कौशांबी: जिले की अधिकतर आबादी खेती पर निर्भर है, लेकिन जब खेतीबाड़ी का समय खत्म हो जाता है तो लोग रोजगार के सिलसिले में मुंबई, नासिक, दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में निकल जाते हैं. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र के मुंबई और नासिक शहर में 44 मजदूर फंस गए थे.
सभी प्रवासी मजदूर एक कंटेनर में भरकर कौशांबी आए. एक साथ इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के कौशांबी आने की सूचना पर पुलिस ने कनवार बॉर्डर पर ही कंटेनर को रोक लिया. बॉर्डर पर रोके गए कंटेनर को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी अस्थायी आश्रय स्थल सयारा पहुंचे.
सभी प्रवासी मजदूरों को कंटेनर से बाहर निकाल कर मैदान में बैठाया गया. सोशल डिस्टेंस के दायरे में सभी मजदूरों को बैठाकर उनका नाम, पता और मोबाइल नंबर पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारियों ने नोट किया. महाराष्ट्र के मुंबई से चलकर कौशांबी पहुंचे प्रवासी मजदूरों ने बताया कि उन्होंने मुंबई से नासिक तक का लगभग पौने दो सौ किलोमीटर का सफर पैदल पूरा किया.
नासिक में पुलिसकर्मियों ने उन सब को रोककर कंटेनर में बैठाकर कौशांबी भेजा. छह दिन बीत जाने के बाद गुरुवार को वह कौशांबी पहुंचे हैं. महाराष्ट्र से आये सभी प्रवासी मजदूर जिले के अलग-अलग गांव के रहने वाले हैं.
उप जिलाधिकारी सिराथू राजेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक महाराष्ट्र से आए सभी प्रवासी मजदूरों को सयारा स्थित अस्थाई आश्रय स्थल में चौदह दिनों के लिए क्वारेंटाइन किया जा रहा है.