लखनऊ: केन्द्र में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में प्रस्तुत किया, जिसमें कृषि और सिंचाई पर सरकार का फोकस दिखाई दिया. इस क्षेत्र के लिए 1.2 लाख करोड़ के फंड की व्यवस्था सरकार करने जा रही है. वहीं 2020-2021के लिए 15 लाख करोड़ रुपये कृषि ऋण का लक्ष्य भी सरकार ने रखा है. इस बजट को लेकर किसानों में नाखुशी है.
आम बजट पर क्या है किसानों का कहना
कासगंज: केंद्र में सरकार बनने के बाद मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट आज संसद में पेश हो गया. बजट पेश होने के बाद कासगंज जनपद में किसानों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार को किसानों की आय बेहतर करने के ज्यादा प्रयास करने चाहिए. साथ ही खाद का भी दाम घटाना चाहिए.
केन्द्रीय बजट में किसानों के लिए किए गए प्रावधानों पर जनपद के किसानों का कहना था कि अभी तक उनकी फसल की पैदावार अच्छी हो रही है. मटर और आलू के दाम भी ठीक मिल रहे हैं. किसान रेल चलाकर सरकार अच्छा काम कर रही है. वहीं एक अन्य किसान ने बात करते हुए कहा कि फसल का पैसा तो ठीक मिल रहा है, लेकिन सरकार को खाद कम पैसे में उपलब्ध हो, इस पर भी ध्यान देना चाहिए.
यहां योजनाओं का लाभ नहीं, किसानों को मिलते हैं 'नोटिस'
शामली: उत्तर प्रदेश का शामली जिला गन्ना बेल्ट में आता है. यहां अधिकांश किसान गन्ने की खेती करते हैं, जो सरकार द्वारा पेश किए गए बजट से नाखुश नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं, सरकार की ओर से सिर्फ नोटिस मिलते हैं. फसल का दाम भी समय से नहीं मिलता. ऐसे में किसानों की आय दोगुनी कैसे हो सकती है?
किसानों का कहना है कि आय दोगुनी करना तो दूर, उन्हें फसल का उचित दाम भी समय पर नहीं मिल पा रहा है. बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है. किसान लगातार कर्ज के बोझ में दब रहा है. किसानों को समय से फसल का दाम नहीं मिल रहा. इसके उलट उन पर मुकदमें और नोटिस जरूर मिल रहे हैं.
बजट पेश होने के बाद सपाइयों ने वित्त मंत्री के पुतले की निकाली अर्थी
मिर्जापुर: देश का आम बजट पेश होने के कुछ घंटे बाद ही जिले में विरोध शुरू हो गया. शनिवार को सपा कार्यकर्ताओं ने केबीपीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष आकाश यादव के नेतृत्व में केंद्रीय बजट का विरोध जताते हुए लोहिया ट्रस्ट कार्यालय से हाथों में तख्तियां लेकर रमई पट्टी तिराहे होते हुए कचहरी चौकी के सामने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पुतले की अर्थी को फूंका. साथ ही विरोध प्रदर्शन किया और वित्त मंत्री के विरोध में नारे लगाए.
पुलिस ने फूंक रहे पुतले की अर्थी को अपने कब्जे में ले लिया. कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय बजट का विरोध करते हुए कहा कि इस बजट में से हम लोग निराश हैं. युवाओं और किसानों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है. किसानों को सपने दिखाए जा रहे हैं और कभी भी पूरे होने वाले नहीं हैं.