कौशांबी: जिले में एसओजी और साइबर सेल की संयुक्त टीम को बड़ी सफलता मिली है. संयुक्त टीम ने पर्ल व्हाइट इंफ्राकेयर नाम से फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों की ठगी करने वाले 3 सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी ने कंपनी के जरिए कई राज्यों में अपना कारोबार फैला रखा है. जिससे वह आरडी और एफडी के माध्यम से लोगों से ठगी करते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से 7 एटीएम कार्ड और एक मोटरसाइकिल भी बरामद की है. अपर पुलिस अधीक्षक के मुताबिक इन सभी के खिलाफ कार्रवाई करके उन्हें जेल भेजा जा रहा है.
कई दिनों से मिल रही थी ठगी की शिकायत
कौशांबी पुलिस को कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि कुछ लोग पर्ल व्हाइट इंफ्राकेयर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फर्जी कंपनी बनाकर लोगों से पैसा जमा करवा रहे हैं. लोगों ने पुलिस को शिकायती पत्र देकर बताया कि वह लोग काफी दिनों तक पैसा जमा करते रहे लेकिन, अब उनके पैसे वापस नहीं किए जा रहे हैं. शिकायती पत्र मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने पूरे मामले के खुलासे के लिए तीन टीमों का गठन किया. जिसके बाद मंझनपुर थाना और साइबर सेल की टीम इस पूरे मामले के खुलासा के लिए जुट गई. पुलिस को पता चला कि मंझनपुर थाना क्षेत्र के कोराई गांव के रहने वाले रघुराज सिंह शिवराज सिंह और धनराज सिंह ने एक फर्जी कंपनी बना रखी है.
तीनों शतिर गिरफ्तार
मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई. तभी पुलिस को जानकारी मिली कि तीनों शातिर अपराधी पतौना पुल के पास मौजूद हैं. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीनों शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इनके पास से फर्जी कम्पनी की डायरी, 7 एटीएम कार्ड और एक अपाचे बाइक बरामद की है. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूल करते हुए बताया कि उन लोगों ने लखनऊ के हजरतगंज में मुख्य कार्यालय बना रखा था, साथ ही कम्पनी की ब्रांच कई जनपदों में खोली थी. इस कम्पनी में सीधे-साधे लोगों को हर माह 2% ब्याज और तीन साल में मूलधन को दो गुना करने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर पैसा जमा कराया जाता था.
ठगे गए पैसों से करते थे जमीन खरीदने का काम
ठगे गए पैसों से शातिरों ने कौशांबी सहित कई जगहों पर करोड़ों की जमीन खरीद रखी हैं. समय पूरा होने पर जब लोगों ने अपने खून पसीने से कमाई गयी रकम मांगी तो शातिर बहना बनाने लगे. आखिर में परेशान लोगों ने मंझनपुर पुलिस से इसकी शिकायत की तो फर्जी कम्पनी का चौकानें वाला खुलासा हुआ.