कासगंजः जिले के गांव खड़ेरी में कोरोना टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम तो ग्रामीण छुपने और भागने लगे. स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों के तमाम मान-मनौव्वल के बावजूद भी गांव के लोग टीकाकरण के लिए राजी नहीं हुए. तब गांव की ही 96 वर्षीय दादी आधार कुमारी ने सामने आकर सबसे पहले टीका लगवाया. टीका लगवाकर उन्होंने गांव के सभी लोगों को टीके के फायदे गिनाये. इसके बाद गांव के लोग टीकाकरण के लिए राजी हुए.
अफवाहों पर न ध्यान दें
स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि दादी ने टीकाकरण के बाद ग्रामीणों को समझाया कि 'देखो मैं कितनी बूढ़ी हूं, मैंने भी तो टीका लगवाया है. क्या मुझे कुछ हुआ, मैं पहले की तरह ही स्वस्थ हूं. इसलिए आप सभी गांव के लोग अपने अंदर पल रही अफवाहों और भ्रांतियों को मिटाकर अपने जीवन की रक्षा के बारे में सोचते हुए टीकाकरण तत्काल कराएं. दादी की इस अपील के बाद गांव के सभी लोग टीकाकरण कराने के लिए राजी हो गए.
टीम के पहुंचते ही भागने लगे ग्रामीण
कासगंज के तहसीलदार अजय कुमार ने बताया कि 22 जून को वह टीकाकरण करने वाली टीम के साथ दतलाना पंचायत के ग्राम नगला खड़ेरी में गए थे. टीकाकरण टीम को देखकर गांव के लोग अपने घरों को छोड़कर पेड़ों के पीछे छुपने लगे और खेतों की ओर भागने लगे. इस पर टीम ने ग्रामीणों को भरोसे में लेकर जैसे-तैसे अपने पास बुलाया और टीका लगवाने के लिए काफी समझाने का प्रयास किया. लेकिन तमाम मान मनौव्वल के बावजूद भी गांव के लोग टीकाकरण के लिए राजी नहीं हुए. इसके बाद 96 वर्षीय आधार कुमारी पत्नी सोनपाल ने आगे आकर सबसे पहले टीका लगवाया. इसके बाद दादी की अपील पर एक के बाद एक ग्रामीणों ने टीका लगवाना शुरू कर दिया. सामुदायिक स्वास्थय केंद्र सोरों के चिकित्सा अधीक्षक हरीश कुमार ने बताया कि गांव वालों को दादी के समझाने का असर इस कदर हुआ कि 250 की कुल आबादी वाले गांव खड़ेरी में अब तक 176 लोगों ने कोरोना का टीका लगवा लिया है. दादी की अपील के बाद पहले ही दिन गांव खड़ेरी में 136 लोगों का टीकाकरण हुआ.
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टूटी झोपड़ी में अकेले रहती हैं दादी
बता दें कि गंगा किनारे बसे इस छोटे से गांव खड़ेरी में वृद्ध आधार कुमारी अकेली एक टूटे से झोपड़े में रहतीं हैं. जबकि उनका बेटा उनसे अलग दूसरे घर में रहता है. दैनिक क्रियाकलाप करने के साथ दादी अपना भोजन खुद पकातीं हैं. गांव में उनके स्नेहपूर्ण व्यवहार से सभी लोग उन्हें बेहद आदर देते हैं. उम्र के 9 दशक पार कर चुकीं दादी गांव वालों के लिए आदर्श की प्रेरणा स्रोत मानीं जातीं हैं. हालांकि यह मामला 3 दिन पुराना है, लेकिन 96 वर्षीय वृद्ध महिला की अपील पर ग्रामीणों कोरोना की वैक्सीन लगवा ली.