कौशांबीः जिले के जिला पंचायत के 14 सदस्यों ने प्रयागराज पहुंचकर मंडल आयुक्त को सामूहिक इस्तीफा सौंपा है. सदस्यों का आरोप है कि जिला पंचायत में भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर उसकी जांच नहीं की जा रही है. संवैधानिक अधिकारों का हनन एवं उत्पीड़न से परेशान होकर वह सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं. 14 सदस्यों के एक साथ सामूहिक स्थिति पर से एक के बाद से जिले की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है.
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इस्तीफा सौंपने वाले सदस्यों का आरोप है कि 'जिला पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, जिसके बाद उसकी जांच भी नहीं कराई गई. जिला पंचायत द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों, अमृत सरोवरों व स्ट्रीट लाईटों की गुणवत्ता की शिकायतें रजिस्टर्ड पत्रों के माध्यम से अपर मुख्य सचिव पंचायत विभाग उप्र को सम्बोधित करते हुए प्रतिलिपि आयुक्त प्रयागराज मंडल व जिलाधिकारी कौशाम्बी को की गई. इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा अपने प्रभाव का प्रयोग कर जांच ढंडे बस्ते में डाल दिया'. सदस्यों का आरोप है कि 'जिला पंचायत कार्यालय में बने सदस्य कक्ष में ताला लगा दिया जाता है और सदस्यों के जाने पर भी ताला खोला नहीं जाता है. जिससे महिला सदस्यों को काफी परेशानी होती है. इसके साथ ही अधिकारियों द्वारा सदस्यों का फोन नहीं उठाया जाता.'
जिला पंचायत सदस्यों ने बीजेपी से जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर पर गंभीर आरोप लगाकर जांच कराने की मांग की. जांच न होने पर वार्ड नंबर 24 के सदस्य स्वराज प्रकाश, वार्ड 4 के रामनरेश, वार्ड 22 की नीरजा द्विवेदी, वार्ड 10 के अरुण चौधरी, वार्ड 16 के नरेश कुमार, वार्ड 20 के गया प्रसाद, वार्ड 19 की कमला देवी, वार्ड एक की विजमा देवी, वार्ड 25 की सुनीता देवी, वार्ड 11 की सीमा देवी, वार्ड आठ की सुनीता निषाद, वार्ड 21 की सोनी चौधरी, वार्ड 26 की शायमा देवी और वार्ड नंबर 18 की अर्चना देवी ने सामूहिक रूप से इस्तीफा स्वीकार करने की मांग की है.
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