कासगंज: जिले में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वाली एक और शिक्षिका की जानकारी सामने आई है. फर्जी शिक्षा की जानकारी मिलने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. यह शिक्षिका कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में 4 वर्षों से पढ़ा रही है. बीएसए द्वारा कराई जा रही 113 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच में यह मामला सामने आया है. फिलहाल बीएसए ने फर्जी शिक्षिका के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी है.
फर्जी दस्तावेजों पर कर रही थी नौकरी
फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी हासिल करने वाली अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद यूपी के कासगंज में एक और फर्जी शिक्षका का मामला सामने आया है. बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल ने शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. दरअसल मैनपुरी के भोगांव के मोहल्ला चौधरी की रहने वाली लक्ष्मी नाम की एक महिला के दस्तावेजों पर कासगंज के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय रानामऊ अमांपुर में एक फर्जी शिक्षिका 4 वर्षों से नौकरी कर रही थी.
डिग्रियों की जांच में हुआ खुलासा
बताया जा रहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल के द्वारा 113 शिक्षकों की डिग्रियों की जांच कराए जाने के बाद यह मामला सामने आया है. वहीं मामला खुलने के बाद फर्जी शिक्षका कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय रनामऊ अमांपुर से फरार हो गयी है. शिक्षका के खिलाफ अमांपुर थाने में शिक्षा विभाग द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसके बाद से लगातार पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है.
2016 से कर रही थी नौकरी
यह फर्जी शिक्षका मैनपुरी जिले के थाना भोगांव क्षेत्र के कस्बा चौधरी की नन्ने बाबू की पुत्री लक्ष्मी के अभिलेखों पर जून 2016 से कासगंज जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय रनामऊ अमांपुर में नौकरी कर रही थी. वहीं पुलिस और शिक्षा विभाग प्रपत्रों में हेराफेरी कर चार साल से नौकरी करने वाली फर्जी शिक्षका की फोटो के आधार पर उसकी तलाश में जुटी है. ये फर्जी शिक्षका कहां की थी और नौकरी लगवाने में कौन-कौन शामिल था, इसकी तलाश भी की जा रही है.