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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद को झेलना पड़ा आशा बहुओं का विरोध, सांसद के आश्वासन पर छोड़ा रास्ता - कौशांबी को सौगात

कौशांबी (Kaushambi) दौरे पर पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को आशा बहुओं (Asha Bahus) के विरोध का सामना करना पड़ा. आशा बहुओं के डिप्टी सीएम के काफिले के सामने आते ही अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे. हालांकि, भाजपा सांसद विनोद सोनकर के आशा बहुओं की मांग पर अमल करने के आश्वासन के बाद काफिले को आगे बढ़ने दिया गया.

केशव प्रसाद के विरोध में आशा बहुएं
केशव प्रसाद के विरोध में आशा बहुएं
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Published : Oct 7, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 6:28 PM IST

कौशांबी: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) बृहस्पतिवार को अपने गृह जनपद कौशांबी के दौरे पर हैं. वह आज जिले को कई योजनाओं की सौगात दे रहे हैं. हालांकि, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को आशा बहुओं (Asha Bahus) का विरोध झेलना पड़ा. आशा बहुओं ने सरकार की वादे का हवाला देते हुए केशव मौर्य को रोक लिया. आशा बहुओं के डिप्टी सीएम के काफिले के सामने आते ही अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे. अधिकारियों के लाख समझाने के बावजूद आशा बहू नहीं मानी. इस दौरान भाजपा सांसद विनोद सोनकर (MP Vinod Sonkar) और विधायक उन्हें समझाने पहुंचे. काफी मशक्कत और आश्वासन के बाद आशा बहुएं डिप्टी सीएम के काफिले के आगे से हटीं.


डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मंझनपुर स्थित निर्माणाधीन बस स्टाप परिषद में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे. जहां उन्होंने कौशांबी जिले के विभिन्न अस्पतालों में स्थापित आठ ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया. इस दौरान वो मंच से अपनी सरकार के विकास कार्यों को लेकर गुणगान जाते रहे. डिप्टी सीएम के कार्यक्रम में पहुंचने की भनक जैसे ही जिले भर की आशा बहुओं को हुई तो वे कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गईं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को दस सूत्रीय ज्ञापन देने की मांग करने लगी. हालांकि, अधिकारियों ने उन्हें मंच के करीब नहीं जाने दिया. मंच के करीब न जाने देने से नाराज आशा बहुएं कार्यक्रम स्थल से बाहर आ गईं और प्रदर्शन शुरू कर दिया.

केशव प्रसाद के विरोध में आशा बहुएं

जब डिप्टी सीएम कार्यक्रम समाप्त होने के बाद अन्य जगहों में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने जा रहे थे तो आशा बहुओं ने उनके काफिले को रोक लिया. काफिले के रोके जाने पर अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे. अधिकारियों के काफी समझाने के बावजूद भी आशा बहुएं अपनी जिद पर अड़ी रहीं और उन्होंने काफिले में शामिल गाड़ियों को बाहर निकलने नहीं दिया.



क्या हैं आशाओं की मांग

आशा बहुओं की मांग के मुताबिक, आशा बहुओं को राज्य कर्मचारी आयोग एवं केंद्रीय कर्मचारी आयोग के अनुरूप स्वास्थ्य कर्मी बनाया जाए. आशा बहुओं को मोबाइल और स्कूटी प्रदान की जाए. आशा बहुओं का आरोप है कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है उस सौतेले व्यवहार को खत्म किया जाए और उन्हें कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने वेतन समय से दिए जाने की मांग की.

इसे भी पढ़ें-चुनाव से पहले भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित, पीएम मोदी-मुरली मनोहर जोशी को किया गया शामिल



डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की काफिले में शामिल बीजेपी विधायक और सांसद आशा बहुओं को समझाने के लिए पहुंचे. जहां सांसद विनोद सोनकर ने आशा बहुओं को समझाने का प्रयास किया. काफी देर तक जब आशा बहुएं नहीं मानी तो सांसद विनोद सोनकर ने उनकी समस्त मांगों को सरकार के सामने रखने का आश्वासन दिया, जिसके बाद आशा बहुएं डिप्टी सीएम के काफिले के सामने से हटीं.

कौशांबी: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) बृहस्पतिवार को अपने गृह जनपद कौशांबी के दौरे पर हैं. वह आज जिले को कई योजनाओं की सौगात दे रहे हैं. हालांकि, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को आशा बहुओं (Asha Bahus) का विरोध झेलना पड़ा. आशा बहुओं ने सरकार की वादे का हवाला देते हुए केशव मौर्य को रोक लिया. आशा बहुओं के डिप्टी सीएम के काफिले के सामने आते ही अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे. अधिकारियों के लाख समझाने के बावजूद आशा बहू नहीं मानी. इस दौरान भाजपा सांसद विनोद सोनकर (MP Vinod Sonkar) और विधायक उन्हें समझाने पहुंचे. काफी मशक्कत और आश्वासन के बाद आशा बहुएं डिप्टी सीएम के काफिले के आगे से हटीं.


डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मंझनपुर स्थित निर्माणाधीन बस स्टाप परिषद में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे. जहां उन्होंने कौशांबी जिले के विभिन्न अस्पतालों में स्थापित आठ ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया. इस दौरान वो मंच से अपनी सरकार के विकास कार्यों को लेकर गुणगान जाते रहे. डिप्टी सीएम के कार्यक्रम में पहुंचने की भनक जैसे ही जिले भर की आशा बहुओं को हुई तो वे कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गईं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को दस सूत्रीय ज्ञापन देने की मांग करने लगी. हालांकि, अधिकारियों ने उन्हें मंच के करीब नहीं जाने दिया. मंच के करीब न जाने देने से नाराज आशा बहुएं कार्यक्रम स्थल से बाहर आ गईं और प्रदर्शन शुरू कर दिया.

केशव प्रसाद के विरोध में आशा बहुएं

जब डिप्टी सीएम कार्यक्रम समाप्त होने के बाद अन्य जगहों में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने जा रहे थे तो आशा बहुओं ने उनके काफिले को रोक लिया. काफिले के रोके जाने पर अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे. अधिकारियों के काफी समझाने के बावजूद भी आशा बहुएं अपनी जिद पर अड़ी रहीं और उन्होंने काफिले में शामिल गाड़ियों को बाहर निकलने नहीं दिया.



क्या हैं आशाओं की मांग

आशा बहुओं की मांग के मुताबिक, आशा बहुओं को राज्य कर्मचारी आयोग एवं केंद्रीय कर्मचारी आयोग के अनुरूप स्वास्थ्य कर्मी बनाया जाए. आशा बहुओं को मोबाइल और स्कूटी प्रदान की जाए. आशा बहुओं का आरोप है कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है उस सौतेले व्यवहार को खत्म किया जाए और उन्हें कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने वेतन समय से दिए जाने की मांग की.

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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की काफिले में शामिल बीजेपी विधायक और सांसद आशा बहुओं को समझाने के लिए पहुंचे. जहां सांसद विनोद सोनकर ने आशा बहुओं को समझाने का प्रयास किया. काफी देर तक जब आशा बहुएं नहीं मानी तो सांसद विनोद सोनकर ने उनकी समस्त मांगों को सरकार के सामने रखने का आश्वासन दिया, जिसके बाद आशा बहुएं डिप्टी सीएम के काफिले के सामने से हटीं.

Last Updated : Oct 7, 2021, 6:28 PM IST
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