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कौशांबी जिला अस्पताल में हाईटेक डायलिसिस सेंटर का हुआ शुभारंभ

सांसद विनोद सोनकर ने कहा कि इस सेंटर की शुरुआत होना एक ऐतिहासिक क्षण है. कौशांबी के मरीजों को अपना इलाज कराने के लिए जिले से बाहर जाना पड़ता था.

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Published : Mar 1, 2019, 11:28 PM IST

मरीज से बात करते हुए सांसद विनोद सोनकर

कौशांबी : जिला अस्पताल में शुक्रवार को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस डायलिसिस सेंटर का शुभारंभ कर दिया गया. इसका शुभारंभ कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर ने किया. इस सेंटर के शुरू होने से कौशांबी में तकरीबन 1700 से अधिक मरीजों को सीधा लाभ मिलेगा, जो जिले से बाहर जाकर इलाज करा रहे थे.

सांसद विनोद सोनकर ने किया डायलिसिस सेंटर का शुभारंभ

सांसद विनोद सोनकर के मुताबिक, इस सेंटर की शुरुआत होना एक ऐतिहासिक क्षण है. कौशांबी के मरीजों को अपना इलाज कराने के लिए जिले से बाहर जाना पड़ता था. महीने में 20 से 25 हजार रुपये का खर्च होता था. इसके साथ ही इलाज के लिए अस्पताल में लंबी सिफारिश के बाद इलाज संभव हो पाता था. जिला अस्पताल में डायलिसिस सेंटर के शुरू होने के बाद अब निशुल्क हर खास और आम शख्स को इसका लाभ मिल सकेगा.

वहीं डायलिसिस सेंटर में इलाज कराने पहुंचे राघवपुर गांव के मरीज धीरेंद्र कुमार के मुताबिक देश के प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबों के लिए बहुत अच्छा काम किया है. अभी तक उन्हें इलाज के लिए प्रयागराज, मिर्जापुर और मुंबई जैसे शहरों में जाना पड़ता था. बहुत रुपये खर्च होते थे. अब कौशांबी में सेंटर खुलने से उनके रुपये भी बचेंगे और इलाज भी घर बैठे हो जाएगा.

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. दीपक सेठ के अनुसार, नेशनल हेल्थ मिशन कार्यक्रम के तहत इस सेंटर की शुरुआत बेहद कम खर्च में शुरू की गई है. यह सेंटर पीपीपी मोड़ पर संजीवनी नाम की संस्था की देख-रेख में काम करेगा, जिसकी पेमेंट सरकार निर्धारित शर्तों पर करेगी. मरीज के इलाज में निजी अस्पतालों में एक बार का खर्च 1500 रुपये से अधिक लगता है. इसके साथ ही दवा और अस्पताल तक पहुंचने का खर्च भी होता है.

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कौशांबी : जिला अस्पताल में शुक्रवार को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस डायलिसिस सेंटर का शुभारंभ कर दिया गया. इसका शुभारंभ कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर ने किया. इस सेंटर के शुरू होने से कौशांबी में तकरीबन 1700 से अधिक मरीजों को सीधा लाभ मिलेगा, जो जिले से बाहर जाकर इलाज करा रहे थे.

सांसद विनोद सोनकर ने किया डायलिसिस सेंटर का शुभारंभ

सांसद विनोद सोनकर के मुताबिक, इस सेंटर की शुरुआत होना एक ऐतिहासिक क्षण है. कौशांबी के मरीजों को अपना इलाज कराने के लिए जिले से बाहर जाना पड़ता था. महीने में 20 से 25 हजार रुपये का खर्च होता था. इसके साथ ही इलाज के लिए अस्पताल में लंबी सिफारिश के बाद इलाज संभव हो पाता था. जिला अस्पताल में डायलिसिस सेंटर के शुरू होने के बाद अब निशुल्क हर खास और आम शख्स को इसका लाभ मिल सकेगा.

वहीं डायलिसिस सेंटर में इलाज कराने पहुंचे राघवपुर गांव के मरीज धीरेंद्र कुमार के मुताबिक देश के प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबों के लिए बहुत अच्छा काम किया है. अभी तक उन्हें इलाज के लिए प्रयागराज, मिर्जापुर और मुंबई जैसे शहरों में जाना पड़ता था. बहुत रुपये खर्च होते थे. अब कौशांबी में सेंटर खुलने से उनके रुपये भी बचेंगे और इलाज भी घर बैठे हो जाएगा.

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. दीपक सेठ के अनुसार, नेशनल हेल्थ मिशन कार्यक्रम के तहत इस सेंटर की शुरुआत बेहद कम खर्च में शुरू की गई है. यह सेंटर पीपीपी मोड़ पर संजीवनी नाम की संस्था की देख-रेख में काम करेगा, जिसकी पेमेंट सरकार निर्धारित शर्तों पर करेगी. मरीज के इलाज में निजी अस्पतालों में एक बार का खर्च 1500 रुपये से अधिक लगता है. इसके साथ ही दवा और अस्पताल तक पहुंचने का खर्च भी होता है.

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Intro:ANCHOR-- कौशाम्बी के जिला अस्पताल में शुक्रवार को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस डायलिसिस सेंटर का शुभारम्भ कर दिया गया है | इस सेंटर का शुभारम्भ कौशाम्बी के सांसद विनोद सोनकर से फीता काट कर किया | नेशनल हेल्थ मिशन के तहत शुरू किये गए निःशुल्क डायलिसिस सेंटर के शुरुआत में 2 मरीजों का एक साथ डायलिसिस की सुविधा एक बार में सकती है | इस सेंटर के शुरू होने से कौशाम्बी में तकरीबन 1700 से अधिक मरीजों को सीधे लाभ मिल जायेगा, जो जिले से बाहर जाकर इलाज करा रहे थे | 





Body:सांसद कौशाम्बी विनोद सोनकर के मुताबिक इस सेन्टर की शुरुआत होना एक ऐतिहासिक क्षण है | कौशाम्बी के मरीजों को अपने इलाज कराने के लिए जिले से बाहर जाना पड़ता था महीने में 20 से 25 हज़ार रुपये का खर्च होता था | इसके साथ ही इलाज के लिए अस्पताल में लम्बी सिफारिस के बाद इलाज संभव हो पाता था | जिला अस्पताल में डायलिसिस सेंटर के शुरू होने के बाद अब निःशुल्क हर खास-ओ-आम शख्स को इसका लाभ मिल सकेगा | 


बाइट-- विनोद सोनकर , सांसद कौशाम्बी  

 

डायलिसिस सेंटर में इलाज कराने पहुंचे राघवपुर गांव के मरीज धीरेन्द्र कुमार ने इस सेंटर के खुलने के बाद बड़ी राहत की सांस ली है | धीरेन्द्र कुमार के मुताबिक कौशाम्बी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबो के लिए बहुत की अच्छा काम किया है | अभी तक उन्हें इलाज के लिए प्रयागराज मिर्जापुर मुंबई जैसे शहरों में जाना पड़ता था बहुत रुपये खर्च होते थे अब कौशाम्बी में सेंटर खुलने से उनके रुपये भी बचेंगे और इलाज भी घर बैठे हो जायेगा | 


बाइट-- धीरेन्द्र कुमार, मरीज  

 




Conclusion:जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ दीपक सेठ के मुताबिक नेशनल हेल्थ मिशन कार्यक्रम के तहत इस सेंटर की शुरुआत बेहद कम खर्च में शुरू की गई है | अस्पताल में खाली पड़े भवन को तैयार कर हाई-टेक और हाईजेनिक तरीके से तैयार किया गया है | यह सेंटर पीपीपी मोड़ पर संजीवनी नाम की संस्था की देख रेख में काम करेगा | जिसकी पेमेंट सरकार निर्धारित शर्तो पर करेगी | इस मरीज के इलाज में निजी अस्पतालों में एक बार का खर्च 1500 से अधिक लगता है इसके साथ ही दवा और अस्पताल तक पहुंचने का खर्च भी होता है | कौशाम्बी में डायलिसिस के मरीजों की संख्या तकरीबन 1700 से अधिक है | जिनको इस सेंटर से सीधे लाभ मिल सकेगा |  



बाइट-- डॉ दीपक सेठ, सीएमएस, जिला अस्पताल, कौशाम्बी




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