कौशांबी: कोरोना संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन से केवल इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी परेशान हैं. लॉकडाउन के चलते आवारा जानवरों को पेट भर भोजन नसीब नहीं हो पा रहा है, जिससे वे अब हमलावर हो रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कौशांबी जिले में देखने को मिला, जहां कुत्ते पालतू मवेशियों को अपना शिकार बना रहे हैं. साथ ही ग्रामीणों पर भी हमला कर रहे हैं.
जिला मुख्यालय से सटा असकरनपुर मगरोहनी गांव है. यहां कुत्ते पहले तो शांत रहा करते थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते अब उन्हें खाना नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण वे अब आक्रामक होते जा रहे हैं. वो बकरियों के साथ अन्य पालतू मवेशियों को अपना शिकार बना रहे हैं.
आवारा कुत्तों से परेशान हैं ग्रामीण
गांव के रहने वाले शिवनरेश के मुताबिक गांव में आवारा कुत्तों की संख्या काफी ज्यादा हो गयी है. ये जानवर पहले तो शांत रहते थे, लेकिन अचानक इनमें बदलाव हुआ है. ये अब हमलावर हो गए हैं. गांव में कई मवेशियों को ये अपना शिकार बना चुके हैं. गांव की तीन बकरियां इनके हमलों से घायल होकर मर चुकी हैं.
लॉकडाउन से कुत्तों को नहीं मिल पा रहा भोजन
लोगों का कहना है कि गांव के मंझनपुर में मटन चिकन की दुकानें बंद हो गयी हैं. इन दुकानों के आस-पास कुत्तों का जमावड़ा रहता था. क्योंकि इन दुकानों का कचरा यहां एक खाली पड़े मैदान में दुकानदार फेंक जाते थे, जो इन कुत्तों का आहार हुआ करता था, लेकिन लॉकडाउन के चलते दुकानें बंद हैं. जिसके कारण कुत्तों को मांस और हड्डी नहीं मिल पा रही है.
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'स्लाटर हाउस के पास रहने वाले कुत्ते हो रहे आक्रामक'
उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और डॉग एक्सपर्ट डॉ. यशपाल सिंह के मुताबिक स्लाटर हाउस और मटन की दुकान के आस-पास रहने वाले कुत्तों में ऐसी शिकायत देखने को मिल सकती है, क्योंकि यह स्लाटर हाउस और मटन की दुकानों के बचने वाले कचरे को खाते हैं, जिससे यह उसके आदी हो जाते हैं. अन्य सामान्य तौर पर रहने वाले कुत्तों पर ऐसी हरकते नहीं देखने को मिलती हैं.