कासगंज: पुलिस ने वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश के कासगंज और नोएडा में हुई चार हत्याओं का खुलासा किया. आरोपी राकेश के परिजनों ने जिस युवक को मृत बताया था, उसने अपनी पत्नी और दो बच्चों की हत्या करने के बाद अपनी मौत का ड्रामा रचा था. इसके लिए अपनी कद-काठी के दोस्त को मौत के घाट उतार दिया था. उसका शव आरोपी ने रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था.
परिजनों ने बकायदा उसके शव की पहचान की थी, लेकिन डीएनए की जांच से आरोपी की पोल खुल गयी. पुलिस ने तीन साल पहले हुई 4 लोगों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी समेत छह को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों में एक महिला सिपाही भी है. उसके साथ प्रेम प्रसंग के चलते यह वारदात हुई. पुलिस ने आरोपी की पत्नी और दो बच्चों के कंकाल नोएडा के घर से बरामद किए. आरोपी ने तीनों को दफनाने के बाद जमीन पर सीमेंट की फर्श बनवा दी थी.
26 अप्रैल 2018 को कासगंज थाना ढोलना क्षेत्र के ग्राम मारूपुर के जंगल में रेलवे लाइन के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था, जिसका सिर, हाथ के पंजे कटे हुए थे. अज्ञात शव की पहचान कपड़ों और शरीर की बनावट के आधार पर राजीव पुत्र बनवारी निवासी नौगवां, थाना गंगीरी जनपद अलीगढ़ ने अपने भाई राकेश के रूप में की थी. राकेश के भाई ने थाना ढोलना पर राकेश के ससुराल वालों के खिलाफ हत्या कर शव को फेंकने का मामला दर्ज कराया था. मृतक की पहचान पूरी तरह स्पष्ट न होने के कारण सैम्पल डीएनए परीक्षण के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा भेजा गया. विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा ने अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि वह सैम्पल राकेश का न होकर किसी अन्य का है.
राकेश की पत्नी रत्नेश के बच्चों सहित गायब होने के सम्बन्ध में रत्नेश के पिता मोतीलाल ने थाना बिसरख, जनपद नोएडा में दामाद राकेश, ससुर एवं अन्य परिजनों के विरूद्ध मामला पंजीकृत कराया था, जिसकी जांच की जा रही थी. राकेश को थाना बिसरख पुलिस ने कई बार पूछताछ के लिए थाने पर बुलाया गया लेकिन वो हर बार कहता रहा कि उसको कोई जानकारी नहीं है.
हत्या के आरोप से बचने के लिए राकेश ने अपने परिवार के साथ मिलकर अपने मरने का ड्रामा रचा. उसने अपने ही गांव के अपने जैसे शरीर की बनावट वाले अपने दोस्त राजेन्द्र उर्फ कलुआ पुत्र दिलीप सिंह को मोटर साइकिल पर बिठाया. उसे शराब पिलाई. फिर थाना ढोलना क्षेत्र के गांव मारुपुर के जंगल में रेलवे लाइन के पास गंडासे से उसकी हत्या कर दी. पहचान छिपाने के लिए उसका सिर, हाथों के पंजे काट दिए ताकि उसकी पहचान न हो सके. राकेश ने दोस्त राजेंद्र को अपने कपड़े पहना दिए तथा अपना पहचान पत्र भी उसके पास फेंक दिया. पुलिस के सामने राकेश ने अपनी हत्या का ड्रामा रचने के लिए, अपने भाई राजीव कुमार के जरिए राजेंद्र के शव की पहचान खुद के रूप में करायी. साथ ही अपनी हत्या का फर्जी मामला अपने ससुर मोतीलाल, साले जितेन्द्र और रवि के विरूद्ध दर्ज कराया.
राकेश ने दिलीप शर्मा पुत्र सुभाष शर्मा निवासी कुक्कन पट्टी जनपद कुशीनगर नाम से दूसरा आधार कार्ड बनवाया तथा खुद हरियाणा के पानीपत के मछरौली नाम के गांव में पहले मजदूरी करने लगा और बाद में राजमिस्त्री बनकर काम करने लगा. इस दौरान वो अपनी प्रेमिका रूबी के सम्पर्क में हमेशा रहा. राकेश 1 सितंबर 2021 को रूबी से मिलने कासगंज से होकर गंगीरी जा रहा था. इसी बीच कासगंज पुलिस ने राकेश को गिरफ्तार कर लिया.
थाना ढोलना पुलिस, एसओजी, सर्विलांस टीम ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने पूरा राज उगल दिया. इसके बाद पुलिस राकेश को साथ लेकर गयी और मारूपुर के जंगल से दोस्त राजेन्द्र उर्फ कलुआ की हत्या में इस्तेमाल किया गया गंडासा बरामद कर लिया. इसके बाद थाना बिसरख जनपद नोएडा के मकान के बेसमेंट को खुदवा कर राकेश की पत्नी और दोनों बच्चों के कंकाल और हत्या में इस्तेमाल की गयी लोहे की रॉड पुलिस ने बरामद की.
इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसमें अलीगढ के गांव नौगवां निवासी राकेश पुत्र बनवारी लाल, बनवारी पुत्र रामस्वरूप, राजीव पुत्र बनवारी लाल, प्रवेश पुत्र बनवारी लाल, इन्द्रवती पत्नी बनवारी लाल और रूबी पुत्री तेज सिंह शामिल हैं. पुलिस अधीक्षक कासगंज रोहन प्रमोद बोत्रे ने सराहनीय कार्य करने वाली पुलिस टीम को 25000 रुपये पुरुस्कार के रूप में देने की घोषणा की.