कौशांबी: जिले में फर्जी दस्तावेज के आधार पर शिक्षिका की नौकरी करने वाली युवती की तलाश की जा रही है. शिक्षिका 9 जुलाई 2020 से विद्यालय से अनुपस्थिति है. विभाग को शिक्षिका से संबंधित कोई जानकारी नहीं है. कई बार पत्राचार के बाद भी वह विद्यालय नहीं आ रही है. अब स्पेशल फोर्स (एसआईटी) ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षका बनी युवती के खिलाफ कार्रवाई शरू कर दी है. नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है. अगर जवाब नहीं मिला तो विभाग बर्खास्तगी की कार्रवाई करेगा.
सिराथू तहसील क्षेत्र के घुमाई कैन गांव की रहने वाली केदारनाथ की बेटी स्नेहलता 5 सितंबर 2014 को अमेठी में एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुई थी. लगभग 2 साल नौकरी करने के बाद अपना स्थानांतरण कौशांबी जिले में करा लिया. 26 जून 2019 को चायल ब्लॉक क्षेत्र में तैनाती हुई. इसके बाद उन्होंने अपना समायोजन विकास खंड सिराथू के प्राथमिक विद्यालय रामपुर सुहेला में करा लिया.
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इसी बीच किसी ने एसआईटी को पत्र भेजकर जानकारी दी कि स्नेहलता ने फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी हासिल की है. एसआईटी की जांच रिपोर्ट के मुताबिक मणिपाल विश्वविद्यालय, मणिपाल (कर्नाटक) से संबंध राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यागजन सशक्तिकरण संस्थान, सिकंदराबाद (तेलंगाना) से जारी डॉक्टर ऑफ एजुकेशन (डीएड) का दस्तावेज फर्जी पाया गया है. जिले में एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
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