा रही है. एंबुलेंस कर्मियों को जेल भेजने के लिए मंझनपुर पुलिस को फोन कर कर जिला अस्पताल परिसर में बुला लिया गया है, जिससे कर्मचारियों में काफी आक्रोश है.अब उनकी मांग है कि जब तक प्रोजेक्ट मैनेजर को यहां से हटाया नहीं जाएगा तब तक एंबुलेंस कर्मी हड़ताल वापस नहीं लेंगे.

मांगों के लिए उठाए गए कदम
जिले के एम्बुलेंस प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेंद्र दुबे के मुताबिक एम्बुलेंस कर्मचारियों के इंक्रीमेंट सैलरी और अन्य मांगों को कंपनी को भेज दिया गया है. एंबुलेंस कर्मचारियों से इतनी ही अपील थी कि यह इमरजेंसी सेवा रोक कर हड़ताल कर रहे हैं उचित नहीं है. इसमें किसी मरीज की जान भी जा सकती है.

Intro:उत्तर प्रदेश में सरकारी इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा 108 और 102 की ड्राइवरों सोमवार को हड़ताल पर चले गए हैं। कौशांबी जिले में ड्राइवरों ने वाहन को जिला अस्पताल परिषद में खड़ा कर दिया। जिसके बाद प्रोजेक्ट मैनेजर की तानाशाही देखने को मिली। प्रोजेक्ट मैनेजर एम्बुलेंस कर्मचारियों को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। प्रोजेक्ट मैनेजर ने इसके लिए जिला अस्पताल परिषद में पुलिस को भी बुला लिया। जिसके बाद एंबुलेंस कर्मियों में काफी रोष है। एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से कौशांबी जिले के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


Body:कौशाम्बी जिले के एम्बुलेंस कर्मचारियों के मुताबिक उन्हें 2 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। इसके अलावा नए प्रोजेक्ट के तहत व्यवस्था की जा रही है कि 108 के वाहन कर्मियों को प्रति के ₹100 और 102 को प्रति केस ₹60 दिए जाएंगे।इसलिये सभी एमबी5कर्मचारियों ने एम्बुलेंस को जिला अस्पताल परिषद में खड़ा कर दिया। हद तो तब हो गई जब जिला अस्पताल में अपने भाई रामप्रकाश का इलाज करवाने आये थे।तेज प्रकाश के मुताबिक उनके भाई की हालत बहुत शिरीयस है जिससे डॉक्टरों ने उसे प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज रेफर किया है। उन्होंने कईबार एम्बुलेंस में फोन भी किया। एंबुलेंस की सेवा नहीं मिली उन्होंने कर्जा लेकर किसी तरह अपने भाई को जिला अस्पताल तक पहुंचाया था। अब तेज पिता के सामने वही पैसों की समस्या खड़ी हो गई। पैसे न होने के कारण वह अपने भाई को प्राइवेट वाहन से इलाज कराने प्रयागराज नहीं ले जा पा रहे हैं। इन सब को देखते हुए प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेंद्र दुबे ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को पहले तो समझाया जब वह नहीं माने तो कर्मियों से अभद्रता करने लगे और कर्मचारियों को गिरफ्तार करवाने के लिए मंझनपुर पुलिस को जिला अस्पताल में बुलावा लिया। पुलिस को आता देख एम्बुलेंस कर्मी आक्रोशित हो गए।


बाइट-- तेज प्रकाश मरीज के भाई


Conclusion:एंबुलेंस कर्मचारी रमेश कुमार के मुताबिक उनके प्रोजेक्ट मैनेजर उन्हें जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। साथ में गाली गलौज की जा रही है। क्योंकि वह लोकल एरिया के रहने वाले है।एंबुलेंस कर्मियों को जेल भेजने के लिए मंझनपुर पुलिस को फोन कर कर जिला अस्पताल परिसर में बुला लिया है। जिससे कर्मचारियों में काफी आक्रोश है।अब उनकी मांग है कि जब तक प्रोजेक्ट मैनेजर को यहां से हटाया नहीं जाएगा तब तक एंबुलेंस कर्मी हड़ताल वापस नहीं लेंगे।

बाइट-- रमेश कुमार आईएमटी 108 एम्बुलेंस

कौशाम्बी जिले के एम्बुलेंस प्रोजेक्ट मैनेजरधर्मेंद्र दुबे के मुताबिक एम्बुलेंस कर्मचारियों के इंक्रीमेंट सैलरी व अन्य मांगों को कंपनी को भेज दिया गया है। मेरा केवल एंबुलेंस कर्मचारियों से इतनी ही अपील थी कि यह इमरजेंसी सेवा रोककर हड़ताल कर रहे हैं। यह उचित नहीं है। इसमें किसी मरीज की जान भी जा सकती है।कर्मचारियों की अभद्रता के सवाल पर उन्होंने कुछ नहीं बोला।

बाइट-- धर्मेंद्र दुबे प्रोजेक्ट मैनेजर एम्बुलेंस सेवा कौशाम्बी
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