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इस गरीब परिवार को मदद की दरकार, पति को है कैंसर और आमदनी मात्र 1000

एक तरफ सरकार जहां देश को डिजिटल इंडिया बनाने का ख्वाब देख रही है, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में एक परिवार ऐसा भी है, जिस परिवार में बच्चों ने आर्थिक तंगी के चलते अपनी पढ़ाई छोड़ दी है. घर के मुखिया को कैंसर है, ऐसे में घर का खर्च पत्नी चलाती है. इस परिवार की महीने की इनकम मात्र 1000 रुपये है.

कासगंज में परिवार को है मदद की दरकार.
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Published : Sep 9, 2019, 5:26 PM IST

कासगंज: योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार गरीब जरूरतमंद लोगों के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही है, लेकिन आधी-अधूरी योजनाएं ही लोगों तक पहुंच पा रही हैं. ऐसा ही एक मामला कासगंज जनपद की पटियाली ब्लॉक के ग्राम गढ़िया धौकल से सामने आया है. यहां की निवासी करुणा जो एक सरकारी स्कूल में रसोइया का कार्य करती है, जिसके एवज में उसे मात्र एक हजार रुपये महीना मिलता है और उसी से उसका घर खर्च चलता है.

ईटीवी भारत संवाददाता ने परिवार के सदस्यों से बातचीत की.

पति को है गले में कैंसर
दरअसल, करुणा के पति के गले में कैंसर है, जिसके चलते करुणा की डेढ़ बीघा जमीन भी इलाज की भेंट चढ़ गई. अब करुणा का परिवार झोपड़ी में रहता है. बारिश के मौसम में परिवार को दूसरे घर में शरण लेनी पड़ती है. करुणा के परिवार की आर्थिक तंगी का आलम यह है कि उनके दो बेटे अंकित ने नवीं और गुलशन ने ग्यारहवीं की पढ़ाई इसी वर्ष छोड़ दी है.

पढ़ें- कासगंज: श्रद्धालुओं के खाने में निकली छिपकली, फूड पॉइजनिंग से 12 की बिगड़ी तबीयत

बचत के रुपये से होता है कैंसर का इलाज
उनके पास इतने पैसे नहीं है कि अभी आगे की कक्षा में एडमिशन ले सकें. परिवार जो पैसे मेहनत मजदूरी करके बचाता है, वो पिता के कैंसर के इलाज में लग जाते हैं. गांव वालों से खाने-पीने का सामान मिल जाता है, जिसके सहारे वह जीवन यापन कर रहे हैं.

उज्ज्वला व सौभाग्य योजना का मिला लाभ
ऐसे में परिवार को एक बड़ी सरकारी मदद की दरकार है. गनीमत है कि परिवार को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिला हुआ है और सौभाग्य योजना के तहत बिजली का फ्री कनेक्शन मिला हुआ है.

परिवार ने लगाई मदद की गुहार
करुणा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी से आवास दिलाने और पति के कैंसर के इलाज का खर्च उठाने की मांग की है. वहीं करुणा के दोनों बेटों ने योगी सरकार से उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए मदद की गुहार लगाई है.


मामले की जांच कराई जाएगी और मैं स्वयं मौके पर जाकर इस मामले का निरीक्षण करूंगा. अगर वंचित सूची में उसका नाम होगा और अगर नहीं होता है तो उसका नाम वंचित सूची में दर्ज कराकर उसके लिए आवास की व्यवस्था की जाएगी. आर्थिक मदद दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.
एसएन श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी

कासगंज: योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार गरीब जरूरतमंद लोगों के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही है, लेकिन आधी-अधूरी योजनाएं ही लोगों तक पहुंच पा रही हैं. ऐसा ही एक मामला कासगंज जनपद की पटियाली ब्लॉक के ग्राम गढ़िया धौकल से सामने आया है. यहां की निवासी करुणा जो एक सरकारी स्कूल में रसोइया का कार्य करती है, जिसके एवज में उसे मात्र एक हजार रुपये महीना मिलता है और उसी से उसका घर खर्च चलता है.

ईटीवी भारत संवाददाता ने परिवार के सदस्यों से बातचीत की.

पति को है गले में कैंसर
दरअसल, करुणा के पति के गले में कैंसर है, जिसके चलते करुणा की डेढ़ बीघा जमीन भी इलाज की भेंट चढ़ गई. अब करुणा का परिवार झोपड़ी में रहता है. बारिश के मौसम में परिवार को दूसरे घर में शरण लेनी पड़ती है. करुणा के परिवार की आर्थिक तंगी का आलम यह है कि उनके दो बेटे अंकित ने नवीं और गुलशन ने ग्यारहवीं की पढ़ाई इसी वर्ष छोड़ दी है.

पढ़ें- कासगंज: श्रद्धालुओं के खाने में निकली छिपकली, फूड पॉइजनिंग से 12 की बिगड़ी तबीयत

बचत के रुपये से होता है कैंसर का इलाज
उनके पास इतने पैसे नहीं है कि अभी आगे की कक्षा में एडमिशन ले सकें. परिवार जो पैसे मेहनत मजदूरी करके बचाता है, वो पिता के कैंसर के इलाज में लग जाते हैं. गांव वालों से खाने-पीने का सामान मिल जाता है, जिसके सहारे वह जीवन यापन कर रहे हैं.

उज्ज्वला व सौभाग्य योजना का मिला लाभ
ऐसे में परिवार को एक बड़ी सरकारी मदद की दरकार है. गनीमत है कि परिवार को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिला हुआ है और सौभाग्य योजना के तहत बिजली का फ्री कनेक्शन मिला हुआ है.

परिवार ने लगाई मदद की गुहार
करुणा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी से आवास दिलाने और पति के कैंसर के इलाज का खर्च उठाने की मांग की है. वहीं करुणा के दोनों बेटों ने योगी सरकार से उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए मदद की गुहार लगाई है.


मामले की जांच कराई जाएगी और मैं स्वयं मौके पर जाकर इस मामले का निरीक्षण करूंगा. अगर वंचित सूची में उसका नाम होगा और अगर नहीं होता है तो उसका नाम वंचित सूची में दर्ज कराकर उसके लिए आवास की व्यवस्था की जाएगी. आर्थिक मदद दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.
एसएन श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी

Intro:एक तरफ सरकार जहां देश को डिजिटल इंडिया बनाने का ख्वाब देख रही है तो वहीं दूसरी तरफ एक परिवार ऐसा भी है जिस परिवार में बच्चों ने आर्थिक तंगी के चलते अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। अगर आप उस परिवार की इनकम जानेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे। इस परिवार का मात्र ₹1000 महीने में घर चलता है।



Body:वीओ-1-योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार गरीब जरूरतमंद लोगों के लिए तरह तरह की योजनाएं चला रही है।ताकि गरीबों को इन योजनाओं का लाभ मिल सके लेकिन आधी अधूरी योजनाएं ही लोगों तक पहुंच पा रही हैं।
हम बात कर रहे हैं कासगंज जनपद की पटियाली ब्लाक के ग्राम गढ़िया धौकल की रहने वाली करुणा की जो एक सरकारी स्कूल में रसोईया का कार्य करती है जिसके एवज में उसे ₹1000 महीना मिलता है और उसी से उसका घर खर्च चलता है।
दर्शन करवा के पति के गले में कैंसर जिसके चलते करुणा की मात्र डेढ़ बीघा जमीन भी इलाज की भेंट चढ़ गई ।अब करुणा का परिवार 56 वा झोपड़ी में रहता है जो बारिश के महीने में धोखा दे जाती है जिसके चलते परिवार को दूसरे घर में शरण लेनी पड़ती है।कहना गलत न होगा कि प्रधानमंत्री आवास योजना मुंह चिढ़ाती नजर आ रही है। वही करुणा का पूरा परिवार पीले चावल खा कर गुजारा कर रहा है। अब भला ऐसे में डिजिटल इंडिया की बात करना बेमानी ना होगा।


वीओ-2- करुणा के परिवार की आर्थिक तंगी का आलम यह है कि अरुणा के दो बेटे अंकित ने नवीं कक्षा व गुलशन ने ग्यारहवीं की पढ़ाई इसी वर्ष छोड़ दी है। उनके पास इतने पैसे नहीं है कि अभी आगे की क्लास में एडमिशन ले सकें क्योंकि जो पैसे मेहनत मजदूरी करके बचाते हैं वो पिता के कैंसर के इलाज में लग जाते हैं। गांव वालों से होने खाने पीने का सामान मिल जाता है।जिसके सहारे वह जीवन यापन कर रहे हैं।ऐसे में परिवार को एक बड़ी सरकारी मदद की दरकार है। वह तो गनीमत है कि परिवार को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिला हुआ है और सौभाग्य योजना के तहत बिजली का फ्री कनेक्शन मिला हुआ है।
करुणा ने मुख्यमंत्री योगी प्रधानमंत्री मोदी से उसको आवास दिलाने एवं पति के कैंसर के इलाज का खर्च उठाने की मांग की है। वही करुणा के दोनों बेटों ने योगी सरकार से उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए मदद की गुहार लगाई है।

वीओ-3- वहीं खण्ड़ विकास अधिकारी विजय पाल सिंह ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी और मैं स्वयं मौके पर जाकर इस मामले का निरीक्षण करूंगा। पहले तो वंचित सूची में उसका नाम होगा और अगर नहीं होता है तो उसका नाम वंचित सूची में दर्ज कराकर उसके लिए आवास की व्यवस्था की जाएगी। और आर्थिक मदद दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

वन टू वन- करुणा (पीड़ित रसोइया)
वन टू वन -गुलशन /अंकित (करुणा के बेटे)

बाइट -1-शेर सिंह (पूर्व प्रधान)

बाइट-2- एसएन श्रीवास्तव (ज़िला विकास अधिकारी)





Conclusion:सरकार के द्वारा गरीबों के लिए बनाई जाने वाली योजनाओं में कई योजनाएं धरातल पर अपना असर नहीं दिखा पा रहीं हैं। इसका मुख्य कारण है के निचले स्तर पर जो कर्मचारी है ईमानदारी से कार्य नहीं कर रहे हैं। कहीं ना कहीं जनप्रतिनिधियों के भी ढुलमुल रवैये से सभी योजनाएं सही तरीके से लागू नहीं हो पाती। जिससे पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाता है।
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