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2012 में पहली बार सिराथू विधानसभा सीट पर भाजपा ने की थी सवारी, अबकी नाक बचाने की बारी !

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है. सभी पार्टियां क्षेत्र में टिकट वितरण को लेकर जातिगत आंकड़े इकट्ठा करने में जुट गई हैं. वहीं इस बार के विधानसभा चुनाव में सभी की निगाहें कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा पर टिकी हुई है. सिराथू विधानसभा सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पहली बार विधायक बने थे. डिप्टी सीएम के गृह नगर की इस सीट पर हमेशा सपा और बसपा का कब्जा रहता था.

सिराथू विधानसभा.
सिराथू विधानसभा.
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Published : Oct 31, 2021, 7:42 AM IST

कौशांबीः सिराथू विधानसभा सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पहली बार विधायक बने थे. डिप्टी सीएम के गृह नगर की इस सीट पर हमेशा सपा और बसपा का कब्जा रहता था. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने इस सीट पर पहली बार कमल खिलाया था. वहीं 2014 के उपचुनाव में यह सीट सपा के खाते में गई थी, लेकिन 2017 में इस सीट से भाजपा विधायक शीतल प्रसाद ने जीत हासिल की थी.

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का गृह जनपद कौशांबी में हमेशा सपा और बसपा का कब्जा रहता था, लेकिन 2017 में यहां पहली बार तीनों विधानसभा सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को जीत मिली. बीजेपी इस बार फिर से तीनों सीट पर कब्जा जमाने को लेकर जुटी हुई है. इन तीनों सीट में से सबसे ज्यादा हॉट सीट सिराथू विधानसभा सीट है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने 2012 में यहां पहली बार कमल खिलाया था और वह पहली बार विधायक इसी सीट से बने थे.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य.

सिराथू में मौजूदा समय में 3,65,153 कुल मतदाता हैं. जिसमें पुरुष मतदाता 1,95,660 और महिला मतदाता 1,69,492 हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां मतदाताओं की संख्या 3 लाख 25 हजार 109 थी. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 80 हजार 37 थी. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 45 हजार 72 थी. सिराथू विधानसभा सीट में कड़ा धाम का मां शीतला का प्रसिद्ध मंदिर है. इसके साथ ही यह ख्वाजा खड़ग शाह बाबा की मजार भी मौजूद है. वहीं कड़ा में ही संत मलूकदास का आश्रम भी मौजूद है.

सिराथू विधानसभा सीट पर कब और कौन जीता

2002 विधानसभा के चुनाव में बीएसपी के मतेष चंद्र सोनकर ने समाजवादी पार्टी के शैलेंद्र कुमार को हराया था. अपना दल के राम सजीवन निर्मल तीसरे स्थान पर रहे थे. जबकि बीजेपी की रेखा देवी चौथे स्थान पर रही थीं.

2007 विधानसभा के चुनाव में बीएसपी के वाचस्पति ने समाजवादी पार्टी के मतेश चंद्र सोनकर को हराया था. अपना दल की शीतला प्रसाद सोनकर तीसरे स्थान पर रहे थे. जबकि कांग्रेस के पुरुषोत्तम लाल चौथे स्थान पर रहे थे.

इसे भी पढ़ें- आखिर...योगी सरकार से क्यों खुश हैं कुम्हार, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

2012 विधानसभा के चुनाव में बीजेपी के केशव प्रसाद ने बीएसपी के आनंद मोहन को हराया था. समाजवादी पार्टी के कैलाश चंद्र केसरवानी तीसरे स्थान पर रहे थे. जबकि कांग्रेस के मो. फरीद खान चौथे स्थान पर रहे थे.

केशव प्रसाद मौर्य.
केशव प्रसाद मौर्य.

2017 विधानसभा के चुनाव में बीजेपी के शीतला प्रसाद पटेल ने एसपी के वाचस्पति को 26203 वोटों से हराया था. बहुजन समाज पार्टी के सईदुल रब तीसरे स्थान पर रहे थे. जबकि बहुजन मुक्ति पार्टी के आशीष कुमार कुशवाहा चौथे स्थान पर रहे थे.

शीतला प्रसाद पटेल का परिचय और जनता के बीच छवि

2017 में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह नगर सिराथू से चुनाव लड़ने वाले शीतला प्रसाद पटेल विधायक बनने के पहले डीजे और रोड लाइट का काम किया करते थे. 2017 में वह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और देश की सबसे बड़ी विधानसभा में विधायक बनकर पहुंचे. शीतला प्रसाद पटेल की बात करें तो वह इसके पहले कोई भी चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन वह राजनीति में 2014 से सक्रिय रहे. शीतला प्रसाद पटेल की पटेल जाति में अच्छी पकड़ रहने के कारण बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित किया था. क्योंकि सिराथू विधानसभा में पटेलों की संख्या ज्यादा है और यही कारण है कि कौशांबी जिले में पटेलों के वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए हर पार्टी किसी न किसी विधानसभा में एक पटेल प्रत्याशी घोषित करती है.

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कौशांबीः सिराथू विधानसभा सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पहली बार विधायक बने थे. डिप्टी सीएम के गृह नगर की इस सीट पर हमेशा सपा और बसपा का कब्जा रहता था. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने इस सीट पर पहली बार कमल खिलाया था. वहीं 2014 के उपचुनाव में यह सीट सपा के खाते में गई थी, लेकिन 2017 में इस सीट से भाजपा विधायक शीतल प्रसाद ने जीत हासिल की थी.

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का गृह जनपद कौशांबी में हमेशा सपा और बसपा का कब्जा रहता था, लेकिन 2017 में यहां पहली बार तीनों विधानसभा सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को जीत मिली. बीजेपी इस बार फिर से तीनों सीट पर कब्जा जमाने को लेकर जुटी हुई है. इन तीनों सीट में से सबसे ज्यादा हॉट सीट सिराथू विधानसभा सीट है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने 2012 में यहां पहली बार कमल खिलाया था और वह पहली बार विधायक इसी सीट से बने थे.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य.

सिराथू में मौजूदा समय में 3,65,153 कुल मतदाता हैं. जिसमें पुरुष मतदाता 1,95,660 और महिला मतदाता 1,69,492 हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां मतदाताओं की संख्या 3 लाख 25 हजार 109 थी. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 80 हजार 37 थी. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 45 हजार 72 थी. सिराथू विधानसभा सीट में कड़ा धाम का मां शीतला का प्रसिद्ध मंदिर है. इसके साथ ही यह ख्वाजा खड़ग शाह बाबा की मजार भी मौजूद है. वहीं कड़ा में ही संत मलूकदास का आश्रम भी मौजूद है.

सिराथू विधानसभा सीट पर कब और कौन जीता

2002 विधानसभा के चुनाव में बीएसपी के मतेष चंद्र सोनकर ने समाजवादी पार्टी के शैलेंद्र कुमार को हराया था. अपना दल के राम सजीवन निर्मल तीसरे स्थान पर रहे थे. जबकि बीजेपी की रेखा देवी चौथे स्थान पर रही थीं.

2007 विधानसभा के चुनाव में बीएसपी के वाचस्पति ने समाजवादी पार्टी के मतेश चंद्र सोनकर को हराया था. अपना दल की शीतला प्रसाद सोनकर तीसरे स्थान पर रहे थे. जबकि कांग्रेस के पुरुषोत्तम लाल चौथे स्थान पर रहे थे.

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2012 विधानसभा के चुनाव में बीजेपी के केशव प्रसाद ने बीएसपी के आनंद मोहन को हराया था. समाजवादी पार्टी के कैलाश चंद्र केसरवानी तीसरे स्थान पर रहे थे. जबकि कांग्रेस के मो. फरीद खान चौथे स्थान पर रहे थे.

केशव प्रसाद मौर्य.
केशव प्रसाद मौर्य.

2017 विधानसभा के चुनाव में बीजेपी के शीतला प्रसाद पटेल ने एसपी के वाचस्पति को 26203 वोटों से हराया था. बहुजन समाज पार्टी के सईदुल रब तीसरे स्थान पर रहे थे. जबकि बहुजन मुक्ति पार्टी के आशीष कुमार कुशवाहा चौथे स्थान पर रहे थे.

शीतला प्रसाद पटेल का परिचय और जनता के बीच छवि

2017 में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह नगर सिराथू से चुनाव लड़ने वाले शीतला प्रसाद पटेल विधायक बनने के पहले डीजे और रोड लाइट का काम किया करते थे. 2017 में वह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और देश की सबसे बड़ी विधानसभा में विधायक बनकर पहुंचे. शीतला प्रसाद पटेल की बात करें तो वह इसके पहले कोई भी चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन वह राजनीति में 2014 से सक्रिय रहे. शीतला प्रसाद पटेल की पटेल जाति में अच्छी पकड़ रहने के कारण बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित किया था. क्योंकि सिराथू विधानसभा में पटेलों की संख्या ज्यादा है और यही कारण है कि कौशांबी जिले में पटेलों के वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए हर पार्टी किसी न किसी विधानसभा में एक पटेल प्रत्याशी घोषित करती है.

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