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बर्ड फेस्टिवल डे: बच्चों को प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के बारे में दी गई जानकारी - कौशांबी ताजा समाचार

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में बर्ड फेस्टिवल डे का आयोजन किया गया. इस आयोजन में स्कूल के बच्चे शामिल हुए. उनको प्रवासी पक्षियों के संरक्षण और उनके स्वागत के बारे में बताया गया.

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अलवारा झील के पास बर्ड फेस्टिवल डे पर कार्यक्रम का आयोजन.
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Published : Feb 2, 2020, 2:04 PM IST

कौशांबी: जिले के अलवारा झील में वन विभाग ने 'बर्ड फेस्टिवल डे' मनाया. आयोजन में स्कूली बच्चे भी शामिल हुए. बच्चों को बर्ड फेस्टिवल डे पर पक्षियों के बारे में जानकारी देते हुए उनके संरक्षण पर जोर दिया गया. पिछले कुछ सालों से अलवारा झील के आसपास हो रहे शिकार के कारण पक्षी कम होते जा रहे हैं.

अलवारा झील के पास बर्ड फेस्टिवल डे पर कार्यक्रम का आयोजन.

डीएफओ ने बच्चों को बताया कि देश के विभिन्न प्रजातियों के पक्षी किस प्रकार हमारे भौतिक जीवन को प्रभावित करते हैं. प्रवासी एवं अप्रवासी पक्षियों के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे मेहमान पक्षी होते हैं और हमारी आबोहवा से प्रभावित होकर देश में आते हैं. इसीलिए हमें उनका स्वागत एवं संरक्षण करना चाहिए.

बर्ड फेस्टिवल डे पर कार्यक्रम का आयोजन

  • मंझनपुर तहसील के अलवारा झील के पास एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
  • जिसमें बच्चों को पक्षियों के संरक्षण के बारे में जागरूक किया गया.
  • एक समय नीले पानी से अलवारा झील 2,200 बीघे में अपनी खूबसूरती जिले में बिखेरती थी.
  • इसका सबसे खास आकर्षण यहां के कमल के फूल हैं.
  • यह झील साइबेरियन पक्षियों के प्रवास के समय अपनी खूबसूरती का अनुपम नजारा लोगों को दिखाती थी.
  • बढ़ते समय के साथ लोगों ने पक्षियों का शिकार करना शुरू कर दिया और अलवारा झील के आसपास पक्षियों की संख्या कम होती गई.
  • पक्षियों की संख्या को कम होता देख वन विभाग के अधिकारी लोगों को इनके प्रति जागरूक कर रहे हैं.
  • लोगों को जागरूक करने के लिए अलवारा झील के पास बर्ड फेस्टिवल डे पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
  • कार्यक्रम में अलवारा झील के पास स्थित पौर काशीरामपुर एवं अलवारा गांव के स्कूल के बच्चे शामिल हुए.
  • बच्चों को पंक्षियों को दिखाकर उनके बारे में बताया गया और उनके संरक्षण के लिए जागरूक किया गया.

आज वेटलैंड डे के दिन वर्ल्ड फेस्टिवल डे मनाया गया. इस अवसर पर आसपास के बच्चों को वेटलैंड और पर्यावरण के संरक्षण के बारे में बताए गया. बच्चों को बताया गया कि पर्यावरण संरक्षण क्यों जरूरी है और पक्षियों का संरक्षण कैसे करना चाहिए. इस दौरान बच्चों को पक्षी दिखाकर उसके विकास और प्रजनन के बारे में जानकारी दी गई.
-पीके सिन्हा, डीएफओ

कौशांबी: जिले के अलवारा झील में वन विभाग ने 'बर्ड फेस्टिवल डे' मनाया. आयोजन में स्कूली बच्चे भी शामिल हुए. बच्चों को बर्ड फेस्टिवल डे पर पक्षियों के बारे में जानकारी देते हुए उनके संरक्षण पर जोर दिया गया. पिछले कुछ सालों से अलवारा झील के आसपास हो रहे शिकार के कारण पक्षी कम होते जा रहे हैं.

अलवारा झील के पास बर्ड फेस्टिवल डे पर कार्यक्रम का आयोजन.

डीएफओ ने बच्चों को बताया कि देश के विभिन्न प्रजातियों के पक्षी किस प्रकार हमारे भौतिक जीवन को प्रभावित करते हैं. प्रवासी एवं अप्रवासी पक्षियों के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे मेहमान पक्षी होते हैं और हमारी आबोहवा से प्रभावित होकर देश में आते हैं. इसीलिए हमें उनका स्वागत एवं संरक्षण करना चाहिए.

बर्ड फेस्टिवल डे पर कार्यक्रम का आयोजन

  • मंझनपुर तहसील के अलवारा झील के पास एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
  • जिसमें बच्चों को पक्षियों के संरक्षण के बारे में जागरूक किया गया.
  • एक समय नीले पानी से अलवारा झील 2,200 बीघे में अपनी खूबसूरती जिले में बिखेरती थी.
  • इसका सबसे खास आकर्षण यहां के कमल के फूल हैं.
  • यह झील साइबेरियन पक्षियों के प्रवास के समय अपनी खूबसूरती का अनुपम नजारा लोगों को दिखाती थी.
  • बढ़ते समय के साथ लोगों ने पक्षियों का शिकार करना शुरू कर दिया और अलवारा झील के आसपास पक्षियों की संख्या कम होती गई.
  • पक्षियों की संख्या को कम होता देख वन विभाग के अधिकारी लोगों को इनके प्रति जागरूक कर रहे हैं.
  • लोगों को जागरूक करने के लिए अलवारा झील के पास बर्ड फेस्टिवल डे पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
  • कार्यक्रम में अलवारा झील के पास स्थित पौर काशीरामपुर एवं अलवारा गांव के स्कूल के बच्चे शामिल हुए.
  • बच्चों को पंक्षियों को दिखाकर उनके बारे में बताया गया और उनके संरक्षण के लिए जागरूक किया गया.

आज वेटलैंड डे के दिन वर्ल्ड फेस्टिवल डे मनाया गया. इस अवसर पर आसपास के बच्चों को वेटलैंड और पर्यावरण के संरक्षण के बारे में बताए गया. बच्चों को बताया गया कि पर्यावरण संरक्षण क्यों जरूरी है और पक्षियों का संरक्षण कैसे करना चाहिए. इस दौरान बच्चों को पक्षी दिखाकर उसके विकास और प्रजनन के बारे में जानकारी दी गई.
-पीके सिन्हा, डीएफओ

Intro:कौशांबी जिले के अलवारा झील में वन विभाग द्वारा रविवार को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पर बर्ड फेस्टिवल डे मनाया गया। इस आयोजन पर स्कूली बच्चे भी शामिल हुए। बच्चों को वर्ड फेस्टिवल डे पर बच्चों को पक्षियों के बारे में जानकारी देते हुए उनके संरक्षण पर जोर दिया गया। पिछले कुछ सालों से अलवारा झील के आसपास हो रहे शिकार की कारण पक्षी कम होते जा रहे हैं। डीएफओ ने बच्चों को बताया कि इस देश के विभिन्न प्रजातियों के पक्षी किस प्रकार हमारे भौतिक जीवन को प्रभावित करते हैं। प्रवासी एवं अप्रवासी पक्षियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि हमारे मेहमान पक्षी होते हैं और हमारी आबोहवा से प्रभावित होकर हमारे देश आते हैं इसीलिए हमें इनका स्वागत एवं संरक्षण करना चाहिए।


Body:मंझनपुर तहसील के अलवारा झील के पास एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों को पक्षियों के संरक्षण के बारे में जागरूक किया गया। बता दें कि एक समय नीले पानी से बनी अलवारा झील 2200 सौ बीघे में अपनी खूबसूरती कौशांबी जिले में बिखेरती थी। इसका सबसे खास आकर्षण यहां पर कमल के फूल हैं। जो साइबेरियन परिंदों के प्रवास के समय अपनी खूबसूरती का अनुपम नजारा लोगों को दिखाती थी। जिसे देखने वाला शख्स की ओर देखता ही रह जाता था, लेकिन बढ़ते समय के साथ लोगों ने पक्षियों का शिकार करना शुरू कर दिया और अलवारा झील के आसपास पक्षियों की संख्या कम होती गई। पक्षियों की संख्या को कम होता देख वन विभाग के अधिकारी लोगों को इसके प्रति जागरूक कर रहे हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए अलवारा झील के पास बर्ड फेस्टिवल डे पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अलवारा झील के समीप स्थित पौर काशीरामपुर एवं अलवारा गांव के विद्यालयों के बच्चे शामिल हुए। बच्चों को परिंदो को दिखा कर उनके बारे में बताया गया तथा उनके संरक्षण के लिए जागरूक किया गया।


Conclusion:डीएफओ पीके सिन्हा के मुताबिक आज वेटलैंड डे के दिन वर्ल्ड फेस्टिवल डे मनाया गया। इस अवसर पर आसपास के बच्चों को वेटलैंड और पर्यावरण के संरक्षण के बारे में बताएं गया। बच्चों को बताया गया कि पर्यावरण संरक्षण क्यों जरूरी है और पक्षियों का संरक्षण कैसे करना चाहिए। इस दौरान बच्चों को पक्षी दिखाकर उसके विकास और प्रजनन के बारे में जानकारी दी गई।

बाइट -- पीके सिन्हा डी एफ ओ कौशाम्बी
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