कौशाम्बी : जिला अदालत ने एक युवक के अपहरण का मुकदमा न दर्ज करने के मामले में अवमानना का नोटिस जारी किया है. सीजेएम कोर्ट ने सैनी पुलिस के प्रभारी इन्स्पेक्टर को 2 फरवरी को अदालत के सामने उपस्थित होकर कारण स्पष्ट करने का आदेश दिया है. कोर्ट का आदेश जारी होते ही अब तक सुस्त पड़ी सैनी पुलिस हरकत में आ गई है. पीड़ित की तहरीर पर 5 नामजद लोगों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर लिया गया है.
मामला दादूपुर का है, जहां दिनेश कुमार ने सैनी कोतवाली पुलिस को 24 नवंबर 2018 को तहरीर देकर बताया था कि उसके बेटे गोविंद कुमार का अपहरण निंदूरा गांव के सुनील कुमार मौर्या, इंदल मौर्या, बब्बू मौर्या, रामजस मौर्या, संगीता देवी ने मिलकर किया है. पुलिस ने मामले की गुमशुदगी तो लिखी, लेकिन अपहरण का मामला नहीं दर्ज किया. आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही थी.
रिपोर्ट दर्ज न होने पर गोविंद के पिता दिनेश कुमार ने अदालत की शरण ली. अदालत ने रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया. इसके बावजूद पुलिस ने यह कहकर वादी को निराश कर दिया कि किसी नेता का दबाव है, वह उनकी मदद नहीं कर सकते हैं.
बेटे के गायब होने के बाद से मुकदमा दर्ज कराने के लिए लड़ाई लड़ रहे मायूस पिता ने अपने अधिवक्ता के जरिये जिला अदालत की सीजेएम कोर्ट से दरख्वास्त की कि प्रदेश के कद्दावर नेता के बिरादरी से आरोपियों के संबंध होने के कारण सैनी पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से इंकार कर दिया है.
इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सैनी पुलिस के प्रभारी इन्स्पेक्टर को कोर्ट की अवमानना करने के आरोप में नोटिस जारी कर 2 फरवरी को कोर्ट के सामने हाजिर होकर अदालत के आदेश के बाद भी मुकदमा न दर्ज करने का कारण स्पष्ट करने आदेश दिया है.
अवमानना नोटिस जारी होते ही कौशाम्बी के पुलिस अधिकारियो में हड़कंप मच गया. सैनी पुलिस जो अब तक अपहरण का मुकदमा दर्ज करने में ताल मटोल और प्रदेश के एक मंत्री का दबाव होने का बहाना कर रही थी उसने मिनटों में दर्ज 5 नामजद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. अपहृत गोविंद के पिता को आशंका है कि उसके बेटे की हत्या हो सकती है.