कौशाम्बी: देश में कई जगह निजी अस्पतालों की वजह से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के मामले सामने आने के बाद सरकार और स्वास्थ्य विभाग दोनों सतर्क हो गये हैं और इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए शासन ने निजी अस्पतालों के डॉक्टर के लिए गाइड लाइन जारी किया है. जिसे लेकर डिप्टी सीएमओ ने जिले के निजी अस्पताल के संचालकों और डॉक्टरों के साथ गुरुवार को एक बैठक कर इस गाइड लाइन के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
साथ ही प्रशासन की तरफ से निजी अस्पताल के डॉक्टरों से शपथ पत्र मांगा गया है कि वो मानक को पूरा करके अस्पताल चलाएंगे. डिप्टी सीएमओ ने कहा कि, यदि किसी निजी अस्पताल की वजह से कोरोना का संक्रमण फैलता है तो उस अस्पताल के संचालक पर कार्रवाई होगी.
जिसके बाद कार्रवाई की बात सुनकर बैठक में मौजूद निजी अस्पातल संचालक और डॉक्टर भड़क गए और मीटिंग बीच में ही खत्म हो गई. इसके बाद नाराज निजी अस्पताल संचालकों और डॉक्टरों ने कौशांबी जिले के 40 निजी हॉस्पिटल को बंद कर दिया.
निजी अस्पतालों के लिए सरकार की तरफ से जारी गाइड लाइन
प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है जिसे लेकर सरकार और स्वास्थ्य महकमा काफी गंभीर है. गाइड लाइन के मुताबिक अस्पताल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट पहनना, 6-6 घंटे के अंतराल पर अस्पताल का सैनिटाइजेशन करना, यदि किसी मरीज का ऑपरेशन होना है तो पहले कोरोना की जांच करवाना, N95 मास्क पहनना अनिवार्य है.
गाइड लाइन फॉलो नहीं करने पर होगी कार्रवाई
जिले के सभी निजी अस्पताल और क्लीनिक संचालकों को इसकी जानकारी देने के लिए बैठक बुलायी गयी थी. गुरुवार सुबह 11:00 बजे सभी डॉक्टर सीएमओ कार्यालय पहुंचे. तो अपर सीएमओ एचपी मणि ने सभी को शासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस के बारे में अवगत कराया. निजी अस्पताल के डॉक्टर के मुताबिक उन्हें कहा गया कि अगर आपके द्वारा किसी भी मरीज को कोरोना संक्रमण हुआ तो रासुका जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा. कार्रवाई की बात सुनते ही सभी निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर भड़क गए और उन्होंने हॉस्पिटलों को बंद कर दिया है. जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.