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जानें... कितनी कामयाब है ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली

विश्व भर में फैली कोरोना महामारी ने उद्योग-धंधों की रफ्तार को धीमा कर दिया है, तो वहीं इसका व्यापक असर शिक्षा व्यवस्था पर भी पड़ा है. शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से चालू रखने के लिए ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली एक विकल्प बनी. यह प्रणाली कुछ छात्रों के लिए के वरदान साबित हुई तो कुछ लोगों के लिए समस्या बनकर रह गई. ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था की हकीकत जानने के लिए ये रिपोर्ट पढ़िए...

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छात्र-छात्राओं ने बयां की ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था की हकीकत
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Published : Aug 27, 2020, 1:34 PM IST

कासगंजः वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देश भर के स्कूल, कॉलेजों को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद छात्र-छात्राओं को अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसी क्रम में कासगंज जिले के भी स्कूल, कॉलेज बंद हो गए थे. ऐसे महौल में स्कूल, कॉलेजों ने ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली का विकल्प चुना.

ऑनलाइन क्लॉस लेने में छात्र-छात्राओं को हो रही समस्या

ऑनलाइन शिक्षा से कुछ छात्र-छात्राओं को लाभ हुआ, वहीं कुछ छात्रों के लिए यह एक समस्या बन गई. ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने कुछ छात्र-छात्राओं एवं अभिवावकों से बातचीत की.

छात्रों ने बयां की ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था की हकीकत
लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल, कॉलेजों को बंद कर दिया गया था. जिससे छात्र-छात्राओं को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि विकल्प के रूप में कुछ स्कूल, कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली की शुरुआत की है. ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था से समग्र छात्र-छात्राएं संतुष्ट नहीं हैं. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत ने कासगंज जिले के कुछ छात्र-छात्रों से बातचीत की. बातचीत के दौरान छात्र-छात्राओं ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था से उन्हें काफी दिक्कतें आ रहीं हैं.

छात्र-छात्राओं ने बताया कि अक्सर नेटवर्क की समस्या रहती है. जिसके कारण अध्यापकों की आवाज साफ सुनाई नहीं देती है. छात्रों का कहना है कि अध्यापक की आवाज रुक-रुक कर सुनाई देती है. जिसे समझना मुश्किल हो जाता है. कुछ छात्रों ने बताया कि ऑनलाइन क्लॉस में बार-बार सर्वर डिस्कनेक्ट हो जाता है.

अभिवावक ऑनलाइन क्लॉस को मान रहे फीस वसूलने का जरिया
लॉकडाउन के दौरान देश भर के उद्योग-धंधों पर इसका काफी असर पड़ा है. लॉकडाउन का असर शिक्षा प्रणाली भी पड़ा है. विकल्प के रूप में ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था तो हुई, लेकिन शत प्रतिशत पूरी तरह कामयाब नहीं हुई. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत की टीम ने कासगंज जनपद के कुछ लोगों की राय जानी. इस दौरान ऑनलाइन शिक्षा ले रहे छात्रों के अभिवावक इस प्रणाली से असंतुष्ट नजर आए.

बातचीत के दौरान मिथुन गुप्ता ने बताया कि ऑनलाइन सिस्टम से पढ़ाई पर असर पढ़ रहा है, बच्चों की पढ़ाई ठीक से नहीं हो पा रही है. ऑनलाइन क्लॉस से बच्चों को मात्र घर से बाहर जाने से छुटकारा मिल गया है. इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई तो नाम मात्र है. ऑनलाइन क्लॉस निजी स्कूलों की फीस वसूलने का जरिया बन गए हैं. एक अन्य व्यक्ति शिव कुमार ने बताया कि नेटवर्क की समस्या के कारण ऑनलाइन क्लॉस लेने में बहुत समस्या होती है. नेटवर्क कम होने के कारण मकान की छत पर जाना पड़ता है. शिव कुमार का कहना है कि ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से कामयाब नहीं है.

कासगंजः वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देश भर के स्कूल, कॉलेजों को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद छात्र-छात्राओं को अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसी क्रम में कासगंज जिले के भी स्कूल, कॉलेज बंद हो गए थे. ऐसे महौल में स्कूल, कॉलेजों ने ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली का विकल्प चुना.

ऑनलाइन क्लॉस लेने में छात्र-छात्राओं को हो रही समस्या

ऑनलाइन शिक्षा से कुछ छात्र-छात्राओं को लाभ हुआ, वहीं कुछ छात्रों के लिए यह एक समस्या बन गई. ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने कुछ छात्र-छात्राओं एवं अभिवावकों से बातचीत की.

छात्रों ने बयां की ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था की हकीकत
लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल, कॉलेजों को बंद कर दिया गया था. जिससे छात्र-छात्राओं को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि विकल्प के रूप में कुछ स्कूल, कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली की शुरुआत की है. ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था से समग्र छात्र-छात्राएं संतुष्ट नहीं हैं. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत ने कासगंज जिले के कुछ छात्र-छात्रों से बातचीत की. बातचीत के दौरान छात्र-छात्राओं ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था से उन्हें काफी दिक्कतें आ रहीं हैं.

छात्र-छात्राओं ने बताया कि अक्सर नेटवर्क की समस्या रहती है. जिसके कारण अध्यापकों की आवाज साफ सुनाई नहीं देती है. छात्रों का कहना है कि अध्यापक की आवाज रुक-रुक कर सुनाई देती है. जिसे समझना मुश्किल हो जाता है. कुछ छात्रों ने बताया कि ऑनलाइन क्लॉस में बार-बार सर्वर डिस्कनेक्ट हो जाता है.

अभिवावक ऑनलाइन क्लॉस को मान रहे फीस वसूलने का जरिया
लॉकडाउन के दौरान देश भर के उद्योग-धंधों पर इसका काफी असर पड़ा है. लॉकडाउन का असर शिक्षा प्रणाली भी पड़ा है. विकल्प के रूप में ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था तो हुई, लेकिन शत प्रतिशत पूरी तरह कामयाब नहीं हुई. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत की टीम ने कासगंज जनपद के कुछ लोगों की राय जानी. इस दौरान ऑनलाइन शिक्षा ले रहे छात्रों के अभिवावक इस प्रणाली से असंतुष्ट नजर आए.

बातचीत के दौरान मिथुन गुप्ता ने बताया कि ऑनलाइन सिस्टम से पढ़ाई पर असर पढ़ रहा है, बच्चों की पढ़ाई ठीक से नहीं हो पा रही है. ऑनलाइन क्लॉस से बच्चों को मात्र घर से बाहर जाने से छुटकारा मिल गया है. इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई तो नाम मात्र है. ऑनलाइन क्लॉस निजी स्कूलों की फीस वसूलने का जरिया बन गए हैं. एक अन्य व्यक्ति शिव कुमार ने बताया कि नेटवर्क की समस्या के कारण ऑनलाइन क्लॉस लेने में बहुत समस्या होती है. नेटवर्क कम होने के कारण मकान की छत पर जाना पड़ता है. शिव कुमार का कहना है कि ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से कामयाब नहीं है.

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