कौशांबी: अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम शिवानन्द सिंह ने सराय अकिल थाना क्षेत्र के बुआराम का पुरवा गांव में 22 वर्ष पूर्व हुए अखिलेश द्विवेदी मर्डर केस (akhilesh dwivedi murder case) में पांच आरोपितों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही सभी आरोपितों पर 28-28 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. 22 साल बाद न्याय मिलने से पीड़ित परिवार में खुशी का माहौल है.
कौशाम्बी जनपद न्यायालय के सहायक लोक अभियोजक अनिरुद्ध कुमार मिश्र ने बताया कि सराय अकिल थाना क्षेत्र के बुआराम का पुरवा मजरा बसुहार में दो पक्षों के बीच रास्ते के विवाद को लेकर तनाव चल रहा था. 30 दिसंबर 2001 को रास्ते की पैमाईश के लिए हल्का लेखपाल आए थे. लेखपाल के जाने के बाद करीब तीन बजे दिन दोनों पक्ष आमने-सामने हुए तो विवाद जानलेवा हो चला. दोनों ओर से की गई गोलीबारी में अखिलेश द्विवेदी पुत्र हीरालाल की मौके पर ही मौत हो गई. मामले में मृतक के पिता की तहरीर पर गांव के ही चक्रधर, लक्ष्मी धर, छोटेलाल, मनोज, अनिल व सुशील के खिलाफ हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज हुआ, जिसकी विवेचना के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया.
आरोपी सुनील कुमार के नाबालिग होने पर इनकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई थी. मुकदमें के पांच आरोपितों का विचारण एडीजे फर्स्ट शिवानंद सिंह की अदालत में किया गया. यहां राज्य सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार मिश्र ने वादी मुकदमा समेत घटना के कुल आठ लोगों को कोर्ट में पेश करके गवाही कराई. बहस करते हुए उन्होंने सभी आरोपियों पर आरोप साबित बताते हुए कड़ी से कड़ी सजा सुनाने का अनुरोध किया.
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने लगाए गए आरोप नासाबित बताते हुए आरोपितों को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त किए जाने की याचना की. दोनों ओर से की गई बहस को सुनने व पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन करने के उपरांत अखिलेश द्विवेदी की गोली मारकर हत्या किए जाने के लिए सभी पांच आरोपितों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने पांचों अभियुक्तों पर 28-28 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अदालत में मौजूद कोर्ट मुहर्रिर राम बहादुर ने पांचो आरोपितों को कस्टडी में लेकर के सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया है.
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