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कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स को दिल्ली IIT की टीम ने बताया खतरनाक, सामने आई PWD की लापरवाही

यूपी के कासगंज में सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण जिले की सड़कों पर 17 ब्लैक स्पॉट्स का पाया जाना है. यह खुलासा पीडब्ल्यूडी विभाग के एआरटीओ और पुलिस की संयुक्त जांच में हुआ है. वहीं, दिल्ली आईआईटी की टीम ने भी जिले की सड़कों पर 17 ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित कर उनमें तकनीकी कमियां बताईं हैं.

कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स
कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स
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Published : Nov 12, 2021, 7:33 AM IST

कासगंज: कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स के कारण यहां सड़क दुर्घटनाओं में भारी इजाफा हुआ है. आज ईटीवी भारत ने जिले के दो बड़े ब्लैक स्पॉट्स की पड़ताल की. साथ ही स्थानीय लोगों व अधिकारियों से उक्त समस्या पर बात भी की. ताकि असल हकीकत सामने आ सके. कासगंज में पिछले साल की सड़क दुर्घटनाओं के अगर आंकड़ों पर गौर करें तो सड़कों पर खराब इंजीनियरिंग और विभागीय लापरवाही के कारण करीब 377 सड़क दुर्घटनाओं में 192 लोगों की मौत हो चुकी है.

प्रशासन के अनुसार जिन जगहों पर अधिक दुर्घटनाएं होती हैं, उन स्थानों को ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर दिया जाता है. लेकिन आईआईटी दिल्ली की टीम ने कासगंज की सड़कों पर 17 जगहों को चिन्हित किया था, जहां सड़क निर्माण व इंजीनियरिंग की खामियों के चलते सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं.

कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स

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लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन सुधीर कुमार का तर्क है कि जिस जगह पर अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, वह ब्लैक स्पॉट बन जाते हैं. जबकि आईआईटी दिल्ली की टीम ने सड़क दुर्घटनाओं का कारण निर्माण के दौरान सड़कों के मोड़ पर मानक के अनुरूप ढाल अर्थात सुपर एलिवेशन नहीं लिए जाने के बारे में बताया है.

एक्सईएन सुधीर कुमार ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के दो मुख्य कारण सामने आए हैं.पहला तीव्र गति और दूसरा असावधानी. उन्होंने कहा कि इन ब्लैक स्पॉट्स को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स
कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स

वहीं, एआरटीओ राजेश राजपूत ने बताया कि तेज गति से वाहन चलाना दुर्घटना का मुख्य कारण है. जिसको लेकर हमने दोपहिया वाहन चालकों के लिए अधिकतम गति सीमा 40 किलोमीटर प्रतिघंटा और चार पहिया वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित कर दी गई है.

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साथ उन्होंने बताया कि पटियाली क्षेत्र में सड़क किनारे भारी मात्रा करब हैं और ठंड के दौरान कोहरे पड़ने की स्थिति में यहां दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं. ऐसे में जल्द ही वन विभाग से बात कर सड़क किनारों से करब हटवाए जाएंगे.

कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स
कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स

कुल मिलाकर कहे तो सभी विभाग के अधिकारी सड़क दुर्घटनाओं का बड़ा कारण तेज रफ्तार और वाहन चलाने में लापरवाही मान रहे हैं. लेकिन विभाग के अधिकारियों को खराब इंजीनियरिंग के चलते सड़कों का घटिया निर्माण नजर नहीं आ रहा है. और न ही बड़ी-बड़ी झाड़ियां और करब जो सड़क पर बनी सफेद लाइन को पार कर सड़क पर गईं हैं, जो सड़क दुर्घटनाओं का वाजिब कारण हैं.

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कासगंज: कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स के कारण यहां सड़क दुर्घटनाओं में भारी इजाफा हुआ है. आज ईटीवी भारत ने जिले के दो बड़े ब्लैक स्पॉट्स की पड़ताल की. साथ ही स्थानीय लोगों व अधिकारियों से उक्त समस्या पर बात भी की. ताकि असल हकीकत सामने आ सके. कासगंज में पिछले साल की सड़क दुर्घटनाओं के अगर आंकड़ों पर गौर करें तो सड़कों पर खराब इंजीनियरिंग और विभागीय लापरवाही के कारण करीब 377 सड़क दुर्घटनाओं में 192 लोगों की मौत हो चुकी है.

प्रशासन के अनुसार जिन जगहों पर अधिक दुर्घटनाएं होती हैं, उन स्थानों को ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर दिया जाता है. लेकिन आईआईटी दिल्ली की टीम ने कासगंज की सड़कों पर 17 जगहों को चिन्हित किया था, जहां सड़क निर्माण व इंजीनियरिंग की खामियों के चलते सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं.

कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स

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लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन सुधीर कुमार का तर्क है कि जिस जगह पर अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, वह ब्लैक स्पॉट बन जाते हैं. जबकि आईआईटी दिल्ली की टीम ने सड़क दुर्घटनाओं का कारण निर्माण के दौरान सड़कों के मोड़ पर मानक के अनुरूप ढाल अर्थात सुपर एलिवेशन नहीं लिए जाने के बारे में बताया है.

एक्सईएन सुधीर कुमार ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के दो मुख्य कारण सामने आए हैं.पहला तीव्र गति और दूसरा असावधानी. उन्होंने कहा कि इन ब्लैक स्पॉट्स को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स
कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स

वहीं, एआरटीओ राजेश राजपूत ने बताया कि तेज गति से वाहन चलाना दुर्घटना का मुख्य कारण है. जिसको लेकर हमने दोपहिया वाहन चालकों के लिए अधिकतम गति सीमा 40 किलोमीटर प्रतिघंटा और चार पहिया वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित कर दी गई है.

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साथ उन्होंने बताया कि पटियाली क्षेत्र में सड़क किनारे भारी मात्रा करब हैं और ठंड के दौरान कोहरे पड़ने की स्थिति में यहां दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं. ऐसे में जल्द ही वन विभाग से बात कर सड़क किनारों से करब हटवाए जाएंगे.

कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स
कासगंज की सड़कों पर बने 17 ब्लैक स्पॉट्स

कुल मिलाकर कहे तो सभी विभाग के अधिकारी सड़क दुर्घटनाओं का बड़ा कारण तेज रफ्तार और वाहन चलाने में लापरवाही मान रहे हैं. लेकिन विभाग के अधिकारियों को खराब इंजीनियरिंग के चलते सड़कों का घटिया निर्माण नजर नहीं आ रहा है. और न ही बड़ी-बड़ी झाड़ियां और करब जो सड़क पर बनी सफेद लाइन को पार कर सड़क पर गईं हैं, जो सड़क दुर्घटनाओं का वाजिब कारण हैं.

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