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धन वसूली करने वालों पर गैंगस्टर की कार्रवाई, गैंग की महिला ने एसपी पर भी लगाया था छेड़खानी का झूठा आरोप - कौशांबी में धन उगाही करने वाला गिरोह

कौशांबी में धन उगाही करने वाले गिरोह के तीन लोगों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत कार्रवाई (Action Against Money Extortion Gang) की है. इसमें एक महिला भी शामिल है. इस महिला ने एसपी पर छेड़खानी का झूठा आरोप भी लगाया था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 19, 2023, 10:58 PM IST

कौशांबी: पुलिस ने फर्जी मुकदमे में फंसाकर लोगों से अवैध धन वसूली करने वाले महिला सहित 3 लोगों पर गैंगस्टर के तहत बड़ी कार्रवाई की है. ये गैंग कितना प्रभावशाली था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गैंग की महिला सदस्य ने एसपी पर भी छेड़खानी का झूठा आरोप लगाया था और बाद में बयान से मुकर गई थी. करारी थाना प्रभारी के मुताबिक, दर्ज मुकद्दमे मे गैंग के 3 आपराधिक इतिहास सामने आए हैं. इसमें बदमाशों ने साजिश कर 2 लोगों से धन उगाई भी की.

करारी थाना प्रभारी प्रमोद कुमार राम की तहरीर के अनुसार, अभियुक्त शंकर लाल निवासी मवई कला थाना मऊ जिला चित्रकूट, अभियुक्त मिथुन कुमार निवासी नन्दौली थाना सराय अकिल और अभियुक्त महिला निवासी सचवारा थाना करारी का एक संगठित गिरोह है. इस गैंग का लीडर शंकर लाल है. इसके सक्रिय सदस्य मिथुन कुमार और महिला हैं. जो स्वयं और अपने गिरोह के सक्रिय सदस्यों के साथ मिलकर अपने व अपने गिरोह के सदस्यों के लाभ के लिए अपराध करने के अपराधी हैं. इस गैंग लीडर की सक्रिय महिला सदस्य द्वारा अपने नाबालिग लड़के को रणनीति बनाकर आर्थिक लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से योजना के तहत 16 अगस्त 2023 को गायब कर दिया था. इसके बाद बेटे के अपहरण की झूठी कहानी रची. इसमें महिला द्वारा 18 अगस्त 2023 को थाना स्थानीय पर मुकदमा अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराया गया.

इस गिरोह ने लोगों से धन उगाही की. इसमें पुलिस ने विवेचनात्मक कार्रवाई करते हुए रानी देवी और गैंग के अन्य सदस्यों के ऊपर इसी मुकदमे में धारा 363 से धारा 364ए/194 आईपीसी में तरमीम की. गैंग के सदस्यों पर आरोप साबित होने पर आरोप पत्र कोर्ट को भेज दिया गया. इसके बाद भी गैंग लीडर व गैंग के सदस्यों द्वारा गिरोह बनाकर संजय कुमार के ऊपर बच्चे को गायब करने का आरोप लगाकर 1 लाख रुपये की मांग की गई. पैसे नहीं देने पर डंपर चढ़वाकर जान से मारने की धमकी दी गई और फिर 10 हजार रुपये ले लिए. इसका थाना करारी में केस दर्ज है. इस मुकदमे में भी आरोप साबित होने पर आरोप पत्र कोर्ट को प्रेषित कर दिया गया है. इसके अलावा गैंग द्वारा इंद्र कुमार यादव उर्फ टिल्लू यादव से जान से मारने की धमकी देते हुए 50 हजार रुपये की मांग की गई. इसमें इंद्र कुमार यादव से 15 हजार रुपये गैंग द्वारा लिए गए. इसका भी मुकदमा दर्ज है. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए महिला और गैंग के अन्य सदस्यों पर गैंगेस्टर की कार्रवाई की है.

थाना प्रभारी प्रमोद कुमार राम ने बताया कि गिरोह के क्रियाकलाप को देखते हुए समाज में भय और आतंक व्याप्त है. इनका जनहित में स्वतंत्र रहना उचित नहीं है. इसके चलते पुलिस ने गिरोहबंद अधिनियम धारा 2/3 के तहत केस दर्ज कर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है. करारी थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला ने 19 जून 2023 को पुलिस अधीक्षक पर दुर्व्यवहार व छेड़खानी का आरोप लगाया था. तब भी महिला सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गई थी. आरोप लगाने के अगले दिन ही महिला ने मीडिया के सामने आकार अपने आरोप से मुकर गई थी. उसने एसपी आवास में नौकरी से हटाए जाने का गुस्सा बताकर मामले में खुद की गलती को कबूल किया. पुलिस अफसर पर लगे आरोप के बाबत प्रयागराज के एडीजी भानु भास्कर ने पुलिस अफसर पर जांच आईजी प्रयागराज की अध्यक्षता में एसपी चित्रकूट व प्रतापगढ़ की सीडीओ को सदस्य नामित कर जांच कराई. जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी.

यह भी पढ़ें: कानपुर देहात डबल मर्डर : पिता की तीसरी शादी से बेटों को होती थी शर्मिंदगी, इसलिए दिया हत्याकांड को अंजाम

कौशांबी: पुलिस ने फर्जी मुकदमे में फंसाकर लोगों से अवैध धन वसूली करने वाले महिला सहित 3 लोगों पर गैंगस्टर के तहत बड़ी कार्रवाई की है. ये गैंग कितना प्रभावशाली था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गैंग की महिला सदस्य ने एसपी पर भी छेड़खानी का झूठा आरोप लगाया था और बाद में बयान से मुकर गई थी. करारी थाना प्रभारी के मुताबिक, दर्ज मुकद्दमे मे गैंग के 3 आपराधिक इतिहास सामने आए हैं. इसमें बदमाशों ने साजिश कर 2 लोगों से धन उगाई भी की.

करारी थाना प्रभारी प्रमोद कुमार राम की तहरीर के अनुसार, अभियुक्त शंकर लाल निवासी मवई कला थाना मऊ जिला चित्रकूट, अभियुक्त मिथुन कुमार निवासी नन्दौली थाना सराय अकिल और अभियुक्त महिला निवासी सचवारा थाना करारी का एक संगठित गिरोह है. इस गैंग का लीडर शंकर लाल है. इसके सक्रिय सदस्य मिथुन कुमार और महिला हैं. जो स्वयं और अपने गिरोह के सक्रिय सदस्यों के साथ मिलकर अपने व अपने गिरोह के सदस्यों के लाभ के लिए अपराध करने के अपराधी हैं. इस गैंग लीडर की सक्रिय महिला सदस्य द्वारा अपने नाबालिग लड़के को रणनीति बनाकर आर्थिक लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से योजना के तहत 16 अगस्त 2023 को गायब कर दिया था. इसके बाद बेटे के अपहरण की झूठी कहानी रची. इसमें महिला द्वारा 18 अगस्त 2023 को थाना स्थानीय पर मुकदमा अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराया गया.

इस गिरोह ने लोगों से धन उगाही की. इसमें पुलिस ने विवेचनात्मक कार्रवाई करते हुए रानी देवी और गैंग के अन्य सदस्यों के ऊपर इसी मुकदमे में धारा 363 से धारा 364ए/194 आईपीसी में तरमीम की. गैंग के सदस्यों पर आरोप साबित होने पर आरोप पत्र कोर्ट को भेज दिया गया. इसके बाद भी गैंग लीडर व गैंग के सदस्यों द्वारा गिरोह बनाकर संजय कुमार के ऊपर बच्चे को गायब करने का आरोप लगाकर 1 लाख रुपये की मांग की गई. पैसे नहीं देने पर डंपर चढ़वाकर जान से मारने की धमकी दी गई और फिर 10 हजार रुपये ले लिए. इसका थाना करारी में केस दर्ज है. इस मुकदमे में भी आरोप साबित होने पर आरोप पत्र कोर्ट को प्रेषित कर दिया गया है. इसके अलावा गैंग द्वारा इंद्र कुमार यादव उर्फ टिल्लू यादव से जान से मारने की धमकी देते हुए 50 हजार रुपये की मांग की गई. इसमें इंद्र कुमार यादव से 15 हजार रुपये गैंग द्वारा लिए गए. इसका भी मुकदमा दर्ज है. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए महिला और गैंग के अन्य सदस्यों पर गैंगेस्टर की कार्रवाई की है.

थाना प्रभारी प्रमोद कुमार राम ने बताया कि गिरोह के क्रियाकलाप को देखते हुए समाज में भय और आतंक व्याप्त है. इनका जनहित में स्वतंत्र रहना उचित नहीं है. इसके चलते पुलिस ने गिरोहबंद अधिनियम धारा 2/3 के तहत केस दर्ज कर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है. करारी थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला ने 19 जून 2023 को पुलिस अधीक्षक पर दुर्व्यवहार व छेड़खानी का आरोप लगाया था. तब भी महिला सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गई थी. आरोप लगाने के अगले दिन ही महिला ने मीडिया के सामने आकार अपने आरोप से मुकर गई थी. उसने एसपी आवास में नौकरी से हटाए जाने का गुस्सा बताकर मामले में खुद की गलती को कबूल किया. पुलिस अफसर पर लगे आरोप के बाबत प्रयागराज के एडीजी भानु भास्कर ने पुलिस अफसर पर जांच आईजी प्रयागराज की अध्यक्षता में एसपी चित्रकूट व प्रतापगढ़ की सीडीओ को सदस्य नामित कर जांच कराई. जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी.

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