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CM का ओएसडी बन अफसरों से करता था ठगी, गिरफ्तार - सीएम का ओएसडी बन ठगी गिरफ्तार

कौशांबी जिले में पुलिस की संयुक्त टीम ने मुख्यमंत्री का ओएसडी (Officer on Special Duty) बन लोगों से ठगी करने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पकड़े गए आरोपी के पास से डायरी व मोबाइल फोन सहित कई सामान बरामद किए हैं.

सीएम का ओएसडी बन ठगी करने वाला गिरफ्तार
सीएम का ओएसडी बन ठगी करने वाला गिरफ्तार
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Published : Feb 23, 2021, 5:58 PM IST

कौशांबी: जनपद पुलिस की संयुक्त टीम ने मुख्यमंत्री का ओएसडी (Officer on Special Duty) बन अफसरों से ठगी करने वाले एक आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है. यह युवक क्राइम पेट्रोल और सीआईडी सीरियल देखकर लोगों से ठगी करता था. पुलिस के मुताबिक अधिकारियों को अपना शिकार बनाते समय युवक अपने आप को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ओएसडी बताता था. इतना ही नहीं, शातिर युवक राम मंदिर निर्माण के नाम पर धन उगाही भी करता था. पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से डायरी, मोबाइल फोन व अन्य कई सामान बरामद किए हैं.

सीएम का ओएसडी बन ठगी करने वाला गिरफ्तार
फर्जी ओएसडी बन करता था धन उगाही

पुलिस के मुताबिक 22 फरवरी सोमवार को आबकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद शर्मा और सहायक आयुक्त स्टांप को फोन कर अज्ञात युवक ने मुख्यमंत्री का ओएसडी बन रुपये की मांग की थी. शक होने पर अधिकारियों ने इसकी जानकारी जिलाधिकारी समेत पुलिस अधीक्षक को दी. हरकत में आई पुलिस ने नंबर की जांच कराई और मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी. पुलिस ने जब इस मामले की गहनता से जांच की तब जाकर मामले का खुलासा हुआ. पुलिस ने जांच में पाया कि पंकज सिंह नाम का कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री का ओएसडी नहीं है, जिसके बाद पुलिस ने जांच तेज की और आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया. युवक के पास से पुलिस ने डायरी और मोबाइल फोन जब्त कर लिया है.

क्राइम पेट्रोल और सीआईडी सीरियल से था प्रभावित

पूछताछ में युवक ने पुलिस को बताया कि वह सीआईडी और क्राइम पेट्रोल जैसे सीरियल से प्रभावित था. सीआईडी में पंकज सिंह के एक किरदार से प्रभावित हो उसने अपना फर्जी नाम भी पंकज सिंह रख लिया और अधिकारियों से पंकज सिंह नाम बता कर ही बात किया करता था. युवक ने बताया कि वह लगभग 40 से 50 अधिकारियों को अपना शिकार बना चुका है. पुलिस अधीक्षक अभिनंदन के मुताबिक दो अधिकारियों की शिकायत के बाद इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज कर छानबीन की जा रही थी. मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा होने के कारण इस पूरे घटना के खुलासे के लिए तीन टीमें लगाई गई थीं.

सचिवालय के हर अधिकारियों के बारे में थी जानकारी

पुलिस के मुताबिक युवक सचिवालय में तैनात अधिकारी के बारे में पूर्ण जानकारी रखता था. जिस भी अधिकारी को वह फोन करता अगर वह किसी भी विभाग के अधिकारियों के बारे में पूछताछ करे तो वह उसके बारे में पूर्ण जानकारी दे देता था. इससे किसी भी अधिकारी को शक भी नहीं होता.

कौशांबी: जनपद पुलिस की संयुक्त टीम ने मुख्यमंत्री का ओएसडी (Officer on Special Duty) बन अफसरों से ठगी करने वाले एक आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है. यह युवक क्राइम पेट्रोल और सीआईडी सीरियल देखकर लोगों से ठगी करता था. पुलिस के मुताबिक अधिकारियों को अपना शिकार बनाते समय युवक अपने आप को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ओएसडी बताता था. इतना ही नहीं, शातिर युवक राम मंदिर निर्माण के नाम पर धन उगाही भी करता था. पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से डायरी, मोबाइल फोन व अन्य कई सामान बरामद किए हैं.

सीएम का ओएसडी बन ठगी करने वाला गिरफ्तार
फर्जी ओएसडी बन करता था धन उगाही

पुलिस के मुताबिक 22 फरवरी सोमवार को आबकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद शर्मा और सहायक आयुक्त स्टांप को फोन कर अज्ञात युवक ने मुख्यमंत्री का ओएसडी बन रुपये की मांग की थी. शक होने पर अधिकारियों ने इसकी जानकारी जिलाधिकारी समेत पुलिस अधीक्षक को दी. हरकत में आई पुलिस ने नंबर की जांच कराई और मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी. पुलिस ने जब इस मामले की गहनता से जांच की तब जाकर मामले का खुलासा हुआ. पुलिस ने जांच में पाया कि पंकज सिंह नाम का कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री का ओएसडी नहीं है, जिसके बाद पुलिस ने जांच तेज की और आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया. युवक के पास से पुलिस ने डायरी और मोबाइल फोन जब्त कर लिया है.

क्राइम पेट्रोल और सीआईडी सीरियल से था प्रभावित

पूछताछ में युवक ने पुलिस को बताया कि वह सीआईडी और क्राइम पेट्रोल जैसे सीरियल से प्रभावित था. सीआईडी में पंकज सिंह के एक किरदार से प्रभावित हो उसने अपना फर्जी नाम भी पंकज सिंह रख लिया और अधिकारियों से पंकज सिंह नाम बता कर ही बात किया करता था. युवक ने बताया कि वह लगभग 40 से 50 अधिकारियों को अपना शिकार बना चुका है. पुलिस अधीक्षक अभिनंदन के मुताबिक दो अधिकारियों की शिकायत के बाद इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज कर छानबीन की जा रही थी. मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा होने के कारण इस पूरे घटना के खुलासे के लिए तीन टीमें लगाई गई थीं.

सचिवालय के हर अधिकारियों के बारे में थी जानकारी

पुलिस के मुताबिक युवक सचिवालय में तैनात अधिकारी के बारे में पूर्ण जानकारी रखता था. जिस भी अधिकारी को वह फोन करता अगर वह किसी भी विभाग के अधिकारियों के बारे में पूछताछ करे तो वह उसके बारे में पूर्ण जानकारी दे देता था. इससे किसी भी अधिकारी को शक भी नहीं होता.

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