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साइबेरियन क्रेन के शिकार का VIDEO: मांस खाने वालों को महंगे दाम पर बेचते थे, एक गिरफ्तार - कौशांबी अलवारा झील

कौशांबी में अलवारा झील (Kaushambi Alwara Lake) पर आने वाले साइबेरियन पक्षियों को शिकार (Siberian Bird Hunting) किया जा रहा है. पुलिस ने एक शिकारी को पकड़ा है. उसके पास से 7 साइबेरियन पक्षी मिले हैं. शिकारी इन पक्षियों को बेचते हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 1, 2024, 8:44 PM IST

साइबेरियन पक्षियों का शिकार करने वाला पकड़ा गया

कौशांबी: सात समंदर पार कर अलवारा झील आने वाले साइबेरियन पक्षियों का ठिकाना भी अब सुरक्षित नहीं रह गया है. विदेशों से आने वाले इन प्रवासी पक्षियों का शिकार कर शिकारी मांस के शौकीनों को बेच देते हैं. यही कारण है कि इन पक्षियों की संख्या लगतार घट रही है. पुलिस ने सोमवार को एक शिकारी को 7 साइबेरियन पक्षी के साथ गिरफ़्तार किया. हालांकि, वायरल वीडियो में शिकारी इन पक्षियों को खरीदने की बात कह रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिला प्रशासन इनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा.

महेवाघाट कोतवाली क्षेत्र के अलवारा झील में आज सुबह अरुण कुमार नाम के एक शिकारी को पुलिस ने 7 साइबेरियन पक्षी के साथ पकड़ा. पुलिस पूछताछ में अरुण ने बताया कि उसने अलवारा गांव के ही रहने वाले एक शिकारी से एक साइबेरिया पक्षी को 125 रुपये में खरीदा है. इसको मांस खाने वाले शौकीनों को महंगे दामों में बेच देते हैं. पकड़े जाने के बाद अरुण ने अपने जैकेट से एक के बाद एक 7 साइबेरिया मृत पक्षियों को निकाला. इसका वीडियो वायरल हो रहा है.

महेवाघाट पुलिस ने वन विभाग के रेंजर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. अरुण को अलवारा गांव ले जाकर शिकारियों की पहचान कराने की कोशिश कर रही है. हालांकि, अभी शिकारियों की पहचान नहीं हो पाई है. साइबेरियन के अलावा इस झील में आने वाले लालसर, सुरखाब, हंस, कैमा, नकटा आदि प्रजाति के पक्षियों की बिक्री शिकारियों द्वारा की जा रही है. खुलेआम हो रहे शिकार से पक्षी बिहार के कर्मियों की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे हैं.

अलवारा झील में मेहमान साइबेरियन पक्षियों की सुरक्षा के लिए सरकारी स्तर से किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं. झील के किनारे के गांव शाहपुर, महेवाघट, मुबारकपुर, घोघपुरवा समेत कई गांवों के शिकारी रात को ज़हर में मिला अनाज झील के पानी में होने वाले पुरैन के पत्तों पर रख देते हैं, जिले खाने पर पक्षी या तो पक्षी बेहोश हो जाते हैं या फिर उनकी मृत्यु हो जाती है. इसके अलावा शिकारी रात में जाल डालकर शिकार करने के बाद दिन में इन्हें बेचने हैं.

डीएफओ आरएस यादव ने बताया कि सूचना मिली है कि वहां पक्षियों का शिकार किया गया है. उन्होंने कहा कि अधिकारी को भेजकर वन जीव अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अनुसार जो पकड़े गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस तरह की सूचना पर लगातार ग्रामीणों के साथ गोष्ठी की जाती है और उनको जानकारी भी दी जाती है. लेकिन, किसी प्रकार का कोई अपराध करता है तो वन विभाग और पुलिस को सूचना दें. उसके उपरांत कुछ होता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है.

एएसपी अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया द्वारा जानकारी मिली है. साइबेरियन पक्षी का नाम बताया जा रहा है. लेकिन, साइबेरियन है या किस प्रजाति के पक्षी हैं, जिनको पकड़ करके और मार करके किसी को बेचने वाली बात सामने आ रही है. इस संबंध में ट्विट भी प्राप्त हुआ है. वन विभाग को सूचित किया गया है. वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर विवेचनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इसमें जो संदिग्ध व्यक्ति है, उसे पकड़ा गया है.

यह भी पढ़ें: महिला मित्र के साथ होटल में ठहरे आईटीबीपी जवान का मिला शव, दोस्त ने जताई हत्या की आशंका

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साइबेरियन पक्षियों का शिकार करने वाला पकड़ा गया

कौशांबी: सात समंदर पार कर अलवारा झील आने वाले साइबेरियन पक्षियों का ठिकाना भी अब सुरक्षित नहीं रह गया है. विदेशों से आने वाले इन प्रवासी पक्षियों का शिकार कर शिकारी मांस के शौकीनों को बेच देते हैं. यही कारण है कि इन पक्षियों की संख्या लगतार घट रही है. पुलिस ने सोमवार को एक शिकारी को 7 साइबेरियन पक्षी के साथ गिरफ़्तार किया. हालांकि, वायरल वीडियो में शिकारी इन पक्षियों को खरीदने की बात कह रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिला प्रशासन इनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा.

महेवाघाट कोतवाली क्षेत्र के अलवारा झील में आज सुबह अरुण कुमार नाम के एक शिकारी को पुलिस ने 7 साइबेरियन पक्षी के साथ पकड़ा. पुलिस पूछताछ में अरुण ने बताया कि उसने अलवारा गांव के ही रहने वाले एक शिकारी से एक साइबेरिया पक्षी को 125 रुपये में खरीदा है. इसको मांस खाने वाले शौकीनों को महंगे दामों में बेच देते हैं. पकड़े जाने के बाद अरुण ने अपने जैकेट से एक के बाद एक 7 साइबेरिया मृत पक्षियों को निकाला. इसका वीडियो वायरल हो रहा है.

महेवाघाट पुलिस ने वन विभाग के रेंजर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. अरुण को अलवारा गांव ले जाकर शिकारियों की पहचान कराने की कोशिश कर रही है. हालांकि, अभी शिकारियों की पहचान नहीं हो पाई है. साइबेरियन के अलावा इस झील में आने वाले लालसर, सुरखाब, हंस, कैमा, नकटा आदि प्रजाति के पक्षियों की बिक्री शिकारियों द्वारा की जा रही है. खुलेआम हो रहे शिकार से पक्षी बिहार के कर्मियों की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे हैं.

अलवारा झील में मेहमान साइबेरियन पक्षियों की सुरक्षा के लिए सरकारी स्तर से किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं. झील के किनारे के गांव शाहपुर, महेवाघट, मुबारकपुर, घोघपुरवा समेत कई गांवों के शिकारी रात को ज़हर में मिला अनाज झील के पानी में होने वाले पुरैन के पत्तों पर रख देते हैं, जिले खाने पर पक्षी या तो पक्षी बेहोश हो जाते हैं या फिर उनकी मृत्यु हो जाती है. इसके अलावा शिकारी रात में जाल डालकर शिकार करने के बाद दिन में इन्हें बेचने हैं.

डीएफओ आरएस यादव ने बताया कि सूचना मिली है कि वहां पक्षियों का शिकार किया गया है. उन्होंने कहा कि अधिकारी को भेजकर वन जीव अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अनुसार जो पकड़े गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस तरह की सूचना पर लगातार ग्रामीणों के साथ गोष्ठी की जाती है और उनको जानकारी भी दी जाती है. लेकिन, किसी प्रकार का कोई अपराध करता है तो वन विभाग और पुलिस को सूचना दें. उसके उपरांत कुछ होता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है.

एएसपी अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया द्वारा जानकारी मिली है. साइबेरियन पक्षी का नाम बताया जा रहा है. लेकिन, साइबेरियन है या किस प्रजाति के पक्षी हैं, जिनको पकड़ करके और मार करके किसी को बेचने वाली बात सामने आ रही है. इस संबंध में ट्विट भी प्राप्त हुआ है. वन विभाग को सूचित किया गया है. वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर विवेचनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इसमें जो संदिग्ध व्यक्ति है, उसे पकड़ा गया है.

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