कासगंजः उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है और तैयारियां शुरू हो गई हैं. आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के बाद जिले में भी प्रत्याशियों ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं. पंचायत चुनाव की तैयारी और ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यों का जायजा लेने ETV BHARAT की टीम जिले के पटियाली ब्लॉक की उस ग्राम पंचायत नगला अमीर में पहुंची, जिस गांव के रहने वाले राजेन्द्र सिंह चौहान तीन बार विधायक और एक बार दर्जा प्राप्त मंत्री रह चुके हैं. ग्रामीणों का कहना है कि राजेंद्र सिंह के समय में ही जो हो सका वो हुआ, उसके बाद किसी जनप्रतिनिधि ने इस गांव की सुध नहीं ली. इस वजह से यह गांव विकास कार्यों से अछूता रहा.
गांव में नहीं नाली, सड़कें खस्ताहाल
पूर्व मंत्री स्व. राजेन्द्र सिंह चौहान के भाई धरम सिंह चौहान ने बताया कि इस गांव में कोई विकास कार्य अब तक नहीं हुए.उन्होंने बताया कि गांव में नाली है और न ही खड़ंजा है. इसके अलावा सड़क भी खस्ताहाल है और शौचालय भी आधे अधूरे बने पड़े हैं. वहीं एक ग्रामीण ने कहा कि हम अबकी बार उस ग्राम प्रधान को चुनेंगे जो विकास कार्य कराए. वहीं एक ग्रामीण महिला ने कहा कि गांव में किसी की पेंशन नहीं बनी है और सड़कें ऊबड़ खाबड़ हैं.
जरूरतमंदों को नहीं मिला प्रधानमंत्री आवास
एक ग्रामीण ने कहा कि गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना भी बहुत कम लोगों को मिले हैं. ग्राम प्रधान सिर्फ वोट के समय ही आते हैं उसके बाद वो दिखाई नहीं देते. इस बार विकास कराने वाले को ही वोट देंगे. वहीं एक ग्रामीण मुनेंद्र सिंह ने बताया कि खड़जा लगभग 15 साल पुराना बिछा हुआ है. गलियों और सड़कों का पुनर्निर्माण भी नहीं हुआ है. ग्रामीण अर्जुन सिंह चौहान ने बताया कि हम ऐसा प्रधान चाहते हैं सबका साथ सबका विश्वास और सबका विकास करे.