कौशांबी: जिला अदालत ने दहेज हत्या के मामले में आरोपी पति को दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोषी पति पर 32 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने माना की दोषी पति ने दहेज के लिए अपनी पत्नी को जहर देकर मार डाला है. वहीं इस मामले में सास और ससुर को आरोप से बरी कर दिया गया है.
मामला सैनी कोतवाली क्षेत्र के भौतर गांव का है. फतेहपुर के खागा कोतवाली के खुर्द गांव के रहने देशराज ने अपनी बेटी सुनीता की शादी 10 मार्च 2015 को भौतर गांव के रहने वाले राजू के साथ किया था. आरोप है कि देशराज ने अपने हैसियत के अनुसार भरपूर दहेज दिया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही मृतिका का पति राजू 25 हजार रुपये और सोने की चेन की मांग करता था. जब देशराज ने देने में असमर्थता जताई तो पति राजू आए दिन अपनी पत्नी सुनीता से मारपीट किया करता था. 11 अक्टूबर 2015 को सुबह 8 बजे ससुराल वालों ने देशराज को सूचना दिया कि उसकी बेटी सुनीता ने जहर खा कर आत्महत्या कर लिया है, जिसके बाद देशराज मौके पर पहुंचा और मामले में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की मांग की थी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या का हुआ था खुलासा
इस मामले में पुलिस ने देशराज की तहरीर पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर मृतिका के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर के साथ-साथ शरीर के अन्य भागों में चोट की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी राजू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और इस पूरे मामले में राजू के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय को प्रेषित किया गया था.
कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश कीर्ति कुणाल ने मामले में सुनवाई शुरू किया. अपर शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार मिश्रा ने दस गवाहों के परीक्षण करवाया, जिसके बाद न्यायालय ने पति राजू को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा और 32 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. वहीं कोर्ट ने मृतिका की सास और ससुर को दोष मुक्त कर दिया है.
दहेज हत्या मामले में पति को मिली आजीवन कारावास की सजा
कौशांबी की जिला अदालत ने दहेज हत्या के मामले में आरोपी पति को दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं इस मामले में सास और ससुर को आरोप से बरी कर दिया गया है.
कौशांबी: जिला अदालत ने दहेज हत्या के मामले में आरोपी पति को दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोषी पति पर 32 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने माना की दोषी पति ने दहेज के लिए अपनी पत्नी को जहर देकर मार डाला है. वहीं इस मामले में सास और ससुर को आरोप से बरी कर दिया गया है.
मामला सैनी कोतवाली क्षेत्र के भौतर गांव का है. फतेहपुर के खागा कोतवाली के खुर्द गांव के रहने देशराज ने अपनी बेटी सुनीता की शादी 10 मार्च 2015 को भौतर गांव के रहने वाले राजू के साथ किया था. आरोप है कि देशराज ने अपने हैसियत के अनुसार भरपूर दहेज दिया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही मृतिका का पति राजू 25 हजार रुपये और सोने की चेन की मांग करता था. जब देशराज ने देने में असमर्थता जताई तो पति राजू आए दिन अपनी पत्नी सुनीता से मारपीट किया करता था. 11 अक्टूबर 2015 को सुबह 8 बजे ससुराल वालों ने देशराज को सूचना दिया कि उसकी बेटी सुनीता ने जहर खा कर आत्महत्या कर लिया है, जिसके बाद देशराज मौके पर पहुंचा और मामले में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की मांग की थी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या का हुआ था खुलासा
इस मामले में पुलिस ने देशराज की तहरीर पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर मृतिका के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर के साथ-साथ शरीर के अन्य भागों में चोट की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी राजू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और इस पूरे मामले में राजू के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय को प्रेषित किया गया था.
कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश कीर्ति कुणाल ने मामले में सुनवाई शुरू किया. अपर शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार मिश्रा ने दस गवाहों के परीक्षण करवाया, जिसके बाद न्यायालय ने पति राजू को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा और 32 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. वहीं कोर्ट ने मृतिका की सास और ससुर को दोष मुक्त कर दिया है.