कौशांबीः जिले में करंट की चपेट में आने से मौके पर ही महिला की मौत हो गई, जबकि बेटी गंभीर रूप से झुलस गई. बेटी को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं ग्रामीणों ने विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. झुलसी किशोरी से मिलने जिला अस्पताल पहुंचे डीएम ने 5 लाख की मुआवजा राशि देने की बात कही है.
मंझनपुर थाना क्षेत्र के मलाका पिजरी गांव निवासी किसान बद्री प्रसाद की पत्नी श्यामकली (52 वर्ष) और बेटी (8 वर्ष) शुक्रवार को सुबह आलू के खेत काम करने गई थीं. बता दें कि आवारा पशुओं से फसल को बचाने के लिये खेत में लोहे की कटीली तार लगाई गई हैं, जिससे सटा हुआ विद्युत विभाग का पोल भी लगा हुआ है. अचानक कटीली तारों में करंट उतर आया और खेत में आलू की निराई कर रही मां-बेटी चपेट में आ गईं, जिससे महिला की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि बेटी गंभीर रूप से झुलस गई. घटना की जानकारी होते ही आसपास खेतों में काम कर रहे ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और आनन-फानन में आठ वर्षीय बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया.
ग्रामीणों ने पुलिस को नहीं उठाने दिया शव
हादसे के बाद विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया और पुलिस कर्मियों को महिला के शव को भी नहीं उठाने दिया. ग्राम प्रधान प्रभात के अनुसार ग्रामीण डीएम को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे. ग्रामीणों का आरोप है कि घटना के बाद से लगातार विद्युत विभाग के अधिकारियों को फोन किया गया, लेकिन फोन नहीं उठा. ग्रामीणों की मांग थी कि डीएम गांव आकर उनको आश्वासन दें कि जर्जर तारों को सही कराया जाएगा.
डीएम ने 5 लाख मुआवजा देने की घोषणा की
घटना की जानकारी मिलने के बाद डीएम अमित कुमार सिंह झुलसी किशोरी देखने जिला अस्पलात पहुंच गए. यहां उन्होंने परिजनों से बातचीत कर हादसे की जानकारी ली. डीएम ने बताया कि घटना की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी और साथ ही पीड़ित परिवार को 5 लाख सहायता राशि दी जाएगी.