कौशांबी: उत्तर प्रदेश में सरकारी इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा 108 और 102 की ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. जिले में ड्राइवरों ने वाहन को जिला अस्पताल परिषद में खड़ा कर दिया है. जिसके बाद प्रोजेक्ट मैनेजर की तानाशाही देखने को मिली. प्रोजेक्ट मैनेजर एम्बुलेंस कर्मचारियों को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं. एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से कौशांबी जिले के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
हड़ताल के कारण खतरे में पड़ी जान
तेज प्रकाश ने कर्ज लेकर किसी तरह अपने भाई को जिला अस्पताल तक पहुंचाया था. अब तेज प्रताप के सामने पैसों की समस्या खड़ी हो गई है. पैसे न होने के कारण वह अपने भाई को प्राइवेट वाहन से इलाज कराने प्रयागराज नहीं ले जा पा रहे हैं. इन सब को देखते हुए प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेंद्र दुबे ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को पहले तो समझाया जब वह नहीं माने तो कर्मियों से अभद्रता करने लगे और कर्मचारियों को गिरफ्तार करवाने के लिए पुलिस को जिला अस्पताल में बुलावा लिया. पुलिस को आता देख एम्बुलेंस कर्मी आक्रोशित हो गए.
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आक्रोश में आए कर्मचारी
एंबुलेंस कर्मचारी रमेश कुमार के मुताबिक उनके प्रोजेक्ट मैनेजर उन्हें जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं. साथ में गाली-गलौज भी की जा रही है. एंबुलेंस कर्मियों को जेल भेजने के लिए मंझनपुर पुलिस को फोन कर कर जिला अस्पताल परिसर में बुला लिया गया है, जिससे कर्मचारियों में काफी आक्रोश है.अब उनकी मांग है कि जब तक प्रोजेक्ट मैनेजर को यहां से हटाया नहीं जाएगा तब तक एंबुलेंस कर्मी हड़ताल वापस नहीं लेंगे.
मांगों के लिए उठाए गए कदम
जिले के एम्बुलेंस प्रोजेक्ट मैनेजर धर्मेंद्र दुबे के मुताबिक एम्बुलेंस कर्मचारियों के इंक्रीमेंट सैलरी और अन्य मांगों को कंपनी को भेज दिया गया है. एंबुलेंस कर्मचारियों से इतनी ही अपील थी कि यह इमरजेंसी सेवा रोक कर हड़ताल कर रहे हैं उचित नहीं है. इसमें किसी मरीज की जान भी जा सकती है.