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CM Yogi के गोस्वामी तुलसीदास के जन्म स्थान को लेकर की गई टिप्पणी का तीर्थ नगरी सोरों में विरोध

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा की कार्यवाही में गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली चित्रकूट के राजापुर को संबोधित किया था. इसको लेकर सोरों के लोग नाराज हैं और विरोध में उतर आए हैं.

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Published : Mar 21, 2023, 7:30 PM IST

कासगंज: श्री रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की जन्म स्थली को लेकर यूपी के कासगंज की तीर्थ नगरी सोरों जी शूकर क्षेत्र और चित्रकूट के राजापुर के बीच वर्षों से विवाद चला आ रहा है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सदन की कार्यवाही के दौरान गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली चित्रकूट के राजापुर को बताए जाने का सोरों जी शूकर क्षेत्र के लोगों ने पुरजोर विरोध किया है. साथ ही राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन कासगंज जिलाधिकारी को सौंपा है.

दरअसल, 25 फरवरी 2023 को विधानसभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा श्रीरामचरितमानस के रचयिता महाकवि गोस्वामी तुलसीदास के जन्म स्थान को चित्रकूट जिले के राजापुर को बताया गया था. मुख्यमंत्री के इस भाषण के विरोध में मंगलवार को अखण्ड आर्यावर्त संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश शर्मा के नेतृत्व में सोरों वासियों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन कासगंज जिलाधिकारी हर्षिता माथुर को सौंपा.

भूपेश शर्मा ने कहा कि महाकवि गोस्वामी तुलसीदास का जन्म स्थान शूकर क्षेत्र सोरों जनपद कासगंज उत्तर प्रदेश है जबकि चित्रकूट जिले का राजापुर गांव उनका कर्मक्षेत्र है, जिसे पूर्व में अंग्रेजी शासनकाल के कई गजेटियर और साहित्य जगत के कई बड़े विद्वानों ने भी स्वीकार किया है. लेकिन, बड़े ही दुर्भाग्य का विषय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनीतिक लाभ पाने की दृष्टि से तुलसीदास के कर्म स्थान चित्रकूट जिले के गांव राजापुर को उनका जन्म स्थान बता कर एक बड़े विवाद को जन्म दिया है, जो बेहद ही निंदनीय है.

उन्होंने कहा कि उनके इस भाषण से सोरों शूकर क्षेत्र सहित पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के धर्म प्रेमियों की भावनाएं आहत हुई हैं. हम राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि केंद्र व राज्य सरकार के पदों पर बैठे ऐसे बड़े-बड़े नेताओं के ऐसे विवादित बयानों को संज्ञान में लेते हुए कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए जो राजनीतिक लाभ पाने के लिए महापुरुषों के जीवन पर अनर्गल टिप्पणी और विवादित बयान देने से नहीं चूकते. ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से कपिल पंडित, राधा-कृष्ण विजय, रामदास विश्वकर्मा, भोला पंडित, संजय तिवारी, बॉबी तिवारी,सौरभ गुप्ता,रामेश्वर दयाल महेरे आदि लोग शामिल थे.

ये भी पढ़ेंः UP में सड़क हो गई चोरी, PWD मंत्री के गृह जनपद में हुआ ये अनोखा मामला

कासगंज: श्री रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की जन्म स्थली को लेकर यूपी के कासगंज की तीर्थ नगरी सोरों जी शूकर क्षेत्र और चित्रकूट के राजापुर के बीच वर्षों से विवाद चला आ रहा है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सदन की कार्यवाही के दौरान गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली चित्रकूट के राजापुर को बताए जाने का सोरों जी शूकर क्षेत्र के लोगों ने पुरजोर विरोध किया है. साथ ही राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन कासगंज जिलाधिकारी को सौंपा है.

दरअसल, 25 फरवरी 2023 को विधानसभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा श्रीरामचरितमानस के रचयिता महाकवि गोस्वामी तुलसीदास के जन्म स्थान को चित्रकूट जिले के राजापुर को बताया गया था. मुख्यमंत्री के इस भाषण के विरोध में मंगलवार को अखण्ड आर्यावर्त संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश शर्मा के नेतृत्व में सोरों वासियों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन कासगंज जिलाधिकारी हर्षिता माथुर को सौंपा.

भूपेश शर्मा ने कहा कि महाकवि गोस्वामी तुलसीदास का जन्म स्थान शूकर क्षेत्र सोरों जनपद कासगंज उत्तर प्रदेश है जबकि चित्रकूट जिले का राजापुर गांव उनका कर्मक्षेत्र है, जिसे पूर्व में अंग्रेजी शासनकाल के कई गजेटियर और साहित्य जगत के कई बड़े विद्वानों ने भी स्वीकार किया है. लेकिन, बड़े ही दुर्भाग्य का विषय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनीतिक लाभ पाने की दृष्टि से तुलसीदास के कर्म स्थान चित्रकूट जिले के गांव राजापुर को उनका जन्म स्थान बता कर एक बड़े विवाद को जन्म दिया है, जो बेहद ही निंदनीय है.

उन्होंने कहा कि उनके इस भाषण से सोरों शूकर क्षेत्र सहित पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के धर्म प्रेमियों की भावनाएं आहत हुई हैं. हम राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि केंद्र व राज्य सरकार के पदों पर बैठे ऐसे बड़े-बड़े नेताओं के ऐसे विवादित बयानों को संज्ञान में लेते हुए कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए जो राजनीतिक लाभ पाने के लिए महापुरुषों के जीवन पर अनर्गल टिप्पणी और विवादित बयान देने से नहीं चूकते. ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से कपिल पंडित, राधा-कृष्ण विजय, रामदास विश्वकर्मा, भोला पंडित, संजय तिवारी, बॉबी तिवारी,सौरभ गुप्ता,रामेश्वर दयाल महेरे आदि लोग शामिल थे.

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