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कासगंज: गंगा से सटे इलाकों में बाढ़ जैसे हालात, सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न - uttar pradesh news

उत्तर प्रदेश के जनपद कासगंज में गंगा में अचानक बढ़े जलस्तर से बाढ़ जैसे हालात पैदा होने शुरू हो गए हैं. गंगा से सटे इलाकों में किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है.

flood situation in kasganj
गावों में घुसा बाढ़ का पानी
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Published : Aug 5, 2020, 5:00 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 2:35 PM IST

कासगंज: जिले में प्रति वर्ष प्रशासन के नाकाफ़ी इंतजामों के बीच 12 से ज्यादा गांव बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं, जिसके चलते कई ग्रामीणों को पलायन भी करना पड़ता है. इस वर्ष भी गंगा में अचानक बढ़े जलस्तर से कादरगंज खाम ग्राम पंचायत के तिलक नगला और ओम नगरिया चौराहे के आस-पास के किसानों के खेतों में गंगा का पानी घुस गया.

किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है. पानी भरने से फसलें चौपट होने की कगार पर हैं, लेकिन प्रशासन मात्र कागजी आंकड़ों में उलझा हुआ है और कह रहा है कि अभी बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं. किसानों ने बताया कि उनकी बाजरा, मक्का, गन्ना, धान और शकलकन्दी की फसलों में गंगा का पानी भर गया है, जिससे फसल नष्ट होने की कगार पर हैं.

गंगा से सटे इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

आने वाले दिनों में भीषण बाढ़ की कल्पना करते ही किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आ रहीं हैं. बावजूद इसके अधिकारी गंगा के एक किनारे मेहुला बांध का निरीक्षण कर खानापूर्ति कर चलते बने. लेकिन गंगा के दूसरे छोर कादरगंज खाम पंचायत के निकट जहां किसान प्रभावित हैं, वहीं अभी तक कोई अधिकारी दौरा करने नहीं पहुंचा है.

उप जिलाधिकारी शिवकुमार ने बताया कि नरौरा से 80 हजार 296 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके चलते गंगा का जलस्तर बढ़ा है. मेंहुला बांध का निरीक्षण किया गया है, लेकिन अभी बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि हो सकता है कि कुछ किसानों के खेतों में पानी पहुंचा हो. वहीं क्षेत्र में लेखपालों को तैनात कर दिया गया है, जहां बांध की मरम्मत होनी थी, उसकी मरम्मत कराई गई है.

कासगंज: जिले में प्रति वर्ष प्रशासन के नाकाफ़ी इंतजामों के बीच 12 से ज्यादा गांव बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं, जिसके चलते कई ग्रामीणों को पलायन भी करना पड़ता है. इस वर्ष भी गंगा में अचानक बढ़े जलस्तर से कादरगंज खाम ग्राम पंचायत के तिलक नगला और ओम नगरिया चौराहे के आस-पास के किसानों के खेतों में गंगा का पानी घुस गया.

किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है. पानी भरने से फसलें चौपट होने की कगार पर हैं, लेकिन प्रशासन मात्र कागजी आंकड़ों में उलझा हुआ है और कह रहा है कि अभी बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं. किसानों ने बताया कि उनकी बाजरा, मक्का, गन्ना, धान और शकलकन्दी की फसलों में गंगा का पानी भर गया है, जिससे फसल नष्ट होने की कगार पर हैं.

गंगा से सटे इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

आने वाले दिनों में भीषण बाढ़ की कल्पना करते ही किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आ रहीं हैं. बावजूद इसके अधिकारी गंगा के एक किनारे मेहुला बांध का निरीक्षण कर खानापूर्ति कर चलते बने. लेकिन गंगा के दूसरे छोर कादरगंज खाम पंचायत के निकट जहां किसान प्रभावित हैं, वहीं अभी तक कोई अधिकारी दौरा करने नहीं पहुंचा है.

उप जिलाधिकारी शिवकुमार ने बताया कि नरौरा से 80 हजार 296 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके चलते गंगा का जलस्तर बढ़ा है. मेंहुला बांध का निरीक्षण किया गया है, लेकिन अभी बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि हो सकता है कि कुछ किसानों के खेतों में पानी पहुंचा हो. वहीं क्षेत्र में लेखपालों को तैनात कर दिया गया है, जहां बांध की मरम्मत होनी थी, उसकी मरम्मत कराई गई है.

Last Updated : Aug 19, 2020, 2:35 PM IST
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