कौशांबी: सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने घर की बेकार पड़ी वस्तुओं से तैयार कला-कृतियों का बाल दीपावली मेला लगाया गया. इस मेले का उद्घाटन जिले के प्रभारी मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने किया. इस मेले में बच्चों ने घर पर पड़े वेस्ट मेटेरियल से विभिन्न प्रकार की सजावट के सामान तैयार किए हैं. इन्हें यहां बेचने या प्रदर्शन करने के लिए बच्चों ने एक मेला लगाया है. इस मेले से होने वाली आय बच्चों की पढ़ाई के लिए खर्च की जाएगी.
वेस्ट मेटेरियल से बच्चों ने बनाया सजावट का सामान
प्रकाश के सबसे बड़े पर्व से पहले ओसा स्थित कृषि मंडी में बाल दीपावली मेले का आयोजन किया गया. इसमें किताबी ज्ञान से दूर नौनिहालों ने अपनी सजावट व रचनात्मक क्षमता का एक ऐसा उदाहरण पेश किया कि मेले के पास से गुजरने वाला हर शख्स अपनी दांतों तले उंगलियां दबा बैठा.
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बच्चों ने सजावट का सामान कैंडल, मिट्टी की मूर्तियां, बंदरवाल, झूमर, ग्रीटिंग कार्ड, गुलदस्ते, पेन स्टैंड, जेल कैंडिल, दीपक स्टैंड, झाड़ू कलर करके सजावट का सामान बनाया. ये सारी वस्तुएं बच्चों ने घर के बेकार पड़ी वस्तुओं से बनाई. साथ ही बच्चों ने स्वच्छता के प्रति एक संदेश भी दिया कि किस प्रकार वेस्ट मेटेरियल का रिसाइकल यूज कर देश को स्वच्छ बनाया जा सकता है.
मेले से होने वाली आय को बच्चों की पढ़ाई पर किया जाएगा खर्च
दिवाली मेले के आयोजक सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अविनाश सिंह के मुताबिक दीपावली के खास मौके पर बच्चों की रचनात्मक कलाकृतियों का यह मेला है. इसका मकसद बच्चों को नई पहचान और आर्थिक लाभ कराने के लिए लगाया गया था. अक्सर स्कूल के निरीक्षण के दौरान देखा जाता था कि बच्चे कुछ न कुछ कलाकृति बनाया करते थे. इसको जन सामान्य के सामने लाने के लिए और बच्चों की कला दिखाने के लिए इस मेले का आयोजन किया गया है. इस मेले से होने वाली आय बच्चों की पढ़ाई में खर्च किया जाएगा.